अपना घर तो भूल जाइये, फ्लैट्स के लिए तरस रहे लोग, अदद छत के लिए मचा है हाहाकार

Agency:News18Hindi
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इस देश में लोगों को रहने के लिए घर नहीं मिल रहा है. अपना घर तो छोड़िए लोगों को रहने के लिए किराये का घर नहीं मिल रहा है. सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट गया है, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. चलिए जानते…और पढ़ें

इस देश में घर के लिए तरस रहे हैं लोग.
हाइलाइट्स
- स्पेन में आवास संकट गहराया.
- विदेशी नागरिकों पर रियल एस्टेट खरीद पर 100% टैक्स प्रस्ताव.
- किफायती आवास के लिए नई योजनाओं की घोषणा.
जो भी इंसान जन्म लिया है, सभी का एक सपना होता है कि अपना घर हो. इसके लिए लोग जीवन भर की कमाई की पाई-पाई जोड़ते हैं, शहर-शहर जाकर नौकरी करते हैं. मगर ये तो संभव नहीं होगा कि हम जहां भी रहने जाएं घर खरीद लें या बना लें, लेकिन जिस भी शहर में रहते हैं, वहां, पर किराए पर एक अच्छा सा गर या फ्लैट तो तलाशते ही हैं, या फिर कहीं पर घूमने जाते हैं तो रेंट पर घर की तलाश करते हैं, लेकिन क्या हो जब आपको किराये पर घर ही ना मिले? बिल्कुल इसी तरह की संकट से एक यूरोपीय देश गुजर रहा है. इस देश में स्थानीय लोगों और टूरिस्टों को किराये पर भी घर नहीं मिल रहा ह. आलम ये है कि कंस्ट्रक्शन का दाम इतना बढ़ गया है कि लोगों अपने घरों का छोड़ चुके हैं. लेकिन पहले जानना जरूरी होगा कि ऐसा क्या हो गया कि किराये पर घर नहीं मिल रहा है या फिर लोग अपना घर नहीं बना पा रहे हैं.
ये संकट स्पेन में आई है. स्पेन की सरकार ने बढ़ते आवास संकट को देखते हुए विदेशी नागरिकों द्वारा रियल एस्टेट खरीद पर नियंत्रण लगाने और शॉर्ट-टर्म किराए को सीमित करने की योजना बनाई है. प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ ने बुधवार को घोषणा की कि उनकी सरकार यूरोपीय संघ के बाहर के खरीदारों पर रियल एस्टेट खरीद पर 100% टैक्स लगाने का प्रस्ताव लाएगी. उनका यह घोषणा पिछले सप्ताह घोषित की गई एक व्यापक योजना का हिस्सा था, जिसमें लोगों के किफायती दाम पर घर उपलब्ध करवाना था. साथ ही स्पेन के शहरों में विरोध प्रदर्शनों को शांत करना है. उन्होंने स्पेन में रियल एस्टेट की विदेशी खरीद पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही, लेकिन बाद में अपने कदम पीछे खींच लिए.
कई देश संकट की जद में
स्पेन के साथ-साथ यूरोप के कई बड़े शहर भी इस समय आवास संकट से जूझ रहे हैं. यूरोपीय संघ में पिछले एक दशक में किराए में औसतन 20% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि घरों की कीमतों में लगभग 50% की वृद्धि हुई है, जो कि औसत घरेलू आय की तुलना में दोगुनी है.
क्या हैं आवास संकट की वजहें?
आवास संकट की प्रमुख वजहों में हाउसिंग का व्यापारिकरण, शॉर्ट-टर्म रेंटल प्लेटफॉर्म्स (जैसे Airbnb) का बढ़ता प्रभाव और स्पेन व अन्य देशों में ‘गोल्डन वीज़ा’ प्रोग्राम्स का चलन शामिल हैं. इन वीज़ा प्रोग्राम्स के तहत विदेशी खरीदारों ने वीज़ा पाने के लिए बड़ी संख्या में प्रॉपर्टी खरीदी, जिससे स्थानीय लोगों के लिए घरों की उपलब्धता और कीमतें प्रभावित हुईं.
युक्रेन युद्ध से भी बढ़ा संकट
इसके अलावा, यूक्रेन युद्ध के बाद निर्माण सामग्री और ऊर्जा की कीमतों में भारी वृद्धि के चलते पूरे यूरोप में हाउसिंग निर्माण में गिरावट आई. यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि से रियल एस्टेट बाजार भी प्रभावित हुआ. स्पेन के प्रधानमंत्री सांचेज़ ने कहा, ‘यह एक गंभीर समस्या है, जो सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से बड़े प्रभाव डाल रही है. इसे हल करने के लिए समाज और सरकारी संस्थाओं को मिलकर काम करना होगा.’
किफायती आवास के लिए नई योजनाएं
प्रधानमंत्री सांचेज़ ने 12 नई योजनाओं की घोषणा की है, जिनमें उन मकान मालिकों के लिए टैक्स छूट शामिल है, जो किराए को कम करने के लिए सहमत होंगे. इसके अलावा, देश भर में बड़े पैमाने पर किफायती आवास के निर्माण की योजना भी प्रस्तावित की गई है. उन्होंने कहा कि स्पेन में किफायती आवास का प्रतिशत यूरोप में सबसे कम है, क्योंकि पिछली सरकारों ने इन संपत्तियों को निजी निवेशकों को बेच दिया था.
यूरोपीय स्तर पर समाधान की पहल
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने हाल ही में आवास संकट का समाधान खोजने के लिए एक ‘हाउसिंग सीज़ार’ की नियुक्ति की है. स्पेन से लेकर स्वीडन तक, हाउसिंग की कमी और धीमी सैलरी ग्रोथ ने किफायती घरों तक पहुंच को और कठिन बना दिया है. प्रधानमंत्री सांचेज़ ने कहा, ‘किफायती आवास एक अधिकार होना चाहिए और कल्याणकारी राज्य का महत्वपूर्ण स्तंभ बनना चाहिए.’
January 27, 2025, 13:29 IST
