क्या करने जा रहे सरमा? ISRO संग करने जा रहे बड़ा काम, असम बनेगा पहला राज्य

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Space News: असम भारत का पहला राज्य बनने की दिशा में है जिसके पास अपनी निजी सेटेलाइट होगी. सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने 2025-26 के बजट में इसकी घोषणा की. 450-500 करोड़ रुपये की लागत वाला जियो-स्टेशनरी स्टेशनरी लॉ…और पढ़ें

इसरो इसे लॉन्च कर सकता है. (File Photo)
हाइलाइट्स
- असम का निजी सेटेलाइट 2025-26 में लॉन्च हो सकता है.
- सेटेलाइट की मदद से अवैध घुसपैठ और बाढ़ की चेतावनी मिलेगी.
- असम भारत का पहला राज्य बनेगा जिसकी निजी सेटेलाइट होगी.
नई दिल्ली. भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO को सेटेलाइट लॉन्च करने में महारथ हासिल है. वो दुनिया भर के देशों और प्राइवेट कंपनियों की सेटेलाइट लंबे वक्त से स्पेस में लॉन्च करती रही है. अब इस कड़ी में भारत के राज्य असम का नाम भी जुड़ने वाला है. असम भारत का पहला ऐसा राज्या बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसके पास अपनी निजी सेटेलाइट होगी. असम ने 450-500 करोड़ रुपये की लागत वाला जियो-स्टेशनरी स्टेशनरी लॉन्च करने वाला देश का पहला राज्य बनने के लिए इसरो के साथ बातचीत शुरू की है.
असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट में डिजिटल कक्षे के लिए बड़ी धनराशि की घोषणा करते हुए कहा कि इस सेटेलाइट का मकसद अवैध घुसपैठ के बारे में समय रहते जानकारी प्राप्त करने के अलावा, बाढ़ की स्थिति में समय रहते चेतावनी और किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए मौसम संबंधी जानकारी प्राप्त करना है. असम के वित्त मंत्री अजंता नियोग ने कहा कि पिछले पांच साल की अवधि में राजस्व संग्रह में जोरदार वृद्धि से उत्साहित सरकार के बजट में भारत की पहली एआई-संचालित एंटी-डीपफेक और साइबर निगरानी प्रयोगशाला, एक अग्रणी ग्रीन पैकेजिंग औद्योगिक केंद्र, एक बांस स्मार्ट सिटी, एआई और ब्लॉकचेन-संचालित चाय नीलामी और असमिया सिनेमा, साहित्य और लोक गीतों को बढ़ावा देने के लिए राज्य के स्वामित्व वाले ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे अन्य गेम-चेंजर प्रस्ताव शामिल हैं.
क्यों पड़ी सेटेलाइट की जरूरत?
सीएम सरमा ने उमरंगसो में पिछले जनवरी में हुई कोयला खदान दुर्घटना का जिक्र करते हुए जियो-स्टेशनरी स्टेशनरी सेटेलाइट की आवश्यकता को स्पष्ट किया. इस घटना में नौ लोगों की मौत हो गई थी. सरमा ने कहा, “हमें खदान पर डेटा प्राप्त करने में 45 दिन लगे. हमें दुर्घटना के दौरान उस क्षेत्र में स्थित उपग्रहों से जानकारी प्राप्त करनी थी. अगर हमारे पास अपना उपग्रह है, तो इसका उपयोग हमारे भौगोलिक क्षेत्र पर निगरानी के लिए किया जा सकता है.” अपने भाषण में, निओग ने कहा कि “असमसैट” “महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए डेटा का निरंतर, विश्वसनीय प्रवाह” सुनिश्चित करेगा. निओग ने कहा कि यह कृषि, आपदा प्रबंधन, बुनियादी ढांचे के विकास और सीमा सुरक्षा प्रबंधन में भी मदद करेगा.
March 11, 2025, 09:22 IST
