जानिए कैसे बदलता खाटूश्याम जी के शीश का रंग, जानें महीने मंदिर बंद होने का राज

Agency:News18 Rajasthan
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Khatushyam Mandir: खाटूश्याम जी मंदिर के मुख्य पुजारी मोहनदास महाराज ने बताया कि अमावस के बाद लगभग 19 घंटों तक बाबा का दरबार श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद रहता है. इन 19 घंटे में बाबा का विशेष तिलक श्रृंगार ह…और पढ़ें

बाबा श्याम का मनमोहक श्रृंगार
विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम फाल्गुन लक्खी मेला 28 फरवरी से शुरू होगा. ऐसे में बाबा श्याम के दरबार में अभी से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई है. बाबा श्याम के दर्शन करते समय अपने देखा होगा कि कभी खाटूश्याम जी कभी काले और तो कभी पीले रंग में नजर आते हैं. यानी बाबा खाटूश्याम जी भक्तों को महीने में दो रूप में दर्शन देते हैं.
कृष्ण पक्ष में श्याम वर्ण यानी पीला रंग और शुक्ल पक्ष में पूर्ण शालिग्राम यानी काला रंग में नजर आते हैं. पीला रंग में 23 दिन और पूर्ण शालिग्राम यानी काला रंगरी 7 दिन नज़र आयेंगे. श्याम मंदिर कमेटी के अनुसार कृष्ण एवं शुक्ल पक्ष में बाबा का अलग-अलग शृंगार होता है. कृष्ण पक्ष में तिलक के रूप में बाबा को ललाट से गालों तक चंदन का लेप किया जाता है. इसे श्याम वर्ण रूप कहा जाता है.
इस लिए हर महीने मंदिर होता है बंद
खाटूश्याम जी मंदिर के मुख्य पुजारी मोहनदास महाराज ने बताया कि अमावस के बाद लगभग 19 घंटों तक बाबा का दरबार श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बंद रहता है. इन 19 घंटे में बाबा का विशेष तिलक श्रृंगार होता है. जिसमें विशेष वस्त्र, आभूषण और पुष्पों से सजावट की जाती है. यह अनुष्ठान भक्तों की आस्था और परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा है.
कौन है बाबा श्याम
हारे के सहारे बाबा श्याम को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है. महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक कौरवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने जा रहे थे. बर्बरीक के पास तीन ऐसी तीर थे, जो पूरे युद्ध को पलट सकते थे. इसी को लेकर भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप में आए और उनसे शीश दान में मांग लिया. बर्बरीक ने भी बिना संकोच किया भगवान कृष्ण को अपना शीश दान में दे दिया. तब भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक को कहा कि ” बर्बरीक तुम्हें कलयुग में श्याम के नाम से पूजा जाएगा, तुम्हें लोग मेरे नाम से पुकारेंगे और तुम अपने भक्तों के हारे का सहारा बनोंगे”.
Sikar,Rajasthan
February 14, 2025, 14:49 IST
