दरिया के रास्ते घुसे आतंकी, 5 दिन तक पीछा और….कठुआ एनकाउंटर की पूरी कहानी

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Kathua Encounter news: कठुआ एनकाउंटर में पांच दिनों तक पीछा करने के बाद सुरक्षा बलों ने आखिरकार तीन आतंकियों को मार गिराया. बताया जा रहा है कि इस इलाके में कुल नौ आतंकी छिपे हुए हैं. इसलिए अभी भी एनकाउंटर…और पढ़ें

कठुआ में कैसे आतंकियों का सेना के जवानों ने किया पीछा.
हाइलाइट्स
- 23 मार्च को कठुआ के जंगल के एक गांव में दिखे थे सभी आतंकी.
- सुरक्षा बलों ने घेरा और पीछा किया तो भाग निकलने में हुए कामयाब.
- 5 दिन पीछा करने के बाद आखिरकार सुरक्षाबलों ने उन्हें मार गिराया.
5 दिन पहले आतंकियों का गुट कठुआ के एक गांव में दिखा. सुरक्षाबलों ने दबोचना चाहा, लेकिन वे फरार हो गए. तभी से सेना उनके पीछे लग गई. वे जहां भी जाते, सुरक्षाबल उनके पीछे पीछे पहुंच जाते. जंगल जंगल तलाशा. मुहल्ले मुहल्ले खोजा. हाईवे से लेकर तंग गलियों तक उनका पीछा करते रहे और आखिरकार 5 दिन बाद सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया. कठुआ एनकाउंटर की पूरी कहानी जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
शुरुआत 23 मार्च को कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर से हुई. सुरक्षा बलों के जवान सान्याल गांव में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे, तभी पांच आतंकी नजर आए. वे भारी भरकम हथियारों से लैस थे. उस दिन आतंकियों ने एक बच्ची और उसके माता-पिता को पकड़ लिया था. जवान उनके पास पहुंचते, उससे पहले आतंकी भाग निकले. उन्होंने अपने हथियार भी छिपा दिए. सुरक्षाबलों ने उन्हें जब्त कर लिया, लेकिन जवान उनके पीछे लग गए. पूरे इलाके को घेर लिया. सर्च ऑपरेशन शुरू किया. चप्पा चप्पा खंगाला जाने लगा. तभी पता चला कि वे जंगल में भाग गए हैं. एक महिला ने बताया कि उसने पांच आतंकियों को देखा है. सभी ने दाढ़ी बढ़ा रखी थी और वे कमांडो की वर्दी पहने हुए थे. इसके बाद पुलिस का शक यकीन में बदल गया.
लोगों ने देखा और पुलिस को बताया
27 मार्च को तड़के हीरानगर से 30 किलोमीटर दूर जखोले गांव में आतंकी फिर नजर आ गए. लोकल लोगों ने उन्हें देखा और पुलिस को सूचना दी. आतंकी यहां छिपकर बैठे हुए थे. पूरा इलाका घने जंगलों और पहाड़ी होने की वजह से ऑपरेशन में तमाम तरह की दिक्कतें आ रही थीं, लेकिन जवानों ने छोड़ा नहीं. जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह (SOG), सेना, BSF और CRPF ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी, ताकि आतंकी इस बार भागने न पाएं. तभी आतंकियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. सुरक्षाबलों ने लंबी लड़ाई के बाद तीन आतंकियों को ढेर कर दिया. हालांकि, हमारे तीन जवान भी इस मुठभेड़ में शहीद हो गए.
9 आतंकियों के होने की खबर
राजबाग के घटी जुठाना इलाके के जखोले गांव के पास आतंकियों के साथ अभी भी मुठभेड़ चल रही है. सेना की विशेष टुकड़ियां, एनएसजी कमांडो, ड्रोन, और हेलीकॉप्टर की मदद से ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस इलाके में 9 आतंकी उन्होंने देखे हैं. हालांकि, अभी सिर्फ तीन आतंकी ही मारे गए हैं. सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है. आतंकियों की धरपकड़ के लिए थर्मल इमेजिंग, ड्रोन, हेलीकॉप्टर, बुलेटप्रूफ वाहन और खोजी कुत्तों की मदद से बड़े पैमाने पर सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है. सुरक्षा बलों ने स्थानीय निवासियों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने को कहा है. स्थानीय लोग भी प्रशासन का पूरा सपोर्ट कर रहे हैं.
कहां से आए
सूत्रों का कहना है कि ये आतंकी उज्ज दरिया (Ujh River) से सुफैन के रास्ते से इस इलाके में पहुंचे थे. उज्ज नदी रावी की सहायक नदी है. यह जम्मू-कश्मीर के ऊपरी हिमालयी क्षेत्रों से आती है और मुख्य रूप से कठुआ जिले से होकर बहती है और आगे चलकर पंजाब में रावी नदी में मिल जाती है. स्थानीय लोगों का कहना है कि आतंकी एक साथ थे, इसलिए पहचानना उनके लिए भी आसान हो गया. वे हथियारों से लैस थे और एक अलग ही भाषा में बात कर रहे थे.
