न वेजाइनल डिस्चार्ज बुरा है और न ही वेजाइनल स्मैल, यहां जानिए अपने योनि स्वास्थ्य से जुड़े 5 मिथ्स की सच्चाई

महिलाओं में वेजाइनल हेल्थ से जुड़ी जरूरी जानकारी होना महत्वपूर्ण है (myths about vagina)। ताकि समय रहते किसी भी बदलाव को समझ कर फौरन आवश्यकता अनुसार देखभाल या इलाज शुरू किया जा सके।
वेजाइनल हेल्थ यानी की योनि स्वास्थ्य को लेकर महिलाओं के मन में कई अवधारणाएं सालों से बनी हुई हैं। इन अवधारणाओं की वजह से कई बार महिलाएं वेजाइना संबंधी समस्याओं को पहचान नहीं पाती और परेशानी का पता तब चलता है, जब तक वे बेहद गंभीर हो चुकी होती है। इसलिए महिलाओं में वेजाइनल हेल्थ से जुड़ी जरूरी जानकारी होना महत्वपूर्ण है (myths about vagina)। ताकि समय रहते किसी भी बदलाव को समझ कर फौरन आवश्यकता अनुसार देखभाल या इलाज शुरू किया जा सके (signs of unhealthy vagina)।
मैत्री वूमेन की संस्थापक, सीनियर कंसल्टेंट गायनोकोलॉजिस्ट और ऑब्सटेट्रिशियन डॉक्टर अंजली कुमार ने योनि से जुड़ी अवधारणाओं के बारे में कुछ जरूरी जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने बताया है कौन से संकेत ऐसे हैं, जो बताते हैं आपकी योनि को है देखभाल की आवश्यकता (myths about vagina)।
जानिए योनि संबंधी मिथ और उससे जुड़े फैक्ट (myths about vagina)
मिथ 1: योनि का गंध हमेशा “अच्छा और ताज़ा” होना चाहिए
फैक्ट: बहुत से लोग मानते हैं कि योनि हमेशा सुगंधित होनी चाहिए। वास्तव में, हर महिला की अपनी अलग गंध होती है, जो हार्मोनल उतार-चढ़ाव और योनि में मौजूद प्राकृतिक बैक्टीरिया के कारण होती है। जबकि एक मजबूत गंध संक्रमण का संकेत हो सकता है, हल्की और कस्तूरी जैसी गंध पूरी तरह से सामान्य है।
मिथ 2: सफाई के लिए डूशिंग आवश्यक है
फैक्ट: डूशिंग में योनि के अंदर के हिस्से को पानी या केमिकल सहित फ्रैग्नेंस वाले अन्य मिश्रण से धोना शामिल है। आम धारणा के विपरीत, योनि की सफाई के लिए डूशिंग आवश्यक नहीं है, और वास्तव में योनि में हेल्दी बैक्टीरिया के नाजुक संतुलन को बाधित कर सकता है, जिससे संक्रमण और जलन बढ़ सकता है।

मिथ 3: योनि की कसावट अच्छे सेक्सुअल हेल्थ का संकेत देती है
फैक्ट: यह धारणा है कि कसावट एक अच्छे सेक्सुअल हेल्थ का संकेत है। योनि कसावट अच्छे स्वास्थ्य या यौन संतुष्टि का संकेत देने के बजाय जेनेटिक, एज, प्रसव के अनुभव और मांसपेशियों की टोन जैसे कारकों के आधार पर व्यक्तियों में स्वाभाविक रूप से भिन्न हो सकती है।
मिथ 4: हर तरह के वेजाइनल डिस्चार्ज असामान्य होते हैं
फैक्ट: वेजाइनल डिस्चार्ज सामान्य है, और संक्रमण को रोकने के साथ वेजाइना को साफ और ल्यूब्रिकेट रखने जैसे विभिन्न कार्य में मदद करती है। आपके मासिक धर्म चक्र के दौरान डिस्चार्ज की रंग और स्थिरता भिन्न हो सकती है, लेकिन खुजली, दुर्गंध या असुविधा के साथ कोई भी अचानक परिवर्तन किसी संक्रमण का संकेत हो सकता है, जिसके लिए मेडिकल ट्रीटमेंट और योनि देखभाल की आवश्यकता होती है।
मिथ 5: यीस्ट इनफेक्शन योनि के खराब स्वच्छता के कारण होता है
फैक्ट: यीस्ट संक्रमण, जिसे कैंडिडिआसिस के रूप में भी जाना जाता है, आमतौर पर फंगस कैंडिडा एल्बिकेंस के ओवरग्रोथ के कारण होता है। हालांकि, एक अच्छी हाइजीन आवश्यक है, लेकिन यीस्ट संक्रमण किसी को भी हो सकता है, चाहे वह कितनी भी साफ-सफाई की आदतें क्यों न रखता हो।
जानिए कुछ ऐसे संकेत जो बताते हैं आपकी योनि को है देखभाल की आवश्यकता
1. असामान्य डिस्चार्ज
योनि से निकलने वाले सभी तरह के डिस्चार्ज असामान्य नहीं होते, कुछ स्राव पूरी तरह से सामान्य है और योनि के लिए जरूरी भी हैं। वेजाइनल फ्लूइड में परिवर्तन संक्रमण या अन्य समस्या का संकेत हो सकते हैं। डिस्चार्ज की रंगत, स्थिरता, गंध या मात्रा में परिवर्तन पर ध्यान देना जरूरी है।
पीला या हरा डिस्चार्ज बैक्टीरियल (vaginal discharge) वेजिनोसिस का संकेत हो सकता है।
कॉटेज चीज़ जैसा गाढ़ा सफ़ेद डिस्चार्ज यीस्ट संक्रमण का संकेत हो सकता है।
ग्रे-सफ़ेद या झागदार डिस्चार्ज ट्राइकोमोनिएसिस से जुड़ा हो सकता है।

