DSP की वो फोन कॉल, IG की गाड़ी की लॉगबुक…हिमाचल के सूरज हत्याकांड की कहानी

Agency:News18 Himachal Pradesh
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Shimla Kotkhai Suraj Custodial Death Case: हिमाचल प्रदेश के शिमला के कोटखाई में गुड़िया रेप और मर्डर केस से जुड़े सूरज कस्टोडियल डेथ केस में आईजी जहूर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी सहित 8 पुलिसकर्मियों को उम्रकैद की स…और पढ़ें

सूरड कस्टोडियल डेथ केस में हिमाचल के आईजी और डीएसपी सहित आठ पुलिस कर्मियों को सजा.
शिमला. हिमाचल प्रदेश के शिमला के कोटखाई के गुड़िया रेप और मर्डर केस से जुड़े सूरज कस्टोडियल डेथ केस में पूरी एसआईटी टीम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. चंडीगढ़ में सीबीआई कोर्ट ने आईजी जहूर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी सहित कुल आठ कर्मचारियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने 343 पेज का फैसला सुनाया है.
दरअसल, सूरज हत्याकांड की कहानी छह जुलाई 2017 से शुरू होती है. इस मामले में शिमला पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस मामले में तत्कालीन डीजीपी सोमेश गोयल ने आईजी जहूर जैदी के नेतृत्व में एक एसआईटी बनाई गई थी. गुड़िया रेप और मर्डर केस से इन आरोपियों को कोई लेना देना नहीं था. लेकिन एसआईटी ने आरोपियों को गिरफ्तार किया. इस दौरान 18 जुलाई को कोटखाई थाने में नेपाली सूरज से पूछताछ के नाम पर मारपीट की गई. इस दौरान सब इंस्पेक्टर राजिंदर सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, हेड कांस्टेबल मोहन लाल, सूरत सिंह, रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रंजीत ने उसे जमकर पीटा, ताकि वह यह जुर्म कबूल ले, लेकिन इस दौरान उसकी मौत हो गई.
घटना के दौरान कोटखाई थाने में संतरी दिनेश ड्यूटी पर था और उसने डीएसपी मनोज जोशी को सारी बात बताई. दोनों की यह बातचीत डीएसपी के फोन रिकॉर्ड हो गई और फिर यही इस केस में अहम सुबूत बनी. डीएसपी ने पहले तो इस मामले को अपने स्तर पर ही निपटने की कोशिश थी. लेकिन बाद में इस मामले पर जमकर बवाल हुआ औऱ लोगों ने कोटखाई थाने को भी फूंक दिया था तो केस की जांच सीबीआई को सौंपी गई. इस मामले में संतरी को भी सस्पेंड किया गया था. लेकिन बाद में उन्हें बहाल कर दिया गया था. सीबीआई ने संतरी दिनेश के बयान दर्ज किए और डीएसपी मनोज जोशी का मोबाइल भी कब्जे में लिया. डीएसपी के मोबाइल से संतरी दिनेश से हुई बातचीत रिकार्डिंग सीबीआई को मिली थी. साथ ही दिनेश की गवाही भी अहम साबित हुई. इसके अलावा, 18 जुलाई 2017 की रात को एसआईटी प्रमुख जहूर जैदी की सरकारी गाड़ी की भी कोटखाई गई थी और यह बात लॉगबुक में दर्ज है.
कौन-कौन है दोषी करार दिए गए
हिमाचल प्रदेश के बहूचर्चित गुड़िया गैंगरेप में पहले गिरफ्तार किए गए नेपाली मूल के युवक सूरज की हत्या के आरोप में आईजी जहूर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी सहित 8 पुलिस कर्मियों को उम्रकैद की सजा सीबीआई कोर्ट ने सुनाई है. दोषियों में आईजी जहूर एच जैदी, डीएसपी मनोज जोशी, एसआई राजिंदर सिंह, एसएसआई दीप चंद शर्मा, ऑनरेरी हेड कॉन्स्टेबल मोहन लाल और सूरत सिंह, हेड कॉन्स्टेबल रफी मोहम्मद और कॉन्स्टेबल रानित सटेटा शामिल हैं. मर्डर के आठ दिन बाद सूरज का अंतिम संस्कार किया गया था. शुरुआत में राजेंद्र सिंह उर्फ राजू, हलाइला गांव, सुभाष बिस्ट (42) गढ़वाल, सूरज सिंह (29) और लोकजन उर्फ छोटू (19) नेपाल और दीपक (38) पौड़ी गढ़वॉल के कोटद्वार से आरोपी बनाए बनाए गए थे. इनमें से सूरज की कोटखाई थाने में 18 जुलाई की रात को हत्या कर दी गई थी.
रेप केस में एक युवक को सजा
कोटखाई बहुचर्चित गुड़िया केस में पहले पुलिस ने सात आरोपियों को पकड़ा था, लेकिन सीबीआई ने अपनी जांच में केवल ही एक आरोपी को गिरफ्तार किया. बाद में सत्र एवं जिला न्यायाधीश शिमला राजीव भारद्वाज की विशेष अदालत ने 18 जून 2021 को अनिल कुमार उर्फ नीलू को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. अप्रैल 2018 में सीबीआई ने आरोपी नीलू को गिरफ्तार किया था और फिर 28 अप्रैल 2021 को शिमला की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था. पुलिस की ओर से सूरज समेत गिरफ्तार किए गए सभी सात लोगों को निर्दोष पाया गया था.
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January 28, 2025, 09:49 IST
