Lifestyle

Republic Day 2025 Speech in Hindi: गणतंत्र दिवस पर स्कूल-कॉलेज के लिए बच्चे ऐसे तैयार करें भाषण, हर कोई करेगा आपकी तारीफ

Republic Day 2025 Speech in Hindi: 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस को सेलिब्रेट करने के लिए पूरा देश तिरंगे के रंग में रंगकर तैयार हो चुका है. इस दौरान पूरे देश में जश्न मनाया जाता है. कर्तव्य पथ से लेकर स्कूल-कॉलेज और तमाम संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. अगर आपका बच्चा भी अपने स्कूल-कॉलेज में भाषण या शॉर्ट स्पीच की तैयारी कर रहा है तो ये टिप्स और डिटेल्स आपके काम आ सकते हैं.

इन टॉपिक्स पर दे सकते हैं भाषण

गणतंत्र दिवस पर भाषण देना चाहते हैं तो उसका टॉपिक चुनना बेहद जरूरी होता है. दरअसल, टॉपिक की वजह से आपका भाषण प्रभावशाली लगता है. ऐसे में आप इन टॉपिक को भी इस्तेमाल कर सकते हैं. 

  • गणतंत्र दिवस का महत्व और इसका इतिहास
  • भारतीय संविधान: इसकी विशेषताएं और हमारी जिम्मेदारियां
  • भारत की प्रगति: पिछले 75 वर्षों की यात्रा
  • युवाओं की भूमिका: गणतंत्र की मजबूती में योगदान
  • लोकतंत्र और गणतंत्र: इनके बीच का अंतर और भारत में इनका महत्व
  • आधुनिक भारत और हमारी राष्ट्रीय एकता
  • आजादी के नायक और गणतंत्र के निर्माता
  • गणतंत्र दिवस पर महिला सशक्तिकरण और समानता का संदेश
  • गांव, गरीब और किसान: भारत के गणतंत्र का मूल आधार
  • आधुनिक तकनीक और भारत का विकास: गणतंत्र के नए आयाम
  • विविधता में एकता: भारत के गणतंत्र का सार
  • सभी के लिए शिक्षा: एक प्रगतिशील गणराज्य की कुंजी
  • भारतीय संविधान की यात्रा: दृष्टि से वास्तविकता तक
  • डिजिटल इंडिया: 21वीं सदी में राष्ट्र का परिवर्तन
  • महिला सशक्तिकरण: भारतीय गणतंत्र का एक स्तंभ
  • गणतंत्र का गौरव गान: संविधान का प्रकाश पथ
  • आजादी का स्वर, लोकतंत्र का मार्ग: गणतंत्र दिवस का संदेश
  • शहीदों के सपनों का सूर्योदय: 75 साल का गौरवशाली सफर
  • बढ़ते कदम, उजागर रास्ता: 21वीं सदी में भारत का गणतंत्र

कैसे तैयार करें भाषण?

गणतंत्र दिवस पर भाषण तैयार करते वक्त कई चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. सबसे पहले तो गणतंत्र दिवस और उससे संबंधित घटनाओं के महत्व पर अच्छी तरह रिसर्च करनी चाहिए. इसके अलावा भाषण स्पष्ट और संक्षिप्त होना चाहिए. जब आप भाषण दें तो वह एकदम स्पष्ट और संक्षित होना चाहिए. वास्तविक घटनाओं और प्रभावशाली शब्दों से ही देशभक्ति को व्यक्त करना चाहिए. भाषण में हमेशा सरल भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए. भाषण देते वक्त स्पष्ट रूप से बोलें. अपनी आवाज नियंत्रित रखें और बोलने की रफ्तार एक लय में रहनी चाहिए.

ये भाषण आ सकते हैं आपके काम

मित्रों और प्यारे देशवासियों, गणतंत्र दिवस की पावन बेला में आप सभी को मेरा प्रणाम!

आज का दिन हम सबके लिए गौरव और हर्ष का दिन है. यह वह दिन है, जब हमारे पूर्वजों के अथक संघर्ष और बलिदानों से 75 साल पहले हमने एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में अपनी पहचान स्थापित की थी. एक ऐसी जमीन तैयार की, जहां हर नागरिक को, चाहे वह किसी भी धर्म-जाति या भाषा का हो, समानता-न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है.

इस पावन अवसर पर हमें उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना चाहिए, जिनके हौसलों और त्याग के बिना स्वतंत्रता का पावन सूर्योदय कभी न होता. वे वीर सपूत, जिन्होंने अंग्रेजों के सदियों के जुल्म के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाया, जिन्होंने जेलों की यातनाएं झेलीं. फांसी के तख्ते पर हंसते-हंसते चढ़े और अपने प्राणों की आहुति देकर हमें यह अनमोल आजादी दिलाई.

