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DM की कुर्सी देख पिता से बोले- एक दिन बनूंगा डीएम, UPSC में आई 10वीं रैंक

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UPSC Success Story: कन्नौज के मयंक त्रिपाठी ने यूपीएससी में 10वीं रैंक हासिल कर पिता से किया वादा पूरा किया. मयंक ने पहले प्रयास में पीसीएस और फिर यूपीएससी में सफलता पाई. इसके बाद UPSC 2025 के परिणाम में 10वीं …और पढ़ें

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एडीएम

एडीएम कार्यालय में तैनात प्रधान सहायक का बेटा बना डीएम

हाइलाइट्स

  • मयंक त्रिपाठी ने UPSC में 10वीं रैंक हासिल की.
  • मयंक ने पिता से डीएम बनने का वादा किया था.
  • मयंक के पिता एडीएम कार्यालय में प्रधान सहायक हैं.

कन्नौज: यूपी में कन्नौज जनपद के रहने वाले एक युवक की कहानी आज के युवाओं को प्रेरित करने वाली है. UPSC में देशभर में 10वीं रैंक हासिल करने वाले मयंक त्रिपाठी (24) नाम के युवक की है. मयंक त्रिपाठी के पिता एडीएम कार्यालय में प्रधान सहायक के पद पर तैनात हैं. कोरोना संकट के समय वैक्सीनेशन के दौरान मयंक त्रिपाठी ने कलेक्ट परिसर पहुंच कर अपने पिता से डीएम कार्यालय में डीएम की कुर्सी देखने की जिद की, इसके बाद उन्होंने अपने पिता से एक वादा किया कि ‘पापा मैं आपके लिए डीएम बन के दिखाऊंगा, आप एडीएम के यहां काम करते हैं मैं आपको एक दिन डीएम की कुर्सी पर अपनी मेहनत पर बैठाऊंगा’.

जानें कहां के रहने वाले हैं मयंक

मयंक त्रिपाठी कन्नौज के डाक बंगला क्षेत्र के रहने वाले हैं. उनका जन्म 4 अक्टूबर सन 2000 में कन्नौज में हुआ था. मयंक के पिता का नाम प्रभात त्रिपाठी है. जो एडीएम कार्यालय में प्रधान सहायक पद पर तैनात है. मयंक के बाबा चंद्र प्रकाश त्रिपाठी किसानी किया करते थे. एक वक्त ऐसा था. जब मयंक के पिताजी आर्थिक समस्या के चलते कोचिंग नहीं पढ़ पाते थे. उनके 3 भाई और हैं. इसके बाद उन्होंने कड़ी मेहनत की और अपनी मेहनत के दम पर सरकारी सर्विस प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने अपने बेटे में शुरुआत से ही पढ़ाई की प्रति लगन देखी. उन्होंने बेटे को कहा कि तुम जितना पढ़ोगे मैं तुम्हें पढ़ाऊंगा. मुझे कितनी भी मेहनत करनी पड़े मैं पीछे नहीं हटूंगा.

डीएम की कुर्सी देख पिता से किया वादा

कोरोना संकट में मयंक अपने पिता के साथ कलेक्टर परिसर पहुंचे. मयंक ने अपने पिता प्रभात त्रिपाठी से कहा पापा मुझे डीएम कार्यालय देखना है. डीएम की कुर्सी देखनी है. काफी ज़िद करने के बाद मयंक के पिताजी ने उन्हें डीएम का कार्यालय और उनकी कुर्सी दिखाई, इसके बाद मयंक ने अपने पिता से वादा किया. पापा आप एडीएम के यहां काम करते हो. मैं आपको डीएम बन के दिखाऊंगा, मैं आपको एक दिन डीएम की कुर्सी पर जरूर बैठाऊंगा.

जानें कितने प्रयास में मिली सफलता

बीते 2023 में मयंक ने पीसीएस की परीक्षा प्रथम प्रयास में पास की, उसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की. 2024 में उनकी रैंक यूपीएससी में 373 रही. इसके बाद वह आईआरएस आईटी में ट्रेनिंग के लिए नागपुर चले गए, लेकिन उन्होंने लगातार तैयारी की और 2025 में यूपीएससी में ऑल इंडिया में 10वीं रैंक हासिल करके अपने परिवार के साथ पूरे कन्नौज जिले का नाम रोशन कर दिया.

जानें क्या बोले मयंक और उनके पिता

वीडियो कॉल पर बात करते हुए मयंक त्रिपाठी ने बताया कि उनकी सफलता के पीछे सिर्फ उनके माता-पिता हैं. पिता एडीएम कार्यालय में नौकरी करते थे. तब से ही उन्होंने ठान रखा था कि वह डीएम बनेंगे. मयंक त्रिपाठी बताते हैं कि उनका सपना था कि वह अपने पिता को जिले की सबसे बड़ी कुर्सी पर बैठाएं. जिसको उन्होंने पूरा किया. वहीं, बेटे की सफलता के बाद पिता प्रभात त्रिपाठी ने बताया कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरा बेटा डीएम बनेगा, लेकिन आज मेरे बेटे ने वह कर दिखाया है जो एक पिता के लिए सबसे बड़ा गर्व है, आज मेरे बेटे के नाम से मेरी पहचान बनेगी.

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