पूजा घर में इन नियमों का पालन करें, पाएं सुख-समृद्धि और शांति

Last Updated:
Home worship rules : पूजा घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य, तीन दुर्गा मूर्ति, दो गोमती चक्र और दो शालिग्राम की पूजा अशांति लाती है. साफ सफाई, गंगाजल, कपूर जलाना आवश्यक है.

रोज का पूजा-पाठ भी नियमों के अनुसार करना चाहिए.
हाइलाइट्स
- पूजा घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश की पूजा अशांति लाती है.
- पूजा घर की साफ सफाई हर शनिवार को अवश्य करें.
- पूजा घर में दैनिक रूप से कपूर अवश्य जलाएं.
Home worship rules : प्रत्येक घर में भगवान का मंदिर होता है. कहीं बड़ा तो कहीं छोटा मंदिर होता है. पूजा घर और पूजा करते समय हम अक्सर कुछ गलतियां कर जाते हैं. जिनकी हमें जानकारी भी नहीं होती है. अज्ञानता बस ऐसी गलतियां की वजह से हमें पाप लग जाता है. आज इसलिए क्योंकि माध्यम से हम आपको पूजा घर से संबंधित कुछ आवश्यक नियम बताने जा रहे हैं. दैनिक जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को इन नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए. अन्य नियमों का पालन करने से घर में सुख समृद्धि बढ़ती है. वास्तु दोष और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है.
पूजा घर से जुड़े कुछ खास नियम:
गृहे लिंगद्वयं नाच्यं गणेशत्रितयं तथा
शंखद्वयं तथा सूर्यो नार्च्यो शक्तित्रयं तथा
द्वे चक्रे द्वारकायास्तु शालग्राम शिलाद्वयम्
तेषां तु पुजनेनैव उद्वेगं प्राप्नुयाद् गृही
अर्थ : घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, दो सूर्य, तीन दुर्गा मूर्ति, दो गोमती चक्र और दो शालिग्राम की पूजा करने से गृहस्थ मनुष्य को अशांति होती है.
- घर के अंदर कम से कम पांच देवी देवताओं की पूजा होनी चाहिए. गणेश शिव विष्णु सूर्या और दुर्गा. इनकी पूजा करने से घर में एकाग्रता और धर्म के प्रति संकल्प बना रहता है.
- पूजा घर की साफ सफाई हर शनिवार को अवश्य करें.
- पूजा घर में सफाई के बाद गंगाजल के छींटे अवश्य लगाएं.
- पूजा घर में गुरुवार एवं एकादशी के सफाई नहीं करनी चाहिए.
- जब भी मंदिर में साफ सफाई करें तो भूल कर भी मंदिर की तस्वीर एवं मूर्ति अन्य पूजा सामग्री को जमीन पर ना रखें. एक साफ कपड़ा बिछाकर उसे पर ही रखें.
- पूजा करने के बाद मंदिर का पर्दा जरूर लगा दें. भगवान को भोग अर्पित करने के पश्चात भी पर्दा गिरा देना चाहिए.
- पूजा घर में दैनिक रूप से कपूर अवश्य जलाएं. इससे घर में प्रत्येक प्रकार का वास्तु दोष, पितृ दोष शांत होने लगता है. घर में सुख समृद्धि एवं शांतिपूर्ण वातावरण बना रहता है.
- यदि कोई मंत्र कंठस्थ न आता हो तो बिना मंत्र के ही जल,चंदन,फूल आदि चढ़ाकर पूजा करनी चाहिए.फूल चढ़ाते समय ध्यान रखें कि उसका मुख ऊपर की ओर हो.सदैव दाएं हाथ की अनामिका एवं अंगूठे की सहायता से फूल अर्पित करने चाहिए। चढ़े हुए फूल को अंगूठे और तर्जनी की सहायता से उतारना चाहिए. फूल की कलियों को चढ़ाना मना है,किंतु यह नियम कमल के फूल पर लागू नहीं है.
January 30, 2025, 13:52 IST
