भारत के बिना नहीं चलेगा काम, डोनाल्ड ट्रंप को तुरंत समझ आ गई यह बात
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India-America News: डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले ली है. उन्होंने पद संभालते ही ताबड़तोड़ कई फैसले लिए, जिनका दूरगामी प्रभाव होना है. दुनियाभर में उनकी अगली नीति को लेकर क…और पढ़ें
हाइलाइट्स
- विदेश मंत्री एस. जयशंकर पीएम मोदी के विशेष दूत के तौर पर गए थे अमेरिका
- डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने का पक्षधर
- ट्रंप ने राष्ट्रपति का पद संभालते ही कई फैसले लिए, उनकी अगली नीति पर नजर
वॉशिंगटन. डोनाल्ड ट्रंप ने चार साल के अंतराल के बाद एक बार फिर से दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभाल लिया है. ओवल ऑफिस पहुंचते ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ताबड़तोड़ कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिससे दुनिया हिली हुई है. ट्रंप की ओर से लिए गए कुछ फैसलों से दुनिया हिली हुई. परंपरागत शत्रु देश चीन से लेकर ट्रेडिशनल पार्टनर कंट्री जापान-ब्रिटेन के होश भी उड़े हुए हैं. वे इस बात को लेकर आशंकित हैं कि अब ट्रंप सरकार का अगला फैसला क्या होगा. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भी चीन के खिलाफ सख्त फैसले लेने की बात कही थी. अब बीजिंग में भी ट्रंप को लेकर आशंकाएं हैं. दूसरी तरफ, अमेरिका की नई सरकार ने भारत के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने के ठोस संकेत दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने गए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बखूबी अपना काम कर दिया है.
भारत ने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में अभी से जुट गया है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष दूत के रूप में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया और फिर नई सरकार के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात कर भारत का रुख स्पष्ट कर दिया. सूत्रों की मानें तो इसके साथ ही अमेरिका की ट्रंप सरकार ने भी भारत के साथ संबंधों को और पुख्ता करने की मंशा जता दी है. राष्ट्रपति ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में टॉप प्रोटोकॉल दिए जाने के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइक वॉल्ट्ज से मुलाकात की और फिर नवनियुक्त विदेश मंत्री मार्को रुबियो, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग और जापानी विदेश मंत्री इवाया ताकेशी के साथ क्वाड (QUAD) बैठक में भाग लिया.
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इस संकेत को समझिए
इसके तुरंत बाद जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच द्विपक्षीय बैठक हुई. ट्रम्प सरकार में भारत के महत्व का संकेत इस तथ्य से मिलता है कि मार्को रुबियो की पहली बहुपक्षीय बैठक QUAD के विदेश मंत्रियों के साथ थी और पहली द्विपक्षीय बैठक भारत के साथ हुई. बता दें कि भारत भी क्वाड का सदस्य है. सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन ने क्वाड बैठक और मंत्री जयशंकर के साथ द्विपक्षीय बैठक के जरिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्पष्ट संदेश देते हुए भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने का फैसला किया है. जानकारी के अनुसार, ट्रम्प सरकार ने पिछले शासनकाल के दौरान हासिल की गई भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध को आगे बढ़ाएगा और आईटी, रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और वाणिज्य और आर्थिक संबंधों में बड़े कदम उठाने के लिए तैयार है.
मजबूत होंगे द्विपक्षीय संबंध
QUAD की बैठक में अभी तक उठाए गए पिछले कदमों की समीक्षा की गई. विदेश मंत्री रुबियो ने अपने तीन समकक्षों को याद दिलाया कि यह राष्ट्रपति ट्रम्प ही थे, जिन्होंने साल 2017 में QUAD विदेश मंत्रियों की बातचीत शुरू की थी. विदेश मंत्री रुबियो ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया कि राष्ट्रपति ट्रम्प का इंडो-पैसिफिक में नेविगेशन की स्वतंत्रता, फ्लेक्सिब सप्लाई चेनऔर क्षेत्र में मानवीय और प्राकृतिक आपदाओं के लिए तेजी से रिस्पांस करना सुनिश्चित करने के लिए क्वाड पर आगे बढ़ने का पूरा इरादा है. सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्री जयशंकर की अपने अमेरिकी समकक्ष रुबियो के साथ बातचीत काफी सकारात्मक रही है. दोनों देश आपसी हित और आपसी सुरक्षा के आधार पर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं. ट्रंप सरकार में भारत-अमेरिका नया अध्याय लिख सकता है.
New Delhi,Delhi
January 23, 2025, 05:01 IST