Holi 2025: 100 साल से इस गांव में नहीं जली होली, बहन-भाई हैं इसकी वजह

Last Updated:
Holi 2025: होली का त्योहार है. हिंदू धर्म में इसे धूमधाम से मनाया जाता है. रंगों के इस त्योहार को प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है. लेकिन एमपी में एक गांव ऐसा भी है जहां 100 साल से होली नहीं जलाई गई है. वजह हैरा…और पढ़ें

आज के दिन होली पर इस गांव में वृक्ष की पूजा की जाती है.
रिपोर्ट: विश्वादेव शर्मा
नीमच. मध्य प्रदेश के पूरे नीमच जिले में मुहूर्त के हिसाब से गुरुवार की रात्रि में होलिका का दहन किया जाएगा. तो वहीं एक तरफ जिले का एक ऐसा गांव भी है. जहां करीब 100 साल से एक होली का दहन नहीं हुआ है. जहां होली के लिए लगाया एक डंडा आज एक विशाल वृक्ष बन गया है. रंगो के त्यौहार को करीब 100 साल पुर्व खूनी रंग दे दिया गया था.
यह नीमच जिले के सिंगोली तहसील का गांव धनगाव है. जो जिला मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में एक बड़ा वृक्ष है. इसकी मान्यता है कि करीब 100 वर्ष पुर्व यहां होली का डंडा रोपा गया था, किन्तु मुहूर्त का समय निकलने और विवाद के चलते इस होली का दहन नहीं हो पाया. तब से आज तक यहां होली नहीं जली.
प्रेमानंद महाराज का शख्स ने खोला राज, बोला- ’38 साल पहले…’ सुन संत के चेहरे का उड़ा रंग
दरअसल ग्रामीण के अनुसार, 100 वर्ष पुर्व यहां बाहर से आये भाई-बहन को लेकर विवाद हुआ. जिसके बाद लोगों के दो गुटो में खुनी संघर्ष हो गया था. इस खुनी संघर्ष में कई जाने गई और रंगो के त्योहार पर खून की नदीया बह गई. विवाद के बीच होली के दहन का मुहुर्त भी निकल गया. वहीं साथ रोपे गये डंडे मे अचानक से हरी पत्तिया भी निकल आई. इसके बाद इस होली को नहीं जलाने का निर्णय ग्रामीणों ने लिया. तब से लेकर इस गांव में सालों गुजर जाने के बाद भी आज तक वो होली नहीं जली.
आज के दिन होली पर इस गांव में वृक्ष की पूजा की जाती है और उसके बाद सभी ग्रामीण इस गांव से दूसरे स्थान पर होली जलाते हैं. एक डंडे के रूप में रोपी गई होली ने आज एक विषाल वृक्ष का रूप ले लिया है. इस वृर्ष के पास ही एक मंदिर है, जहां मां चामुंडा विराजमान है. होली के दिन ग्रामीण माता की भी पूजा करते हैं. ग्रामीण क्षेत्र में त्यौहार को लेकर भी कई तरह की किवदंतीया प्रचलीत है. धनगांव की होली उसी की एक कड़ी है.
Neemuch,Neemuch,Madhya Pradesh
March 13, 2025, 22:56 IST
