Coca-Cola लगाएगी दुनिया की पहली हाईड्रोजन वेंडिंग मशीन, बिना बिजली कनेक्शन कहीं भी चलेगी

कोका-कोला की हाईड्रोजन चालित वेंडिंग मशीन में कोई पावर आउटलेट मौजूद नहीं होगा। यह मशीन सिर्फ और सिर्फ हाईड्रोजन के कार्ट्रिज पर निर्भर करेगी जिन्हें जरूरत के समय बदला भी जा सकेगा। ये हाईड्रोजन कार्ट्रिज मशीन में फिट होंगे जिसके बाद मशीन वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन के साथ रिएक्शन करके बिजली पैदा करेगी। कंपनी का दावा है कि इस तरह की मशीन को किसी भी वातावरण में चलाया जा सकेगा।
दरअसल मशीन के अंदर एक इलेक्ट्रिसिटी जेनरेटर लगा होगा। ये हाइड्रोजन कार्ट्रिज इस जेनरेटर में लगाए जाएंगे। एक केमिकल रिएक्शन के तहत हाईड्रोजन और ऑक्सीजन मिलकर बिजली पैदा करेंगी। इस बिजली को एक बैटरी में स्टोर किया जाएगा। बैटरी इसके बाद बिजली को मशीन में भेजेगी और मशीन अपना काम कर सकेगी। कंपनी का कहना है कि वह World Expo 2025 में इस तरह की 58 मशीनें लगाने की तैयारी कर रही है।
कंपनी ने हालांकि अभी तक यह साफ नहीं किया है कि एक बार हाइड्रोजन कार्ट्रिज लगाने के बाद यह मशीन कितने समय तक काम कर सकेगी। कंपनी ने इस बात से भी इनकार नहीं किया है कि मशीनों के लिए हर समय हाईड्रोजन कार्ट्रिज उपलब्ध करवाना बहुत आसान काम नहीं होगा, और इसके लिए उसी तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर भी चाहिए होगा। इसमें लागत भी अहम भूमिका निभा सकती है।
कोका-कोला के इस कदम को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चा है। यूजर्स ने कंपनी के इस कदम को लेकर अलग-अलग तरह की राय दी हैं। कुछ यूजर्स ने कंपनी के कदम को सराहा है क्योंकि उनका मानना है कि यह एक एनवायरमेंटल फ्रेंडली कदम है जो कंपनी ने उठाया है।
वहीं कुछ यूजर्स ने इस पर सवाल भी उठाए हैं। एक यूजर ने लिखा कि हाईड्रोजन चालित मशीनें केवल ग्रीन हाउस गैस बनाने वाले मिथेन पावर्ड जेनरेटर हैं जो गैस उत्सर्जन में कुछ एक्स्ट्रा स्टेप्स लेंगे। एक अन्य यूजर ने लिखा कि ये मेकेनिकल वेंडिंग मशीनों को भूल गए क्या जो इन्होंने एक बार बनाई थीं और इस्तेमाल भी की थीं? इसी तरह के कई रिएक्शन सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहे हैं।
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