2. योनि दुर्गंध
वेजाइना में मौजूद प्राकृतिक बैक्टीरिया के कारण योनि का अपना एक गंध (vaginal smell) होता है, जो बिल्कुल सामान्य है। लेकिन असामान्य रूप से तेज़ या गंदी बदबू बैक्टीरियल वेजिनोसिस या सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन जैसी समस्या का संकेत हो सकते हैं। यह दर्शाता है कि आपकी योनि को है देखभाल की आवश्यकता।
3. रेडनेस, खुजली और जलन
कई कारकों के कारण वल्वा क्षेत्र के आसपास लगातार खुजली हो सकती है, जिसमें यीस्ट संक्रमण (yeast infection), साबुन या कपड़े धोने के डिटर्जेंट जैसे जलन पैदा करने वाले पदार्थों से संपर्क में आना, जिल्द की सूजन, प्यूबिक जूं या खुजली जैसे कुछ सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन शामिल हैं।
4. सेक्स के दौरान दर्द होना
सेक्स के दौरान दर्द (painful sex) का अनुभव करने के कई कारण हो सकते हैं। इस समस्या को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हार्मोनल परिवर्तन विशेष रूप से मेनोपॉज के दौरान या डिलीवरी के बाद, ड्राइनेस, यीस्ट संक्रमण जैसे सेक्सुअल इनफेक्शन, सर्विक्स की सूजन, पेल्विक एरिया को प्रभावित करने वाला एंडोमेट्रियोसिस, आदि दर्द का कारण हो सकते हैं। ये अस्वस्थ योनि के संकेत हो सकते हैं।
5. असामान्य रक्तस्राव
योनि से किसी भी असामान्य ब्लीडिंग होने पर फौरन डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जाती है। यह किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है। यह सर्विक्स के पॉलीप्स या हार्मोनल असंतुलन जैसी छोटी समस्याओं से लेकर गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय या सर्वाइकल कैंसर जैसी गंभीर स्थितियों का संकेत हो सकता है।

6. पेल्विक क्षेत्र में असुविधा महसूस होना
पेल्विक क्षेत्र में लगातार असुविधा होना पैल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी) जैसी अंतर्निहित स्थिति का संकेत हो सकते हैं, जो अक्सर सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इनफेक्शन के कारण होती है। अन्य संभावित कारणों में एंडोमेट्रियोसिस, अल्सर, फाइब्रॉएड या यहां तक कि यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन शामिल हैं।
जानें कैसे रखना है योनि का ध्यान
सीके बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम की ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी डिपार्मेंट की सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर अस्था दयाल ने योनि को तरोताजा और स्वस्थ रखने के कुछ प्रभावी टिप्स दिए हैं। तो चलिए जानते हैं कैसे रखना है योनि का ध्यान।
1. हाइजीन प्रैक्टिस करें: अपनी योनि को दिन में कम से कम 2 से 3 बार अच्छी तरह से क्लीन करना जरूरी है। ये न समझे कि दिन में एक बार नहाते वक्त उसे साफ कर लेना पर्याप्त होगा। इन्हें क्लीन करने के लिए हल्के गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकती हैं। साथ ही किसी भी सेंटेड और हानिकारक साबुन एवं अन्य फैमिन प्रोडक्ट को सीधा अपनी वेजाइना पर अप्लाई न करें, आवश्यकता पड़ने पर पानी के साथ डाइल्यूट करके इस्तेमाल करें।
2. यूरिन पास करने के बाद ड्राई करें वेजाइना: पेशाब करने के बाद हर बार अपनी वेजाइना को टिशू पेपर से अच्छी तरह से क्लीन करें और इन्हें ड्राई करें। इससे चिपचिपा महसूस नहीं होगा, साथ ही हानिकारक बैक्टीरिया का ग्रोथ भी नियंत्रित रहेगा।
3. सही तरीके से वाइप करें: संक्रमण तथा समस्याओं से बचने के लिए हमेशा स्टूल पास करने के बाद आगे से पीछे की ओर क्लीन करें, इससे बैक्टीरिया नहीं फैलते हैं।
4. नियमित जांच करवाएं: अपनी योनि को एग्जामिन करना या अपनी गाइनेकोलॉजिस्ट से साल में एक से दो बार मिलना जरूरी है। कई बार समस्याएं बिना संकेत के भी आपको प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए हमेशा सतर्क रहे।

5. लक्षण अवॉइड न करें: सेक के दौरान दर्द होना, या पीरियड्स में असामान्य और सुविधाएं बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होना, योनि से दुर्गंध आना या असामान्य डिस्चार्ज जैसे लक्षण को लंबे समय तक अवॉइड न करें। ये गंभीर परेशानी का संकेत हो सकते हैं, इसलिए समय रहते इन पर ध्यान दें।
6. पैंटी रूल: पैंटी आपके क्यों नहीं स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए हमेशा ढीली ढाली कॉटन की पैंटी पहने। कॉटन का फैब्रिक आरामदायक होता है और पसीना सोख लेता है। जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। इसके साथ ही रात को पैंटी उतार कर सोना चाहिए, ताकि आपको किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।
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