अमेरिका-चीन छूटे बहुत पीछे, इस मामले में दुनिया में पहले नंबर पर है भारत
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Agency:आईएएनएस
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IPO Market- भारतीय आईपीओ मार्केट में वेंचर कैपिटलिस्ट की रुचि तेजी से बढ़ रही है. इसका कारण यह है कि कई वेंचर-समर्थित कंपनियों ने सफलतापूर्वक लिस्टिंग हासिल की है.
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भारत का आईपीओ बाजार मजबूती से आगे बढ़ रहा है.
हाइलाइट्स
- भारत आईपीओ से पैसा जुटाने में पहले नंबर पर है.
- 2024 में भारतीय कंपनियों ने 19.5 अरब डॉलर जुटाए.
- हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ 27,870 करोड़ रुपये का था.
नई दिल्ली. भारत ने 2024 में इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी आईपीओ से पैसा जुटाने के मामले में अमेरिका, चीन जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया है. दुनिया भर में आए पब्लिक इश्यू में भारत 23 फीसदी हिस्सेदारी के साथ पहले नंबर पर रहा है. यह खुलासा हाल ही में जारी इंडस वैली एनुअल रिपोर्ट 2025 में हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय कंपनियों ने 2024 में आईपीओ के जरिए 19.5 अरब डॉलर (करीब 1.64 लाख करोड़ रुपये) से अधिक की पूंजी जुटाई. वर्ष के दौरान 268 कंपनियां भारतीय बाजार में आईपीओ लेकर आई. इनमें 90 मेनबोर्ड और 178 एसएमई आईपीओ शामिल थे.
रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि भारत का आईपीओ बाजार मजबूती से आगे बढ़ रहा है, लेकिन कंपनियों की औसत बाजार पूंजी में गिरावट चिंता का विषय हो सकता है. आईपीओ के औसत बाजार पूंजीकरण में बीते कुछ वर्षों में गिरावट दर्ज की गई है. 2021 में औसत मार्केट कैप 3,800 करोड़ रुपये था, जो 2022 में घटकर 3,000 करोड़ रुपये रह और 2023 में 2,770 करोड़ रुपये हो गया.
वेंचर कैपिटलिस्ट की बढ़ रही रुचि
रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय आईपीओ मार्केट में वेंचर कैपिटलिस्ट की रुचि तेजी से बढ़ रही है. इसका कारण यह है कि कई वेंचर-समर्थित कंपनियों ने सफलतापूर्वक लिस्टिंग हासिल की है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 2021 के बाद वेंचर-समर्थित आईपीओ द्वारा जुटाई गई धनराशि 2021 से पहले के सभी वेंचर-समर्थित आईपीओ की तुलना में दोगुनी हो गई है.
हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ सबसे बड़ा
2024 में भारत का सबसे बड़ा आईपीओ हुंडई मोटर इंडिया का रहा, जिसका आकार 27,870 करोड़ रुपये था. यह न केवल देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था, बल्कि दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ भी रहा. एसएमई (लघु एवं मध्यम उद्यम) सेक्टर के आईपीओ में भी जबरदस्त वृद्धि देखी गई है. 2012 के बाद से एसएमई आईपीओ का औसत बाजार पूंजीकरण 4.5 गुना बढ़कर 2024 में 100 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. इसके अलावा, लिस्टिंग के समय एसएमई कंपनियों का औसत वार्षिक राजस्व भी तीन गुना बढ़कर 70 करोड़ रुपये हो गया है.
क्विक कॉमर्स सेक्टर में बूम
रिपोर्ट के अनुसार, क्विक कॉमर्स सेक्टर में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई है. वित्त वर्ष 2025 में इसका आकार 7.1 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो वित्त वर्ष 2022 में 300 मिलियन डॉलर था. यह तेजी इंटरनेट की बढ़ती पहुंच, उपभोक्ताओं की बदलती जीवनशैली और त्वरित डिलीवरी के प्रति बढ़ती मांग के कारण आई है.
New Delhi,New Delhi,Delhi
February 23, 2025, 16:10 IST
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