Tuhin Kanta Pandey: नए सेबी चीफ का एयर इंडिया और टाटा से क्या कनेक्शन?

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Tuhin Kanta Pandey: तुहिन कांता पांडे सेबी के नए चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं. माधबी पुरी बुच का कार्यकाल 1 मार्च 2025 में समाप्त होगा. पांडे एक अनुभवी आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने वित्त सचिव और डीआईपीएएम सचिव के…और पढ़ें

तुहिन कांता पांडे सेबी के नए चेयरमैन नियुक्त किए गए हैं.
हाइलाइट्स
- तुहिन कांता पांडे सेबी के नए चेयरमैन बने.
- पांडे ने एयर इंडिया के निजीकरण में अहम भूमिका निभाई.
- पांडे ने 2025-26 के बजट में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
Tuhin Kanta Pandey: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की जिम्मेदारी अब तुहिन कांता पांडे (Tuhin Kanta Pandey) के मजबूत कंधों पर डाली गई है. वे अब इस संस्थान के नए चेयरमैन होंगे. वह माधबी पुरी बुच की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 1 मार्च 2025 में खत्म हो रहा है. पांडे एक अनुभवी आईएएस अधिकारी हैं और वित्त सचिव के रूप में उनकी भूमिका ने उन्हें देश की आर्थिक नीतियों को आकार देने में मदद की है. सेबी के मुखिया के तौर पर उनका नेतृत्व भारतीय शेयर बाजार के लिए नई दिशा ला सकता है.
तुहिन कांता पांडे अब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के 11वें चेयरमैन बन गए हैं. कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने पांडे को तीन साल के लिए सेबी का प्रमुख नियुक्त किया है. पांडे 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में वित्त सचिव और राजस्व विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत हैं.
सितंबर 2024 में, टीवी सोमनाथन के कैबिनेट सचिव बनने के बाद पांडे ने वित्त सचिव का पद संभाला था. इससे पहले, उन्होंने सरकार में कई महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं, जैसे कि निवेश और सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) और सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) के सचिव. इन पदों पर रहते हुए, उन्होंने भारत की आर्थिक नीतियों, विनिवेश कार्यक्रमों और सार्वजनिक क्षेत्र के प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान दिया.
2025-26 के बजट में बड़ी भूमिका
तुहिन कांता पांडे ने हाल के वर्षों में कुछ बड़े वित्तीय निर्णयों में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने 2025-26 के बजट को आकार देने में मदद की, जिसमें मध्यम वर्ग को 1 लाख करोड़ रुपये का टैक्स राहत प्रदान की गई. इसके अलावा, उन्होंने नए आयकर बिल को तैयार करने में भी योगदान दिया, जो 1961 के आयकर अधिनियम को बदलने के लिए तैयार किया गया है.
डीआईपीएएम में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सचिवों में से एक होने के नाते तुहिन कांता पांडे ने सरकारी कंपनियों में सरकारी हिस्सेदारी के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उनके नेतृत्व में एयर इंडिया को टाटा समूह को बेचा गया, जो सरकार की सबसे बड़ी विनिवेश पहलों में से एक थी. इसके अलावा, आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया को भी उन्होंने संभाला, जो अभी भी जारी है.
क्या है तुहिन कांता पांडे की एजुकेशन
तुहिन कांता पांडे ने अपनी उच्च शिक्षा पंजाब यूनिवर्सिटी से प्राप्त की, जहां उन्होंने अर्थशास्त्र में मास्टर्स किया. इसके बाद, उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिंघम, यूके से एमबीए की डिग्री हासिल की. अपने करियर के दौरान, पांडे ने प्रशासनिक सेवा में कई अहम भूमिकाएं निभाईं. वे ओडिशा के संबलपुर जिले के कलेक्टर रहे हैं, जहां उन्होंने जिला प्रशासन की जिम्मेदारियां संभालीं. इसके अलावा, उन्होंने केंद्र सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में उप सचिव के रूप में भी कार्य किया. इसके साथ ही, वे स्वास्थ्य, परिवहन और वाणिज्यिक कर जैसे विभिन्न विभागों में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
2021 में, तुहिन कांता पांडे को नागरिक उड्डयन मंत्रालय में सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था, जहां उन्होंने विमानन क्षेत्र से जुड़ी नीतियों और प्रबंधन पर काम किया. उनके व्यापक अनुभव को देखते हुए, उम्मीद की जा रही है कि वे भारतीय शेयर बाजार और वित्तीय संस्थानों के नियमन में महत्वपूर्ण योगदान देंगे. उनकी नियुक्ति से बाजार में नई ऊर्जा और स्थिरता आने की संभावना जताई जा रही है.
New Delhi,New Delhi,Delhi
February 28, 2025, 10:29 IST
