Relationship Advice: रिश्ते में बोलने से बचते हैं? खतरे की है घंटी!

Communication In Relationship: बातचीत हर समस्या का निदान है. अगर आप किसी से बेहतर रिश्ता बनाए रखना चाहते हैं तो खुलकर बातचीत करना जरूरी है. खासतौर पर अगर आप किसी रिश्ते में हैं, तो बातचीत यानी कम्यूनिकेशन आपकी बॉन्डिंग की नींव हो सकती है. लेकिन अगर आप या आपका पार्टनर बात करने से लगातार बचते हैं या हर छोटी बात पर चुप्पी साध लेते हैं, तो ये आदत खतरे की घंटी बन सकती है. रिश्तों में मौन हमेशा शांति का संकेत नहीं होता. यह धीरे-धीरे बढ़ती भावनात्मक दूरी की शुरुआत भी हो सकती है.
चुप्पी क्यों है रिश्तों के लिए खतरनाक?
अमेरिकन साइकोलॉजिकल असोसिएशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, आपस में बातचीत की कमी रिश्तों के टूटने की सबसे बड़ी वजहों में से एक है. विशेषज्ञों का मानना है कि जब बातचीत रुक जाती है, तो आपस में गलतफहमियां, दूरी और असंतोष बढ़ने लगता है. डॉ. जॉन गॉटमैन(Dr. John Gottman Marriage), जो कि रिलेशनशिप्स पर रिसर्च करने वाले फेमस साइकोलॉजिस्ट रहे हैं, उन्होंने ‘स्टोनवॉलिंग’ (बात करने से पूरी तरह बचना) को रिलेशनशिप खत्म करने वाले चार बड़े संकेतों में से एक माना है.
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ये संकेत बताते हैं कि आप संवाद से बच रहे हैं:
-आप अपनी भावनाएं पार्टनर से शेयर नहीं करते.
-किसी भी मुद्दे पर बहस या टकराव से बचने के लिए चुप रहते हैं.
-एक ही घर में रहकर भी अजनबियों जैसा महसूस होता है.
-आप दोनों के बीच बातचीत की बजाय चुप्पी ज़्यादा हो गई है.
कैसे बढ़ती है चुप्पी से दूरी?
जब आप खुलकर बात नहीं करते, तो धीरे-धीरे इमोशनल बॉन्डिंग कम हो जाता है. इससे प्यार की जगह उदासी, गलतफहमी और अकेलापन पनपने लगता है. अगर समय रहते इसे नहीं सुधारा गया, तो यह रिश्ता धीरे-धीरे टूटने की कगार पर पहुंच सकता है.
इस आदत को बदलने के आसान उपाय:
छोटी बातों से शुरुआत करें: ‘दिन कैसा रहा, मूड कैसा है’– इस तरह की बातों से रोज़ बातचीत की शुरुआत कर सकते हैं.
सुरक्षित माहौल दें: अपने पार्टनर को यह भरोसा दिलाएं कि वह बिना डरे अपनी बात कह सकता है.
‘मैं’ से बात करें शुरू: जैसे ‘तुम बात नहीं करते’, की बजाय कहें ‘मुझे दुख होता है जब हम बात नहीं करते.’
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डिवाइस फ्री समय रखें: कुछ समय मोबाइल और टीवी बंद कर सिर्फ एक-दूसरे से बात करें.
थेरेपिस्ट की मदद लें: अगर बात बन ही नहीं रही है, तो किसी रिलेशनशिप एक्सपर्ट की मदद लेने में झिझकें नहीं.
अगर आप या आपका पार्टनर बात करने से बचते हैं तो ये सिर्फ एक आदत नहीं- एक चेतावनी है. याद रखें, रिश्ते आपसी संवाद से चलते हैं, चुप्पी से नहीं. इसलिए अगर रिश्ते में दूरी महसूस हो रही है, तो पहला कदम है- बात करना शुरू करें.
