Trending

सूरज हत्याकांड के बाद WWF का जिक्र, IG जैदी का झूठ और DGP का कुबूलनामा

Agency:News18 Himachal Pradesh

Last Updated:

Shimla Gudia Case: हिमाचल प्रदेश के शिमला के कोटखाई के गुड़िया केस में सूरज लॉकअप मर्डर केस की जजमेंट में आईजी जहूर जैदी और अन्य पुलिस कर्मियों की बर्बरता उजागर हुई. डीजीपी गोयल ने कोर्ट में बताया कि जैदी ने सह…और पढ़ें

सूरज हत्याकांड के बाद WWF का जिक्र, IG जैदी का झूठ और DGP का कुबूलनामा

हिमाचल प्रदेश के कोटखाई में गुड़िया केस में कोर्ट की जजेमेंट में बड़े खुलासे.

हाइलाइट्स

  • गुड़िया केस में पुलिस की बर्बरता उजागर हुई।
  • आईजी जैदी ने डीजीपी गोयल को सही जानकारी नहीं दी।
  • सूरज की मौत के लिए 8 पुलिस कर्मियों को उम्रकैद।

शिमला. हिमाचल प्रदेश के गुड़िया केस से जुड़े सूरज लॉकअप मर्डर केस की जजमेंट में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. इस जजमेंट से पता चलता है कि सूरज के साथ दोषी पुलिस कर्मियों ने किस हद तक बर्बरता की. अब यह भी सामने आया है कि आईजी जहूर जैदी ने इस मामले में तत्कालीन डीजीपी सोमेश गोयल को पूरी जानकारी नहीं दी थी और उनसे झूठ बोला था. तत्कालीन डीजीपी सोमेश ने सीबीआई कोर्ट में गवाही देते हुए यह बात कही है. आइए जानते हैं कि डीजीपी ने कोर्ट में क्या-क्या बातें कहीं.सारी बातें कोर्ट की जजमेंट से ली गई हैं.

चंडीगढ़ की सीबीआई की विशेष अदालत में तत्कालीन डीजीपी सोमेश गोयल (अब रिटायर) ने बताया कि उन्हें गुड़िया केस की जानकारी एसपी लॉ एंड ऑर्डर कुशाल शर्मा ने दी थी. उन्होंने कुशाल शर्मा को घटनास्थल का दौरा करने का निर्देश दिया, जो अभी तक घटनास्थल पर नहीं गए थे. डीजीपी ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की निगरानी में एसआईटी गठित करना उचित समझा और 10 जुलाई 2017 को एसआईटी का गठन किया गया.

सोमेश गोयल ने गवाही में कहा कि आईजी जहूर जैदी को एसआईटी का प्रमुख बनाया गया. हालांकि, जैदी ने उन्हें मामले की प्रगति के बारे में कोई औपचारिक या लिखित जानकारी नहीं दी. आईजी जैदी उन्हें टेलीफोन पर सामान्य प्रगति के बारे में बताते थे. चूंकि जनता में भारी आक्रोश था, इसलिए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने 12 जुलाई को इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया और फिर 13 जुलाई को जैदी ने उन्हें टेलीफोन पर सूचित किया कि एसआईटी ने मामले को सुलझा लिया है और पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मीडिया और जनता को सूचित किया जा सकता है.

सोमेश गोयल ने अपने बयान में कहा कि 13 जुलाई 2017 को दोपहर में एक मीडिया ब्रीफिंग की गई. हालांकि, लोग पुलिस की अब तक की जांच से संतुष्ट नहीं थे, इसलिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार के गृह सचिव को मामले की जांच CBI को सौंपने के संबंध में एक पत्र लिखा.

जब प्रेस को जानकारी दी, तब नहीं हुई थी आरोपियों की गिरफ्तारी

डीजीपी ने कहा कि आईजी जैदी ने 13 जुलाई की दोपहर को पांच व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बारे में बताया था, लेकिन बाद में उन्हें पता चला कि वे पांच व्यक्ति 13 जुलाई की रात को गिरफ्तार किए गए थे और मीडिया ब्रीफिंग के समय तक गिरफ्तार नहीं हुए थे. गौरतलब है कि आईजी जैदी 14 जुलाई 2017 से 17 जुलाई 2017 तक छुट्टी पर थे और इस दौरान मामले की प्रगति के बारे में उन्हें सूचित नहीं किया गया. 18 जुलाई को आईजी छुट्टी से लौटे और तब तक, हिमाचल प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया था कि मामला CBI को सौंपा जाएगा और इस निर्णय से जनता संतुष्ट दिखाई दी.

