कानपुर मेट्रो के नए अंडरग्राउंड स्टेशन इस वजह से होंगे खास…दिखाई देगी ये चीज

कानपुर:- मेट्रो शहर के विकास की दिशा में एक और अहम कदम बढ़ाया जा रहा है. मोतीझील से कानपुर सेंट्रल के बीच बने पांच नए भूमिगत मेट्रो स्टेशन अब केवल यातायात का साधन नहीं रहेंगे, बल्कि ये स्टेशन शहर की पहचान, इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाएंगे. इन्हें खास अंदाज़ में सजाया गया है, ताकि यहां आने वाले लोग मेट्रो सफर के साथ-साथ कानपुर के बारे में भी जान सकें
ऐतिहासिक और गौरवशाली शहर है कानपुर
आपको बता दें, कानपुर एक ऐसा शहर है जिसने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर औद्योगिक विकास तक, कई ऐतिहासिक दौर देखे हैं. यही नहीं, यहां के लेदर प्रोडक्ट, चूड़ियां, पीतल के बर्तन, कालीन और ज्वैलरी जैसे उत्पाद देश ही नहीं, विदेशों में भी मशहूर हैं. मेट्रो स्टेशनों पर अब इन्हीं चीजों को कलात्मक अंदाज में दिखाया गया है ताकि यहां आने-जाने वाले लोग न केवल एक आसान और तेज़ सफर कर सकें, बल्कि शहर की पहचान से भी जुड़ सकें.
चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा, नयागंज और कानपुर सेंट्रल, इन पांचों अंडर ग्राउंड स्टेशनों को विशेष थीम पर सजाया गया है. चुन्नीगंज स्टेशन पर लाल इमली जैसी ऐतिहासिक इमारतों की झलक मिलती है. नवीन मार्केट स्टेशन पर ‘एक जिला, एक उत्पाद’ योजना के तहत कानपुर के प्रसिद्ध उत्पादों को आर्टवर्क के ज़रिए दिखाया गया है. वहीं, बड़ा चौराहा स्टेशन की दीवारों पर गंगा घाट और गंगा आरती के सुंदर चित्र हैं, जो आध्यात्मिक माहौल बनाते हैं. मिट्टी के बर्तन बनाते कलाकार की तस्वीरें भी यहाँ की खूबसूरती बढ़ाती हैं. वहीं, नयागंज स्टेशन पर फूलबाग की हरियाली, रंगोली, बाजारों की रौनक, गंगा मेला और स्थानीय व्यंजनों जैसे लड्डू-समोसे की झलक दी गई है. और सबसे खास है कानपुर सेंट्रल स्टेशन, जहां 1857 की क्रांति में रानी लक्ष्मीबाई की भूमिका को दर्शाने वाले चित्र और ‘कनपुरिया’ भाषा के शब्द लोगों को आकर्षित करते हैं.
प्रबंध निदेशक ने दी जानकारी
वहीं, इसके बारे में उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया, कि इन स्टेशनों को सजाने का मकसद सिर्फ सौंदर्यीकरण नहीं है, बल्कि यह है कि जो भी कानपुर आए, वह इस शहर के इतिहास, इसकी संस्कृति और खासियतों को समझ सके. यह पहल न सिर्फ शहरवासियों को गर्व महसूस कराएगी, बल्कि बाहर से आने वाले यात्रियों को भी कानपुर से जुड़ने का एक नया अनुभव देगी. मेट्रो अब सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं, बल्कि शहर की आत्मा को दर्शाने वाला एक जीवंत माध्यम बन गई है.
