घुड़सवारी का रखते शौक तो यह आपके लिए अच्छी खबर, यहां से सीखें और कमाएं लाखों

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Horse Riding : मारवाड़ रेसिंग और घुड़सवारी स्पोर्ट क्लब, जोधपुर में घुड़सवारी सिखाने वाला देश का पहला ट्रेनिंग स्कूल है. यह क्लब युवाओं को विदेशों में करियर बनाने का मौका देता है.

मारवाड़ रेसिंग और घुडसवारी स्पोर्ट क्लब
हाइलाइट्स
- मारवाड़ रेसिंग और घुड़सवारी स्पोर्ट क्लब, जोधपुर में ट्रेनिंग स्कूल है
- यहां से ट्रेनिंग लेकर युवा विदेशों में करियर बना सकते हैं
- 40 वर्षों का अनुभव रखने वाले ट्रेनर यहां ट्रेनिंग देते हैं
जोधपुर. अगर आप भी गुडसवारी का शौक रखते है मगर इस परेशानी यह है कि गुडसवारी आती नही तो आपके लिए हम एक खुशखबरी लेकर आ चुके है कि आप राजस्थान में कही पर भी रहते है तो आपको अच्छा मौका है आप जोधपुर और पाली रोड के पास स्थित झालामंड में बने मारवाड़ रेसिंग और घुडसवारी स्पोर्ट क्लब में गुडसवारी को सीख सकते है. ऐसे में यह राजस्थान ही नही बल्कि देश का पहला ऐसा ट्रेनिंग स्कूल है जहां आपको गुडसवारी सिखाई जाएगी.
मारवाड़ रेसिंग और घुड़सवारी स्पोर्ट क्लब से जुडे प्रकाश गोयल ने इसकी शुरूआत की है जिसका उद्देश्य यही है कि गुडसवारी में अपना करियर बनाने वाले युवाओं को एक प्लेटफॉम दे सके क्योकि देशभर में रेस कोर्स तो सभी जगह मिल जाते है मगर स्कूल नही मिलते. इसलिए इसकी शुरूआत की गई और देशभर का पहला यह स्कूल है जहां गुडसवारी सीखने के साथ ही लाखो के पैकेज में युवा विदेशो में अपना भविष्य बना रहे है. राजस्थान के पाली जिले से भी काफी युवा यहां गुडसवारी की ट्रेनिंग ले रहे है. यहां पर सबसे बडी बात है कि 40 सालों का अनुभव रखने वाले एक्सपर्ट ट्रेनर भी है जो ट्रेनिंग देते है.
2500 लोगों को दे चुके ट्रेनिंग
मारवाड़ रेसिंग और घुड़सवारी स्पोर्ट क्लब से जुडे प्रकाश गोयल ने लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए कहा कि देशभर में रेस कोर्स है मगर ट्रेनिंग स्कूल नही है. हमारी पहली ब्रांच शेखाला में हमने शुरूआत की उसके बाद कुछ महीनो पहले ही यहां दूसरी ब्रांच शुरू की है. जहां 18 से अधिक घोडे है और इसमें हमारे हर ट्रेनिंग सेंटर पर 70 से 80 युवा ट्रेनिंग ले रहे है. यहां से ट्रेनिंग के बाद युवा जापान, यूके, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका व जर्मनी सहित कई विदेशो में जाकर काम कर रहे है. अब तक हम 2500 लोगो को ट्रेनिंग दे चुके है.
40 वर्षों का अनुभव रखने वाले ट्रेनर देते है ट्रेनिंग
किसी भी ट्रेनिंग सेंटर्स पर सबसे विशेष महत्व रहता है ट्रेनर का ऐसे में यहां गुडसवारी ट्रेनिंग सेंटर में बात करे यहां पर 40 सालों का अनुभव रखने वाले विशेष ट्रेनर है. यही नही यहां पर राजस्थान भर से तो युवा सीखने के लिए आते ही है साथ ही साथ अन्य राज्य बैंगलोर,बिहार,दिल्ली व अन्य राज्यो से भी युवा पहुंच रहे है. बिहार से तो एक साथ बीच में 40 से अधिक युवा यहां ट्रेनिंग के लिए पहुंचे थे. गुडसवारी सीखने वालों को प्रकाश गोयल ने एक विशेष प्लेटफॉर्म देने का काम किया है जिसमें युवा अपना भविष्य बनाकर विदेशो तक अपना नाम बना रहे है.
6 महीनो बाद इन कोर्सेज की भी मिलेगी सुविधा
40 वर्षो का अनुभव रखने वाले ट्रेनर खीवचंद ने लोकल-18 से बातचीत करते हुए कहा कि हमे गर्व होता है कि हमारे पास से ट्रेनिंग लेने के बाद युवा विदेशो में भारत का नाम रोशन कर रहे है. हम बच्चो को सुबह 6 बजे मॉर्निंग में ट्रेनिंग देना शुरू कर देते है. वही दूसरे ट्रेनर रेवत सिंह ने बताया कि मारवाड़ के लोग एक समय था जब बैंगलोर, हैदराबाद व अहमादाबाद जाते थे गुडसवारी सीखने के लिए. बहुत बडा कदम माना जा सकता है जिससे युवाओं को भटकना नही पडेगा. अपनी भाषा में ही यहां सीखने को मिलेगा. इएक समय ऐसा होगा जब यहां की तस्वीर भी बदल जाएगी क्योकि यहां रेसिंग के साथ-साथ जंपिंग, ड्रासाज, इंडोरेंस व वेटनरी क्लासेज के अलावा ग्रूमिंग कोर्स की भी सुविधा मिलेगी. 6 महीने बाद इसका खाका पूरी तरह से बदल जाएगा.
March 16, 2025, 20:57 IST
