RG Kar केस: उस मां की बेबसी समझिए, जिसके बेटे को मिली मरते दम तक जेल की सजा
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Kolkata Rape Murder Case: आरजी कर केस में दोषी संजय रॉय को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 64 (बलात्कार), 66 (मृत्यु का कारण बनने की सजा) और 103 (1) (हत्या) के तहत दोषी ठहराया गया.
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संजय रॉय को मरते दम तक जेल की सजा सुनाई गई है. (एएनआई)
कोलकाता. कोलकाता के आर जी कर अस्पताल की डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के मामले में सोमवार को आजीवन कारावास की सजा पाने वाले संजय रॉय की मां ने खुद घर में कैद कर लिया और फैसले पर टिप्पणी करने के लिए पत्रकारों से मिलने से इनकार कर दिया. इससे पहले दिन में जब मीडिया के सदस्य शहर में उनकी झुग्गी के सामने एकत्र होने लगे तो 75 वर्षीय महिला ने कहा कि वह ‘शर्मिंदा’ हैं और उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि वे उन्हें अकेला छोड़ दें.
सोमवार को जज द्वारा रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के कुछ ही मिनटों बाद उसकी मां ने खुद को घर में बंद कर लिया और बाहर एकत्रित पत्रकारों द्वारा फैसले के बारे में पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया. कुछ देर बाद, उन्होंने पत्रकारों से चिल्लाते हुए कहा, “मैं कुछ नहीं कहना चाहती. मैं हर बात के लिए शर्मिंदा हूं. आप कृपया चले जाइए.” फिर उन्होंने मुख्य दरवाजा अंदर से बंद कर लिया.
रॉय की मां मालती ने रविवार को कहा था कि तीन बेटियों की मां होने के नाते वह मृतक डॉक्टर के माता-पिता का दर्द समझ सकती हैं और उनके बेटे को जो भी सजा मिलेगी, वह उसका समर्थन करेंगी. अपनी झुग्गी के दरवाजे पर खड़ी मालती ने कहा था, “अगर अदालत उसे फांसी के फंदे पर लटकाने का फैसला करती है, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी, क्योंकि कानून की नजर में उसका अपराध सिद्ध हो चुका है. मैं अकेले में रोऊंगी, लेकिन इसे नियति का खेल मानकर स्वीकार कर लूंगी.”
न तो मालती और न ही संजय रॉय का कोई अन्य रिश्तेदार आज या उससे पहले अदालत में मौजूद था. संजय की तीन बहनों में एक बहन की कई साल पहले मौत हो चुकी है. मालती की झुग्गी के पास रहने वाली संजय की बड़ी बहन ने शनिवार को कहा, ‘मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि संजय घटनास्थल पर अकेला नहीं था. क्या अन्य लोग भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल थे, इसकी भी जांच होनी चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए.’ झुग्गी के पास जमा हुए पड़ोसियों के एक वर्ग ने कहा कि उनका मानना है कि संजय अकेले अपराध नहीं कर सकता और उसके साथ अन्य लोग भी रहे होंगे, जिनकी अब तक पहचान नहीं हो पाई है.
उसके पड़ोस में रहने वाली उर्मिला महतो ने कहा, “मैंने उसे बड़ा होते हुए देखा है. उसे बॉक्सिंग क्लास में भर्ती कराया गया था और तीन साल पहले उसे कोलकाता पुलिस की नागरिक स्वयंसेवक शाखा में शामिल किया गया था. उसके बाद, वह कोलकाता पुलिस बैरक में चला गया और हमने उसे इलाके में नहीं देखा.’ उन्होंने बताया कि बॉक्सिंग क्लब में शामिल होने के बाद वह शराब पीने लगा और बुरी संगत में पड़ गया. महतो ने कहा, ‘हालांकि, यह अकल्पनीय था कि उसे एक महिला के साथ बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराया जाएगा.’
कोलकाता स्थित सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पिछले साल अगस्त में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में शनिवार को दोषी करार दिए गए संजय रॉय को सियालदह की अदालत ने सोमवार को आजीवन कारवास की सजा सुनाई. सियालदह की अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनिर्बान दास ने शनिवार को रॉय को पिछले वर्ष नौ अगस्त को अस्पताल में पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के खिलाफ किए गए जघन्य अपराध के मामले में दोषी ठहराया था.
Kolkata,West Bengal
January 20, 2025, 19:30 IST
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