जहां गोलियों की गूंज थी, वहां अब रोमांच की खोज! बैटलफील्ड टूरिज्म एप लॉन्च, जान लें ये खास बातें
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Battlefield Tourism App : गलवाल, सियाचीन हो या डोकलाम, लोंगेवाला…जहां कभी गोलियों की गूंज हुआ करती थी,अब वहां रोमांच की खोज में आप जा सकते हैं. बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने ‘भारत रणभूमि दर्शन’ (Bharat Ranbhoomi Darshan) की शुरुआत की है. इसके लिए बैटलफील्ड टूरिज्म एप लॉन्च किया है. इस एप की मदद से आपको भी बॉर्डर एरिया तक जाने की मंजूरी मिलेगी.
टूरिस्ट उन सभी जगहों पर घूम सकते हैं. जहां हमारे जवान अपना बलिदान देते और देश की रक्षा करते हैं. देश वासियों को वीरों की गाथाओं से परिचित कराने के लिए डिटेल प्लान तैयार किया गया है. इस ऐप या वेबसाइट की मदद से आप इन जगहों की ऐतिहासिक जानकारी, टूर प्लान और जरूरी परमिट आसानी से हासिल कर सकेंगे. आइए जानते हैं इससे जुड़ी खास बातें…
सिर्फ एक क्लिक पर बॉर्डर टूर
‘भारत रणभूमि दर्शन’ के लिए बनाई गई वेबसाइट या एप पर पर्यटकों को इन जगहों की ऐतिहासिक जानकारी, टूर प्लान और जरूरी परमिट लेने में मदद मिलेगी. वेबसाइट वर्चुअल टूर, ऐतिहासिक घटनाओं के डिटेल्स और इंटरएक्टिव चीजें भी उपलब्ध कराएगी. इन स्थलों को ‘अतुल्य भारत’ अभियान के तहत भी सरकार प्रचारित करेगी. इन जगहों पर जाकर आप रोमांचक हो सकते हैं. वीरों की गाथाएं जा सकते हैं.
किन युद्धक्षेत्र जाने का मौका मिलेगा
1. भारत-चीन और भारत-पाकिस्तान के बॉर्डर पर सेना ने कई वॉर मेमोरियल और संग्रहालय तैयार किए हैं.
2. 1971 के भारत-पाक लोंगेवाला का युद्ध, 1962 के भारत-चीन युद्ध में अरुणाचल प्रदेश के एतिहासिक जगह जाने को मिलेगा.
3. सियाचिन बेस कैंप, लिपुलेख पास, बूमला, किबिथु, गलवान और डोकलाम देख सकेंगे.
4. शौर्य स्मारक के तौर पर तवांग, लोंगेवाला, सियाचिन, ऑपरेशन मेघदूत मेमोरियल, जसवंतगढ़ के वॉर मेमोरियल भी टूरिस्ट्स जा सकेंगे.
5. शौर्य गाथा में 1947-48 भारत पाकिस्तान युद्ध, भारत चीन 1962 युद्ध, 1965 भारत पाकिस्तान युद्ध जा सकते हैं.
6. इसमें लिबरेशन ऑफ बांग्लादेश, सियाचिन ऑपरेशन मेघदूत, 1999 का करगिल युद्ध वाली जगहें भी शामिल है.
बॉर्डर टूरिज्म से क्या फायदा होगा
पिछले कुछ समय में देश के बॉर्डर के डेवलपमेंट पर सरकार ने काफी कुछ काम किया है. वाइब्रेंट विलेज जैसे कई प्रोजेक्ट भी शुरू किए गए हैं. ‘भारत रणभूमि दर्शन’ के जरिए पर्यटकों को उन इलाकों में जाने की इजाजत दी गई है, जहां वे नहीं जा सकते थे. यहां सिर्फ जाने सोच पाते थे लेकिन हकीकत में नहीं जा पाते थे. अब यह सपना भी पूरा होगा. पर्यटकों के लिए सड़कों के अलावा होटल और अन्य सुविधाएं तैयार की गई हैं. जब टूरिस्ट्स आएंगे तो इन इलाकों में रहने वालों को भी फायदा होगा और डेवलपमेंट भी होगा.
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