हालांकि, आजादी मिलना ही काफी नहीं था, उसे संजोना भी बेहद जरूरी था. यही वजह है कि हमारे संविधान निर्माताओं ने वह दिव्य दस्तावेज रचा, जिसने हमारे गणतंत्र को मजबूत आधार दिया. डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, राजेंद्र प्रसाद जैसी शख्सियतों की सूझबूझ और दूरदर्शिता ने हमें संविधान का वह प्रकाशस्तंभ दिया, जो हमें लोकतंत्र के अंधकार से निकालकर न्याय-समानता और भाईचारे के उजाले में लाता है.

संविधान, वो आधारशिला है जिस पर हमारा लोकतंत्र टिका हुआ है. वो कवच है जो हर नागरिक को अन्याय के तीरों से बचाता है. वो पवित्र ग्रंथ है जो हमें हमारे कर्तव्य का बोध कराता है. हमें ये याद दिलाता है कि स्वतंत्रता के साथ जिम्मेदारी भी आती है. हमें भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी होगी, शिक्षा का दीप जलाना होगा, और एक समृद्ध और विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेना होगा.

तो आओ, इस गणतंत्र दिवस पर हम मिलकर संकल्प लें कि हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को, संविधान निर्माताओं के सपनों को, सार्थक बनाएंगे. हम एकता, अखंडता और मानवता के मूल्यों को मजबूत करेंगे. हम अपने मतभेदों को मिटाकर राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखेंगे. हम भारत को विश्व पटल पर गौरवान्वित करेंगे.

जय हिंद! जय भारत!

आदरणीय प्रधानचार्य, शिक्षक और मेरे प्यारे दोस्तों, आज, जब हम भारत के जीवंत आकाश के नीचे खड़े हैं, मैं उस दिन के बारे में बात करना चाहता हूं जो हमारे दिलों को गर्व से भर देता है और हमें अपने मन की बात कहने के लिए प्रेरित करता है. लेकिन बल. ये मुझे ये कहने पर मजबूर करता है. ये मुझे ये कहने पर मजबूर करता है. कहने को प्रेरित करता है. आज़ादी देता है – गणतंत्र दिवस!

77 साल पहले, इसी दिन हमारे देश का एक स्वतंत्र गणतंत्र के रूप में जन्म हुआ था.इस दिन, हम ब्रिटिश शासन की बेड़ियों से बच निकले, स्वतंत्रता की उज्ज्वल रोशनी में प्रवेश किया और लोकतंत्र के स्तंभों पर मजबूती से खड़े एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में उभरे. भारत का आकाश आख़िरकार भारतीय लोगों का था, जो न केवल ब्रिटिश शासन से आज़ादी का प्रतीक था, बल्कि उन असीमित संभावनाओं और सपनों का भी था जिन्हें हमारा जीवंत राष्ट्र अब हासिल करने की आकांक्षा कर सकता है.

उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में सोचें जिन्होंने इस दिन के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर दिया. उनके अटूट साहस ने स्वतंत्रता का मार्ग प्रशस्त किया, जिससे हम एक गौरवान्वित राष्ट्र के रूप में खड़े हो सके. हम पर उनका कृतज्ञता का गहरा ऋण है.

लेकिन गणतंत्र दिवस केवल अतीत को याद करने के बारे में नहीं है; यह वर्तमान को अपनाने और भविष्य के निर्माण के बारे में है. यह सीखने, बड़े सपने देखने और ऊंचे लक्ष्य रखने की आजादी है. यह बोलने और अपनी आवाज़ सुनने की आज़ादी है. यह सहिष्णु होने और दूसरों के प्रति दयालु होने की स्वतंत्रता है.

तो, आइए गणतंत्र दिवस को केवल झंडों और मिठाइयों के साथ नहीं, बल्कि कार्यों के साथ मनाएं. आइए हमारे संविधान के मूल्यों को कायम रखते हुए जिम्मेदार नागरिक बनें. आइए हम एक-दूसरे के मतभेदों का सम्मान करें और अपनी विविधता का जश्न मनाएं, आखिरकार भारत विविधता में एकता का देश है.

सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ! आइये, हाथ में हाथ डालकर एक उज्जवल, अधिक गौरवशाली भारत की ओर आगे बढ़ें!

धन्यवाद.

यह भी पढ़ें: गणतंत्र दिवस के खास मौके पर अपनी फैमिली और फ्रेंड्स को भेजें ये स्पेशल मैसेज

आदरणीय प्रधानचार्य, शिक्षक और मेरे मेरे सहपाठियों, आज हम एक ऐसा दिन मनाने के लिए एकत्र हुए हैं जो न केवल अंग्रेजों पर हमारी जीत का प्रतीक है बल्कि हमारी लोकतांत्रिक भावना की जीत का भी प्रतीक है. सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ!

