Prayagraj: प्रयागराज को तीर्थराज क्यों कहते हैं, महाकुंभ के समय यहां आने से क्या होता है?
प्रयागराज बहुत ही पवित्र स्थान माना गया है. प्रयागराज में तीन पवित्र नदियों का संगम होता है. प्रयागराज में कुंभ का आयोजन किया जाता है, यह एक पवित्र स्थल है.
प्रयागराज को तीर्थराज भी कहा जाता है.तीर्थराज का अर्थ है तीर्थों का राजा. प्रयागराज को सभी तीर्थों में श्रेष्ठ तीर्थ बताया गया है. प्रयागराज का वर्णन ब्रह्म पुराण में भी किया गया.
सभी तीर्थों की श्रेष्ठता की तुलना में एक पलड़े पर प्रयागराज को रखा गया और दूसरे पलड़े समस्त तीर्थ स्थानों को रखा गया. जिसके परिणामस्वरूप, प्रयागराज का पलड़ा भारी रहा.
प्रयागराज को सप्तपुरियों का पति कहा जाता है. वहीं प्रयाग तीर्थों के नायक हैं और उनकी रानी काशी हैं. सृष्टि की रचना के लिए यहां ब्रह्म जी ने दशाश्वमेध यज्ञ किया था. प्रयागराज की श्रेष्ठता का प्रतीक अनेक पुराणों और ग्रंथों में मिलता है.
महाकुंभ के दौरान लोग संगम स्थल पर आते हैं और स्नान करते हैं. संगम स्थल पर पवित्र तीनों नदियों का संगम होता है. गंगा, यमुना, सरस्वती जिस वजह से इस स्थान केो त्रिवेणी संगम भी कहते हैं.
प्रयागराज में भगवान विष्णु माधव रुप में विराजमान हैं. प्रयागराज में महाकुंभ स्नान से जन्मों के पापों का नाश होता है.
Published at : 23 Jan 2025 06:15 AM (IST)