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Dadi-Nani Ki Baatein: दहलीज पर जूते-चप्पल मत खोलो, क्यों कहती है दादी-नानी

Dadi-Nani Ki Baatein: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) का विशेष महत्व होता है. क्योंकि वास्तु शास्त्र में ऐसे नियमों के बारे में बताया गया है, जिनका पालन करने से घर की सुख-समृद्धि बनी रहती है. यही कारण है कि घर के बड़े-बुजुर्ग और दादी-नानी भी इन नियमों का पालन करने की सलाह देती है.

वास्तु से जुड़े कई नियमों में एक है घर का मुख्य द्वार. शास्त्रों में भी मुख्य द्वार को लेकर कई नियम बताए गए हैं. मान्यता है कि मुख्य से ही घर की सकारात्मकता और समृद्धि जुड़ी होती है. मां लक्ष्मी का वास भी मुख्य द्वार से ही होता है, इसलिए मुख्य द्वार को कभी भी गंदा नहीं रखना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार मुख्य द्वार पर जूते-चप्पलों का ढेर भी नहीं होना चाहिए और ना ही द्वार के पास जूते-चप्पल उतारने चाहिए. ऐसा करने से वास्तु दोष उत्पन्न होता है और कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है. यही कारण है कि जब हम घर के दहलीज पर जूते-चप्पल उतारते हैं तो दादी-नानी इसके लिए हमेशा मना करती हैं.

दादी-नानी की ये बातें आपको कुछ समय के लिए अटपटी या फिर मिथक लग सकती है. लेकिन शास्त्र में इसके कारण और इससे होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया है. अगर आप दादी-नानी की बताई बातों को फॉलो करेंगे तो सुखी रहेंगे और भविष्य में होनी वाली अशुभ घटना से बच जाएंगे. आइए जानते हैं आखिर क्यों दादी-नानी क्यों दहलीज पर जूते-चप्पल उतारने से मना करती हैं.

क्या कहता है शास्त्र

  • घर के मुख्य द्वार का खास महत्व होता है. यह ऐसा स्थान होता है, जिससे घर से सदस्य प्रवेश करते हैं. घर के मुख्य द्वार पर जूते-चप्पल उतारना घर की अपवित्रता को दर्शाता है और ऐसे घर पर मां लक्ष्मी का वास भी नहीं होता है, जिससे आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
  • ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, घर के मुख्य द्वार या दहलीज पर राहु ग्रह का वास माना गया है. इसलिए अगर पर दहलीज पर जूते-चप्पल उतारते हैं तो इससे राहु का दुष्प्रभाव बढ़ता है. राहु का अशुभ प्रभाव परिवार की अशांति और दुर्भाग्य का कारण बनता है.
  • हालांकि जूते-चप्पलों को घर के बाहर उतारना सही होता है, इससे घर के भीतर धूल-मिट्टी या गंदगी प्रवेश नहीं होता. लेकिन जूते-चप्पल को दहलीज पर उतारने के बजाय शू-रैक का इस्तेमाल करना चाहिए और व्यवस्थित ढंग से जूते-चप्पलों को शू-रैक में ही रखना चाहिए. दहलीज पर बिखरे जूते-चप्पलों से नकारात्मक ऊर्जा बहुत तेजी से बढ़ती है.

ये भी पढ़ें: Dadi-Nani Ki Baatein: बेटा दीपक से दीपक मत जलाओ, क्यों कहती है दादी-नानी

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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