मेरे प्यारे दोस्तों, एक ऐसी दुनिया की कल्पना करें जहां हर एक आवाज मायने रखती है और हर नागरिक को अपना नेता चुनने का अधिकार है. एक ऐसी भूमि की कल्पना करें जहां हर किसी को बड़े सपने देखने और उन सपनों को पूरा करने के लिए अथक प्रयास करने का अधिकार है. गणतंत्र दिवस सभी के लिए स्वतंत्रता, समानता और न्याय के सपने को साकार करने का प्रतीक है. इस प्रकार, मेरे प्यारे दोस्तों, गणतंत्र के जादू के माध्यम से ही हम लोग सच्चे राजा और रानी हैं.

लेकिन, लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए हमारी सक्रिय भागीदारी, विभिन्न विचारों के प्रति हमारा सम्मान और विविधता में एकजुट रहने की हमारी प्रतिबद्धता की आवश्यकता है. हम सभी ने अपने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और उनकी अदम्य भावना के बारे में कहानियाँ सुनी हैं. हमें उनके साहस से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए उनके समर्पण का अनुकरण करना चाहिए.

तो, आइए इस गणतंत्र दिवस पर इस महान भूमि के योग्य नागरिक बनने की प्रतिज्ञा करें. आइए अपने लोकतंत्र में दयालु, जिम्मेदार और सक्रिय भागीदार बनने का वादा करें. आइए एक-दूसरे के मतभेदों को स्वीकार करें, अपनी विविधता का जश्न मनाएं और एक ऐसा भविष्य बनाने के लिए मिलकर काम करें जो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने से भी अधिक गौरवशाली हो.

आइए हर दिन को अपनी स्वतंत्रता, अपने लोकतंत्र और इस देश की अविश्वसनीय क्षमता का उत्सव बनाएं जिसे हम भारत कहते हैं.

सभी को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ!

धन्यवाद!

यह भी पढ़ें: महज 20 रुपये में देख सकते हैं 26 जनवरी की परेड, जानें टिकट बुक करने का सबसे आसान तरीका

भारत के वीर सपूतों,

आज का यह पवित्र दिन, गणतंत्र दिवस का पर्व, हमें राष्ट्रप्रेम की ऊँचाइयों पर ले जाता है I 26 जनवरी 1950 को, इसी पावन धरती पर, हमने अपना संविधान अपनाया, जिसने करोड़ों देशवासियों को एकता, समानता और बंधुत्व के सूत्र में पिरोया I यह दिन हमें याद दिलाता है उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों का, जिन्होंने अंग्रेजों की सदियों की गुलामी से मुक्ति का सूर्योदय किया I आज हम गर्व से कह सकते हैं, हम एक लोकतांत्रिक गणराज्य हैं, जहाँ हर नागरिक को अपने विचार व्यक्त करने का अधिकार है, जहाँ न्याय सबके लिए समान है, और जहाँ हर सपने को पूरा करने का अवसर है.

लेकिन स्वतंत्रता सिर्फ मिली नहीं, इसे बचाए रखना भी है. हमें अपने कर्तव्य का बोध करना होगा, राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देना होगा I हमें शिक्षा का दीप जलाना होगा, असमानता, भ्रष्टाचार और अन्याय से लड़ना होगा. हमें भारत को विश्व गुरु बनाने का संकल्प लेना होगा I तो आओ, आज के इस पावन अवसर पर, हम सब मिलकर संकल्प लें, देश को और अधिक सशक्त, समृद्ध और गौरवशाली बनाने का.

गर्व से कहो, मैं भारतीय हूँ!

जय हिंद!

यह भी पढ़ें: क्या आप भी रिपब्लिक डे परेड देखने जाएंगे? भूलकर भी न ले जाएं ये सामान नहीं तो हो जाएगी परेशानी

मित्रों और हमवतनों, गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

आज का दिन सिर्फ परेड और राष्ट्रीय गान गाने का नहीं है, बल्कि वो पावन क्षण है जब हमने 75 साल पहले अपने गणतंत्र का स्वरूप गढ़ा था. और इस गौरवमयी मूर्ति को तराशने का हथियार था हमारा संविधान, वो दिव्य दस्तावेज़ जिसने हमें न्याय, समानता और बंधुत्व का वादा किया था.

संविधान, वो प्रकाश स्तम्भ है, जो हमें लोकतंत्र के अंधकार से निकालकर स्वतंत्रता के उजाले में लाता है. ये वो कवच है, जो हर नागरिक को भेदभाव और अन्याय के तीरों से बचाता है. ये वो संवाह है, जो करोड़ों भारतीयों को एक सूत्र में पिरोता है, चाहे उनका धर्म, जाति या भाषा कोई भी हो.

