यहां होता है सैकड़ों शिवलिंगों पर जलाभिषेक, भगवान राम ने बनाया था सरोवर

Agency:News18 Uttar Pradesh
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Mahashivratri 2025 : यहां 21 परिक्रमा करने के बाद ही आप मुख्य शिवलिंग पर जलाभिषेक कर सकेंगे. स्वास्तिक आकार में शिवलिंगों की स्थापना श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचता है.

सांकेतिक फोटो
हाइलाइट्स
- महाशिवरात्रि पर मेरठ के गगोल तीर्थ में जलाभिषेक होता है.
- गगोल तीर्थ में 21 परिक्रमा कर शिवलिंगों पर जलाभिषेक किया जा सकता है.
- भगवान राम ने गगोल तीर्थ में एक सरोवर की उत्पत्ति की थी.
मेरठ. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर श्रद्धालु विधि विधान से भगवान भोले की पूजा-अर्चना करते हुए नजर आते हैं. इसमें शिवलिंगों पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक सबसे खास है. इस दिन मंदिरों में खूब भीड़ उमड़ती है. खास मंदिरों में और भीड़ उमड़ती है. ऐसा ही एक तीर्थस्थल है, जहां एक नहीं बल्कि सैकड़ों की संख्या में शिवलिंग हैं. महाशिवरात्रि पर मेरठ के गगोल तीर्थ का शिवलोक देखते ही बनता है. यहां आप जलाभिषेक करते हुए सैकड़ों शिवलिंगों की परिक्रमा भी कर सकते हैं. गगोल तीर्थ में सैकड़ों शिवलिंग स्थापित कर एक अनूठा शिवलोक तैयार किया गया है.
21 परिक्रमा
गगोल तीर्थ के महंत शिवदास महाराज लोकल 18 से कहते हैं कि यहां सैकड़ों की संख्या में स्वास्तिक आकार में शिवलिंगों की स्थापना की गई है. जो भी श्रद्धालु एक बार यहां जलाभिषेक करने के लिए प्रवेश करेंगे, वो शिवलिंगों पर जलाभिषेक करते हुए 21 परिक्रमा कर मुख्य शिवलिंग के पास पहुंचेंगे. यहां जलाभिषेक का अर्थ है सभी मनोकामनाओं का पूर्ण हो जाना. धार्मिक ग्रंथों में भी स्वास्तिक आकर के इस शिवलिंगों का वर्णन किया गया है. महंत शिवदास के अनुसार, देश में कुछ ही ऐसे स्थान हैं जहां पर इस तरह से स्वास्तिक आधार पर शिवलिंग स्थापित किए गए हैं. उनमें सबसे अधिक शिवलिंग मेरठ में यहां हैं.
क्यों खास है गगोल
मेरठ को मंदोदरी के पिता मयदानव के राष्ट्र के रूप में जाना जाता है. जब राक्षसों का आतंक बढ़ गया था, तब वही अपनी तपोस्थली गगोल तीर्थ पर महर्षि विश्वामित्र और भगवान श्री राम व लक्ष्मण को साथ लेकर आए थे. दोनों भाइयों ने राक्षसों का वध किया था. यहां पर एक सरोवर है जिसके बारे में कहा जाता है कि भगवान राम ने इसकी उत्पत्ति भूमि में तीर मार कर की थी. यहां छठ सहित अन्य पर्वों पर भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने पहुंचते हैं.
Meerut,Uttar Pradesh
February 22, 2025, 15:24 IST