डीजीपी ने अपनी गवाही में कोर्ट को बताया कि 18 जुलाई की रात को 2 बजकर 10 मिनट पर आईजी जहूर जैदी ने उन्हें फोन पर सूचित किया कि पुलिस स्टेशन कोटखाई के लॉकअप में एक आरोपी ने दूसरे आरोपी को मार डाला है. उन्होंने आईजी जैदी से विशेष रूप से पूछा कि क्या घटना में कुछ गलत नहीं हुआ है? इस पर आईजी जैदी ने तब उत्तर दिया कि आरोपी राजेंद्र ऊर्फ राजू का कद-काठी डब्ल्यूडब्ल्यूई पहलवान की तरह है और उसने दूसरे आरोपी सूरज सिंह को मार डाला है.

डीजीपी ने बाद में आईजी जैदी और तत्कालीन एसपी डीडब्ल्यू नेगी को तुरंत घटनास्थल का दौरा करने और तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया था. इस पर आईजी जैदी ने कहा था कि कोटखाई में थाने में आगजनी और कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण जांच बाधित हुई थी और रिपोर्ट में घटना के बारे में कोई महत्वपूर्ण जानकारी शामिल नहीं थी. आईजी ने डीजीपी से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और रिपोर्ट सौंपने के दौरान सामान्य चर्चा में बताया कि खराब कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण, रिपोर्ट में उल्लिखित जानकारी के अलावा कोई तथ्य या महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र नहीं की जा सकी.

13 जुलाई की बातों से डीजीपी का इंकार

क्रॉस एग्जामिनेशन में डीजीपी ने इस सुझाव को खारिज कर दिया कि उन्हें गुड़िया केस में राज्य पुलिस के खिलाफ प्रतिकूल मीडिया रिपोर्टों के बारे में दैनिक रिपोर्टें मिल रही थीं. उन्हें आईजी ने टेलीफोन पर मामले के बारे में सूचित किया था, लेकिन केवल सामान्य जानकारी दी गई थी और कोई विशिष्ट जानकारी नहीं दी गई थी. डीजीपी ने इस बात से इंकार किया कि 13 जुलाई 2017 को उनके आदेश पर प्रेस नोट मार्क किया गया था और वह मीडिया को मामले के विकास के बारे में जल्दी से सूचित करने के इच्छुक थे, क्योंकि उन्होंने राज्य के DGP के रूप में पदभार संभाला था.

क्या है मामला

गौरतलब है कि 4 जुलाई 2017 को शिमला के कोटखाई में एक लड़की की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने फर्जी तरीके से आरोपियों को पकड़ा था और उन्हें टॉर्चर कर गुनाह कुबूल करवाने की कोशिश की गई. बाद में एक आरोपी सूरज को कोटखाई थाने में पुलिस कर्मियों ने इतना मारा था कि उसकी मौत हो गई थी. इस केस में आईजी जहूर जैदी, डीएसपी मनोज जोशी, एसएचओ सहित 8 पुलिस कर्मियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. उस दौरान के एसपी डीएसडब्ल्यू नेगी को कोर्ट ने बरी कर दिया है.

homehimachal-pradesh

सूरज हत्याकांड के बाद WWF का जिक्र, IG जैदी का झूठ और DGP का कुबूलनामा

source

yashoraj infosys : best web design company in patna bihar
yashoraj infosys : best web design company in patna bihar

viral blogs

About Author

You may also like

Trending

नासिक में ट्रक और टेंपो में जोरदार टक्कर, 8 लोगों की मौत, कई घायल

Last Updated:January 12, 2025, 23:34 IST Road Accident: नासिक में एक भीषण रोड एक्सीडेंट में 8 लोगों की मौत हो
Trending

रोहिड़ी महोत्सव: राजस्थानी परंपरा, विरासत और पर्यटन को नई ऊंचाई देने का माध्यम

Last Updated:January 13, 2025, 00:09 IST Music Festival: ‘द रोहिड़ी’ महोत्सव का आयोजन सीमावर्ती रोहिड़ी में किया जाना था, लेकिन