क्या है बायोफ्लॉक मॉडल, जिसके माध्यम से मछली पालन कर कमा रहें तिगुना लाभ

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Bio flask Fish Farming Method : बिहार में किसान बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन कर तिगुना लाभ कमा रहे हैं. सरकार मत्स्य विभाग के जरिए इसे बढ़ावा दे रही है, खासकर महिलाओं और अनुसूचित जाति के लिए 60% अनुदान दिया जा …और पढ़ें

Bioflock model
हाइलाइट्स
- बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन में तिगुना लाभ हो रहा है
- महिलाओं और अनुसूचित जाति को 60% अनुदान दिया जा रहा है
- कम जगह में अधिक उत्पादन संभव, पारंपरिक तरीकों से बेहतर
पूर्वी चंपारण : मछली पालन कर के अब कृषक खूब मुनाफा कमा रहें है. नए तकनीक से नुकसान भी कम हो रहा, और पारंपरिक तरीके से दुगना-तिगुना लाभ भी मिल जा रहा. ऐसे में बिहार सरकार का मत्स्य विभाग बायोफ्लॉक मॉडल को खूब प्रचारित कर रही है. कृषक को इसके लिए ट्रेंड कर के विभाग के तरफ से अनुदान भी दिया जा रहा है. खासकर महिलाओं के लिए इसमें विशेष प्रावधान है.
क्या है बायोफ्लॉक तालाब मॉडल ?
लोकल18 से बातचीत में जिला मत्स्य पदाधिकारी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी डॉ. नूतन ठाकुर ने बताया बायोफ्लॉक तालाब बहुत अच्छा योजना है. यह प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत आता है. जिसमें की महिला और अनुसूचित जाति को 60% का अनुदान है. लागत इसका 14 लाख का है और 0.15 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होती है तालाब बनाने के लिए. कम जगह में ज्यादा मछली का उत्पादन हो जाता है. बायोफ्लॉक तालाब में एक शेड भी निर्माण होता है. जिसमें की चौकीदार रहेगा. जो कि देखरेख करेगा.
ट्रेडिशनल से कितना अलग
पदाधिकारी ने बताया यह ट्रेडिशनल पालन से अलग है. क्योंकि इसमें तालाब बनाने के बाद तारपोलिन शिट लगा रहता है. तो मिट्टी के संपर्क से अलग होगा यह. मतलब इसमें इंटेंसिव फार्मिंग होगा, ऐरेटर और ट्यूबवेल पंपसेट भी लगा रहेगा. ऐरेटर से मछलियों को डिसोल्वे ऑक्सिजन मिलते रहेगा. इससे मछली के ग्रोथ में लाभ मिलता है. बायोफ्लॉक तालाब के लिए ऑनलाइन आवेदन करना पड़ेगा. बायोफ्लॉक टैंक का योजना भी है.
किसान को मिल रहा तिगुना लाभ
लोकल18 से बातचीत में केसरिया बथना के रहने वाले किसान मो. जमशेद आलम ने बताया मैंने विभाग से बायोफ्लॉक तालाब, बायोफ्लॉक टैंक, और राज्य योजना के तहत आरएस भी लिया हूं. मछली पालन मेरा ट्रेडिशनल व्यापार है. पर अब नए टेक्निक से इसको करके पहले के मुताबिक दुगना-तिगुना लाभ कमा रहा हूँ. मत्स्य विकास पदाधिकारी मुन्ना कुमार ने बताया इन मॉडल्स का इस्तेमाल कर के बड़े स्तर पर किसान लाभान्वित हो रहें है.
