डिलीवरी के बाद पेल्विक मसल्स पर जरूर दें ध्यान, इन 5 योगासनों से कर सकती हैं इन्हें मजबूत

अकसर डिलीवरी के बाद या सेक्स के दौरान महिलाएं पेल्विक मसल्स के लूज होने की बात करती हैं। जिससे न केवल सेक्स के दौरान उन्हें समस्याएं आती हैं, बल्कि यूरीन कंट्रोल करना भी मुश्किल होने लगता है। इन जरूरी मसल्स पर समय रहते ध्यान देना जरूरी है।
पेल्विक मसल्स सभी पेल्विक पार्ट्स यानी यूट्रस, वजाइना, ब्लैडर और बाउल की जगह में रहता है और इसके साथ ही उन्हें सही तरीके से काम करने में सहायता करता है। कुछ स्थितियां आपकी पेल्विक मसल्स को कमजोर बना सकती हैं। जैसे मोटापा, पेल्विक क्षेत्र की सर्जरी, उम्र बढ़ना, पुरानी कब्ज या खांसी। गर्भावस्था और प्रसव के कारण महिलाओं को पेल्विक मसल्स से संबंधित कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पेल्विक एरिया को मजबूत बनाने के लिए आप योगाभ्यास का सहारा ले सकती हैं। आइए जानते हैं कि वो कौन से योगासन हैं, जो पेल्विक फ्लोर की मसल्स को मजबूत बनाने में सहायता कर सकते हैं।
क्या हैं पेल्विक मसल्स?
आपकी पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां आपके कोर को सही रखने में सहायता करती हैं। ये पेल्विक फ्लोर प्यूबिक बोन से लेकर टेलबोन तक फैला होता है, जो मूत्राशय, मूत्रमार्ग, आंत्र, मलाशय और गुदा सहित पेल्विक अंगों को सहारा देने का काम करता है। यह चोट लगने और उम्र बढ़ने के कारण कमजोर हो सकती है, जिस वजह से पेल्विक ऑर्गन में प्रोलैप्स जैसी स्थितियां पैदा हो सकती हैं। इसे व्यायाम की सहायता से सही किया जा सकता है।
एक्सपर्ट बता रहे हैं पेल्विक मसल्स की अहमियत
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल जयपुर के कंसलटेंट ऑर्थोपेडिक डॉ. मिहिर थानवी बताते हैं कि, पैल्विक मांसपेशियों के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए कई तरीके अपनाए जा सकते हैं। सबसे पहले, नियमित व्यायाम करना जरूरी है, जैसे कि पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज, जो पैल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
योग और पिलेट्स जैसे व्यायाम भी पैल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद (how to strengthen pelvic muscles) कर सकते हैं। इसके अलावा, स्वस्थ आहार लेना भी जरूरी है, जिसमें पर्याप्त फाइबर, विटामिन और मिनरल्स हों। इसके अलावा, पर्याप्त पानी पीना और तनाव कम करने के लिए ध्यान और अन्य तकनीकों का उपयोग करना भी जरूरी है। इसके अलावा, अगर आपको पैल्विक मांसपेशियों से संबंधित कोई समस्या है, तो अपने डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। वे आपको उचित उपचार और सलाह दे सकते हैं।

पेल्विक मसल्स को हेल्दी और मजबूत रखने के लिए योग आसन
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन इसे ब्रिज पोज भी कहा जाता हैं, ये योग आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है और शरीर को पुल की तरह ऊपर उठाया जाता है।
कैसे करें सेतुबंधासन?
- इस आसन को करने के लिए पहले जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं।
- अब अपने घुटनों को मोड़ें लें और तलवों को जमीन पर ही रखें।
- अपने दोनों हाथों की सहायता से पैरों की एड़ियों को पकड़ लें।
- सांस लेते हुए धीरे-धीरे करके अपनी बॉडी को ऊपर उठाएं।
- अब इसी मुद्रा में 1-2 मिनट तक रहें।
- इसके बाद सांस छोड़ते हुए पहले वाली मुद्रा में आ जाएं।
- इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराएं।

2 मलासन (Garland Pose)
मलासन पेट की मांसपेशियों को टोन करने, कमर दर्द और जोड़ों के दर्द में आराम दिलाने, कब्ज से राहत दिलाने और शरीर को लचीला बनाने में मदद मिलती है।
कैसे करें मलासन
- इस आसन को करने के लिए अपने दोनों घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं।
- अब अपने दाएं हाथ को दाएं घुटने और इसी तरह बाएं हाथ को बाएं घुटने के ऊपरी हिस्से पर रखें (how to strengthen pelvic muscles) लें।
- इसके बाद दोनों हथेलियों को एक साथ मिला लें।
- अब इस मुद्रा में 2 मिनट तक रहें।
- फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- इस प्रक्रिया को 4-5 बार दोहराएं।

3 हनुमानासन
हनुमानासन, जिसे बंदर मुद्रा या फ्रंट स्प्लिट्स का योग कहा जाता है। ये योग आसन हैमस्ट्रिंग और कूल्हों का लचीलापन बढ़ाने में मदद करता है।
कैसे करें हनुमानासन?
- सबसे पहले अपने दोनों घुटनों को फर्श पर टिकाकर पंजों के बल बैठ जाएं।
- इसके बाद अब अपने बाएं पैर को धीरे-धीरे पीछे की तरफ और दाएं पैर को आगे की तरफ फैलाने की कोशिश करें।
- पैरों को इतना फैलाने की कोशिश करें जिससे कि कूल्हे जमीन से लग जाएं।
- अब अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर लेकर जाएं।
- दोनों हथेलियों को जोड़कर नमस्कार की मुद्रा में आएं।
- इस मुद्रा में 2 मिनट तक रहें।
- फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।

4 वीरभद्रासन
वीरभद्रासन को वॉरियर पोज के नाम से भी जानते हैं। वीरभद्रासन करने से कई फायदे होते हैं। यह पेल्विक फ्लोर मसल्स (how to strengthen pelvic muscles) को मजबूत करने में सहायता करता है।
कैसे करें वीरभद्रासन?
- इस आसन को करने के लिए सबसे आप पहले सीधे खड़े हो जाएं।
- अब अपने पैरों को फैला लें। दोनों पैरों के बीच 2 से 3 फीट की दूरी रखें।
- फिर अपने सीधे पैर को आगे लेकर आए और उल्टे पैर को पीछे की ओर लेकर जाएं।
- इस दौरान हाथों को 180 डिग्री पर फैला लें।
- इस अवस्था में 50-60 सेकेंड तक रुकें।
- फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
- इस प्रक्रिया को कम से कम 4 से 5 बार दोहराएं।

5 शलभासन
इस योगासन को कीट की मुद्रा में किया जाता है। इसे लोकस्ट पोज भी कहते है। पेल्विक फ्लोर मसल्स को मजबूत (how to strengthen pelvic muscles) करने में मदद करता है।
कैसे करें शलभासन?
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं।
- इसके साथ ही अपने दोनों पैरों को सटाकर रखें।
- अब अपनी दोनों हथेलियों को जांघों के नीचे रखें।
- अब सांस भरते हुए अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाने की कोशिश करें।
- इस पोजिशन में आप खुद को 50 से 60 सेकेंड तक रखें।
- फिर अपनी प्रारंभिक मुद्रा में वापस लौट आएं।
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