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Myths Vs Facts: गर्भनिरोधक गोलियां खाने से मूड स्विंग होते हैं? जानिए क्या है पूरा सच

क्या गर्भनिरोधक गोलियां लेने के बाद चिड़चिड़ापन, स्ट्रेस या इमोशनल उतार-चढ़ाव जैसा महसूस होता है? तो आप अकेले नहीं हैं. हालांकि ये गर्भनिरोधक गोलियां गर्भावस्था को रोकने और इरेगुलर पीरियड्स जैसी प्रॉब्लम को कम करने में काफी ज्यादा मदद करती हैं, लेकिन कभी-कभी ये आपकी इमोशनल स्थिति और मेंटल हेल्थ को भी काफी ज्यादा प्रभावित करती हैं. कई बार यह गोलियां लेने के बाद मूड स्विंग की परेशानी ज्यादातर महिलाओं को होती है. एक छोटी सी असुविधा भी आपको परेशान कर देती है. कई बार आपको उदासी जैसा फिल होगा तो वहीं दूसरे पल आपको सबकुछ अच्छा लगने लगेगा. 

हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि गर्भनिरोधक गोलियां फर्टिलिटी वाले हार्मोन को बैलेंस करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं. लेकिन ये वही हार्मोन दिमाग में कुछ केमिकल रिएक्श भी करते हैं जिसके कारण इसे लेने वाले लोग अक्सर मूड स्विंग की परेशानी से गुजरते हैं. यहां आपको गर्भनिरोधक गोलियों और मूड पर उनके संभावित प्रभाव के बारे में पता होना चाहिए. एबीपी हिंदी लाइव की Myths Vs Facts में इस टॉपिक पर हम विस्तार से बात करेंगे. दरअसल, हर गर्भनिरोधक गोलियां खाने से मूड स्विंग जैसी समस्या हो यह जरूरी नहीं. कुछ खास तरह की स्थिति में मूड स्विंग जैसी स्थिति होती है.

दो तरह की होती हैं गर्भनिरोधक गोलिंया

गर्भनिरोधक गोलियां दो तरह की होती हैं. एक को संबंध बनाने के तुरंत बाद लिया जाता है और दूसरी का सेवन मासिक अनुसूचि के हिसाब से नियमित रूप से किया जाता है.

संबंध बनाने के तुरंत बाद ली जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियां भी दो प्रकार की होती हैं. एक गोली को तो 24 घंटे के अंदर लेना होता है और दूसरी को 72 घंटे के अंदर लिया जा सकता है.

मासिक चक्र के हिसाब से जो गोलियां ली जाती हैं, ये भी दो प्रकार की होती हैं. एक होती है कंबाइंड गोली और दूसरी होती है मिनी गोली.

इस तरह के गोलियां खाने से होते हैं मूड स्विंग

कंबाइंड गोली उसे कहा जाता है, जिसमें प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हॉर्मोन दोनों होते हैं. जबकि मिनी गोली उसे कहा जाता है जिसमें सिर्फ प्रोजेस्टेरोन होता है.

सिर्फ प्रोजेस्टेरोन वाली गोली या मिनी गोली उन महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जो बच्चे को स्तनपान करा रही होती हैं. क्योंकि उन्हें एस्ट्रोजेन हॉर्मोन नहीं दिया जा सकता.

गर्भनिरोधक गोलियों का असर 

आप डॉक्टर की सलाह के बाद अपनी सुविधा के अनुसार कोई भी गोली ले सकती हैं. इनकी डोज का आपको खास ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि सही मात्रा में लेने पर इन गोलियों के फायदें हैं तो गलत मात्रा में लेने पर अपने नुकसान भी हैं. आपातकालीन गोलियां जिसे आप संबंध बनाने के 24 से 72 घंटों के अंदर लिया जाता है, उन्हें लेने पर कुछ खास तरह की समस्याएं हो सकती हैं, जैसे…

सिरदर्द

पेट दर्द

एनर्जी महसूस ना होना

अगले पीरियड्स में बदलाव होना

पीरिड्स के दौरान अधिक दर्द होना

यह भी पढ़ें : गले की नसों के लिए कितना खतरनाक है चाकू का वार, क्या हो सकती है दिक्कत

पीरिड्स में ब्लीडिंग अधिक होना

कंबाइंड गोली लेने पर मूड स्विंग्स की समस्या हो सकती है. आपमें चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है, सिरदर्द और मितली आने की समस्या हो सकती है. लंबे समय तक इन गोलियों का सेवन ब्रेस्ट कैंसर जैसी समस्या का कारण बन सकता है.
मिनी गोली को दुष्प्रभाव इससे थोड़े अलग हो सकते हैं और इसे लेने के बाद कुछ महिलाओं को पीरियड्स ना आना या कई दिनों तक स्पॉटिंग की समस्या हो सकती है. 

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

यह भी पढ़ें : नींद के लिए खा रहे हैं गोलियां, तुरंत छोड़ दें वरना किडनी-लिवर से हाथ धो बैठेंगे

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