लेकिन ये संविधान, सिर्फ कागज का पन्ना नहीं है, ये हमारे दिलों में उकेरा हुआ आचार है. ये हमें अपने कर्तव्य का बोध कराता है, देश के विकास में योगदान देने की प्रेरणा देता है. ये हमें संविधान के सिद्धांतों – गणतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद और लोकतांत्रिक गणराज्य – की रक्षा का संकल्प लेने की शक्ति देता है.

हमें याद रखना चाहिए कि लोकतंत्र एक नाजुक पौधा है, जिसे हर नागरिक के सतर्कता और समर्पण की जरूरत है I हमें सहिष्णुता, समानता और भाईचारे की भावना को मजबूत करना होगा I हमें भ्रष्टाचार और अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठानी होगी. हमें शिक्षा और ज्ञान का दीप जलाना होगा, ताकि हमारा युवा वर्ग लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ बन सके.

तो आओ, इस गणतंत्र दिवस पर हम संकल्प लें कि हम संविधान को नहीं सिर्फ पढ़ेंगे, बल्कि उसे जिएंगे. हम लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करेंगे, देश के विकास में अपना योगदान देंगे, और भारत को विश्व गुरु बनाने का स्वप्न पूरा करेंगे.

जय हिंद! जय भारत!

यह भी पढ़ें: 26 जनवरी को क्या रहेगा परेड का टाइम? क्या दिल्ली मेट्रो के समय पर पड़ेगा असर, जानिए सब कुछ

नमस्कार भारतवासियों! 75वें गणतंत्र दिवस की पावन बेला पर आप सभी को मेरा हार्दिक अभिनंदन! आज का ये पावन दिन हमें उन वीर सपूतों को याद दिलाता है, जिन्होंने अपने हौसले और त्याग से हमें स्वतंत्रता का ये अनमोल उपहार दिया. वो शहीद जो गरजते हुए समंदर में कूद पड़े, वो क्रांतिकारी जो जेल की कोठरियों में भी आजादी के सपने बुने, वो सत्याग्रही जो अहिंसा के हथियार से ब्रिटिश साम्राज्य को हिला दिया, उनके बलिदान को नमन, उनके साहस को सलाम!

गांधी, सुभाष, भगत सिंह, अंबेडकर – ये नाम इतिहास की पन्नों में नहीं, हमारे दिलों में अमर हैं. उनकी अदम्य इच्छाशक्ति, अटूट एकता और अडिग विश्वास ने ही हमें 26 जनवरी 1950 को गणतंत्र राष्ट्र बनाया. संविधान, वो दिव्य ग्रंथ जो उनके अथक परिश्रम से बना, हमें समानता, न्याय और स्वतंत्रता का हक देता है. यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम स्वतंत्रता के दीप को जलाए रखें, उस संविधान के आदर्शों पर चलें और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं.

आज भारत दुनिया के सामने एक मजबूत राष्ट्र के रूप में खड़ा है. हमारे वैज्ञानिक, तकनीकज्ञ, उद्यमी और खिलाड़ी विश्व पटल पर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं. लेकिन हमारा सफर अभी पूरा नहीं हुआ. गरीबी, भ्रष्टाचार, असमानता जैसी चुनौतियां आज भी देश के सामने हैं. हमें मिलकर इनसे लड़ना है, शिक्षा का दीप जलाना है, पर्यावरण की रक्षा करनी है, और राष्ट्र निर्माण में अपना-अपना योगदान देना है.

इस गणतंत्र दिवस, आइए हम संकल्प लें कि हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को साकार करेंगे. एक ऐसा भारत बनाएंगे जहां हर नागरिक को सम्मान मिले, जहां अशिक्षा का अंधकार न हो, जहां विकास की गंगा हर गांव, हर गली में बहती हो. भारत माता के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करें, और आने वाली पीढ़ियों को गौरवमय इतिहास और उज्ज्वल भविष्य दें.

जय हिंद! जय भारत!

यह भी पढ़ें: ‘कट्टर दुश्मनों’ को भी गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट बना चुका है भारत, जानें कब-कब आए चीन-पाकिस्तान के दिग्गज?

source

yashoraj infosys : best web design company in patna bihar
yashoraj infosys : best web design company in patna bihar

viral blogs

About Author

You may also like

Lifestyle

क्या होता है कोडीन जिससे बनी कफ सिरप के रैकेट का हुआ पर्दाफाश, जानें सेहत के लिए हो सकता है कितना खतरनाक

Cough Syrup Banned: एक बार फिर शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली कफ सिरप का खुलासा हुआ है. महाराष्ट्र के ठाणे
Lifestyle

भारत के इस राज्य ने दुनिया में जमाई धाक, बना वर्ल्ड का बेस्ट ट्रैवल डेस्टिनेशन

भारत के इस राज्य ने दुनिया में जमाई धाक, बना वर्ल्ड का बेस्ट ट्रैवल डेस्टिनेशनsource yashoraj infosys : best web