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PMS के लक्षण कंट्रोल कर दर्द और ऐंठन से राहत दिलाती है ये आयुर्वेदिक चाय, एक्सपर्ट से जानिए इसके फायदे

आयुर्वेदिक हर्बल चाय पीरियड संबंधी समस्याओं में एक बेहद प्रभावी समाधान के तौर पर काम कर सकती है। इस हर्बल चाय के नियमित सेवन से महिलाओं में महसूस होने वाली इन सभी परेशानी पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

क्या आपको अक्सर मूड स्विंग और एंजाइटी महसूस होता रहता है? या आपको पीरियड्स के दौरान अत्यधिक दर्द का अनुभव होता है? या पाचन संबंधी समस्याएं परेशान करती हैं? यदि ऐसा है, तो ये खास आयुर्वेदिक हर्बल चाय (ayurvedic tea for Periods) इन सभी समस्याओं के एक बेहद प्रभावी समाधान के तौर पर काम कर सकती है। इस हर्बल चाय के नियमित सेवन से महिलाओं में महसूस होने वाली इन सभी परेशानी पर नियंत्रण पाया जा सकता है (ayurvedic tea for Periods)।

आयुर्वेद एक्सपर्ट चैताली राठौड़ ने इस खास हर्बल ड्रिंक की रेसिपी शेयर की है (ayurvedic tea for Periods)। साथ ही उन्होंने इसके महत्वपूर्ण फायदे भी बताए हैं, और महिलाओं को इन्हें डाइट में शामिल करने की सलाह दी है। तो फिर बिना देर किए जानते हैं, इसके फायदे साथ ही जानेंगे इन्हें तैयार करने का सही तरीका (how to make ayurvedic tea)।

एक्सपर्ट से जानिए इस हर्बल चाय के कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ (ayurvedic tea benefits)

क्रोनिक पीएमएस, मूड स्विंग, पीसीओएस, पेनफुल पीरियड और गैस्ट्रिक जैसी समस्याओं में इसके सेवन से आश्चर्यजनक बदलाव देखने को मिल सकता है। वे कहती हैं “बहुत से मरीजों ने इस हर्बल चाय को पिया और इन्हें अपनी स्थिति के लक्षणों से काफी हद तक राहत प्राप्त हुई।”

“इस चाय में हर्बल रसोई मसाला संयोजन होता है जो आपके त्रिदोष को संतुलित करता है। साथ ही जिन लोगों को अक्सर चिंता, कम ऊर्जा और दर्दनाक मासिक धर्म का अनुभव होता है, उनके लिए यह चाय बेहद मददगार साबित हो सकती है।”

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आयुर्वेदिक चाय शरीर में ऊर्जाशक्ति को बढ़ा देते हैं। चित्र : अडॉबीस्टॉक

“इस चाय में जीरा, सौंफ, अजवाइन, गुलाब की पंखुड़ियां और अपराजिता फूल जैसे औषधीय मसाले होते हैं, जो शरीर पर एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रभाव डालते हैं, जीआई ट्रैक्ट को साफ करते हैं, मूड को नियंत्रित करते हैं, वजन घटाने और उन्हें मैनेज करते हैं, साथ ही मासिक धर्म को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इसके अलावा ये रोगियों की व्यक्तिगत विशेषताओं के अनुसार कई और स्वस्थ प्रभाव डालते हैं।”

इस तरह तैयार करें ये खास आयुर्वेदिक हर्बल टी

इसे बनाने के लिए आवश्यक सामग्री

पानी
धनिया
जीरा
अजवाइन
गुलाब की पंखुड़ियां
अपराजिता के फूल
अदरक

बनाने की विधि

1 कप पानी लें उसमें 1 चम्मच मसाले (धनिया, जीरा, अजवायन) डालें, मुट्ठी भर गुलाब की पंखुड़ियां, अदरक और अपराजिता के फूल डालें, सभी को 5 मिनट तक उबालें, फिर छान लें और गर्म-गर्म एंजॉय करें।

सेहत के लिए कमाल कर सकती हैं, इनमें मौजूद सभी सामग्री

1. अजवाइन, धनिया और जीरा

अजवाइन, धनिया, जीरा यह तीनों मसाले आपकी सेहत के लिए तमाम रूपों में फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इनमें कई ऐसी गुणवत्ताएं पाई जाती हैं, जो आपके पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद होती हैं। वहीं आपको गैस, अपच, कब्ज आदि जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से बचाती हैं। इनका सेवन पीरियड्स के दौरान होने वाले तेज क्रैंप्स को भी कम करने में मदद करता है।

2. गुलाब की पंखुड़ियां

गुलाब की पंखुड़ियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन A और विटामिन E की गुणवत्ता त्वचा के लिए कई रूपों में फायदेमंद हो सकता है। यह त्वचा पर फाइन लाइन और रिंकल्स के निशान को कम कर देता है, साथ ही यह डार्क सर्कल को भी कम करने में भी मदद करता है। साथ ही इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणवत्ता पाई जाती है, जो PMS सिम्पटम्स जैसे कि ब्लोटिंग, क्रैंप्स, सिर दर्द और मलती से राहत प्रदान करती है। इम्यून रिस्पांस को भी बढ़ावा देता है, और मूड बूस्ट करता है।

3. अपराजिता के फूल

अपराजिता के फूल में कई गुणवत्ताएं पाई जाती है, जो सेहत के लिए भिन्न रूपों में फायदेमंद होती है। वहीं ये एंटीऑक्सीडेंट और फ्लेवोनॉयड का एक अच्छा स्रोत है, जो ब्रेन फंक्शन स्किन हेल्थ और पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा यह पेट की मांसपेशियों को रिलैक्स करता है, जिससे पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत प्राप्त करने में मदद मिलती है।

blue tea
अपराजिता के फूल से बनने वाली चाय को ‘ब्लू टी’ कहा जाता है। चित्र-अडोबीस्टॉक

4. अदरक

अदरक का इस्तेमाल तमाम तरह की सेहत संबंधी समस्याओं की इलाज के तौर पर किया जाता है। विशेष रूप से यह कब्ज, ब्लोटिंग, अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से निजात पाने में मदद करते हैं। वहीं ये PMS के लक्षण को भी नियंत्रित करते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट की गुणवत्ता शरीर को फ्री रेडिकल्स से प्रोटेक्ट करती है, और सेल्स को डैमेज होने से रोकती है। इसके नियमित सेवन से त्वचा संबंधी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।

कुछ बातों का ध्यान रखें:-

बेहतर परिणामों के लिए इसे सुबह नाश्ते से पहले और रात के खाने के बाद पिएं।
आप अपने भोजन से आधा घंटा पहले भी इसे पी सकती हैं।
12 साल से कम उम्र के बच्चों को इस तरह के हर्बल ड्रिंक न दें।

याद रखें:

याद रखें कि यह लक्षणों को कम करने में मदद करता है, या यह आपके उपचार में सहायक उपकरण के रूप में काम कर सकता है। इसे अपनी दवाइयों के सब्स्टीट्यूट के तौर पर नहीं ले सकती हैं।

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