AMU के परिसर में दफन है 100 साल पुराना इतिहास, आने वाली पीढ़ी करेगी याद
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Agency:News18 Uttar Pradesh
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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने 100 साल की यादों को संजोने के लिए 26 जनवरी 2021 को विक्टोरिया गेट के सामने एक टाइम कैप्सूल दफनाया. इसमें एएमयू के महत्वपूर्ण दस्तावेज और यादें शामिल हैं.
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AMU परिसर में दफन है 100 साल पुराना इतिहास.
हाइलाइट्स
- अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में टाइम कैप्सूल दफनाया गया.
- कैप्सूल में 100 साल के महत्वपूर्ण दस्तावेज शामिल हैं.
- पुराना टाइम कैप्सूल भी बाहर निकाला जाएगा.
अलीगढ़: दुनिया भर में अपनी बेहतरीन शिक्षा के लिए मशहूर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ने अपने 100 साल के सफर को एक खास तरीके से सहेज कर रखा है. 26 जनवरी 2021 को यूनिवर्सिटी के विक्टोरिया गेट के सामने एक ‘टाइम कैप्सूल’ दफनाया गया था. इस कैप्सूल में पिछले 100 सालों के महत्वपूर्ण दस्तावेज और यादें समाई हुई हैं, जिन्हें आने वाली पीढ़ियाँ देख और समझ सकेंगी.
कैप्सूल में क्या है खास
यूनिवर्सिटी के पूर्व जनसंपर्क अधिकारी राहत अबरार ने बताया कि इस टाइम कैप्सूल में रखे गए सभी दस्तावेजों को आधुनिक तकनीक की मदद से संरक्षित किया गया है ताकि ये लंबे समय तक सुरक्षित रहें. कैप्सूल में एएमयू के अब तक के सभी दीक्षांत समारोहों का संक्षिप्त विवरण, 1920 का एएमयू एक्ट, सर सैयद अहमद ख़ान की किताबें और प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर खालिद अहमद निजामी की एल्बम जैसे अनमोल दस्तावेज शामिल हैं.
डेढ़ टन वजनी है कैप्सूल
राहत अबरार ने आगे बताया कि स्टील से बना यह कैप्सूल लगभग डेढ़ टन वजनी है और इसे यूनिवर्सिटी के बीचों-बीच विक्टोरिया गेट के सामने 30 फीट गहराई में गाड़ा गया है. दिलचस्प बात यह है कि ऐसा ही एक कैप्सूल 1877 में सर सैयद अहमद खान द्वारा मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना के वक्त भी दफनाया गया था. उस समय कॉलेज की स्थापना से जुड़े दस्तावेज उसमें रखे गए थे. आपको बता दें कि 1920 में इसी कॉलेज को संसद द्वारा कानून बनाकर यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया था.
पुराना कैप्सूल भी निकाला जाएगा
राहत अबरार ने बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 1877 में दफनाए गए उस पहले टाइम कैप्सूल को भी बाहर निकालने का फैसला किया है. इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है जो पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेगी.
Aligarh,Uttar Pradesh
February 18, 2025, 20:24 IST
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