युवक से मिलने पहुंची पुलिस, रौब में दरोगा से बोला- 'मैं इंजीनियर हूं', फिर…

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Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में एक युवक से पुलिस सादी वर्दी में मिलने जा पहुंची. उसने भी रौब में दरोगा को अपनी पहचान बतौर इंजीनियर बताई. उसके पास पैसा देख तुरंत पुलिस टीम ने घेर लिया.

दोनों युवक प्रिंट टेक्नोलॉजिस्ट इंजीनियर हैं.
रिपोर्टः राम विलास सक्सेना
बरेलीः यूपी के बरेली में दो इंजीनियर युवकों को पढ़ाई करने के बाद भी नौकरी नहीं मिली. दोनों बहुत परेशान थे, ऐसे में उन्होंने दुकान खोलने का प्लान बनाया और एक प्रिंटिंग प्रेस खोल डाली. रातों-रात इतनी कमाई कर डाली कि गांव में लग्जरी लाइफ जीने लगे. अचानक एक दिन सादी वर्दी में पुलिस की टीम युवक से मिलने जा पहुंची. उसने रौब दिखाते हुए दरोगा को अपनी पहचान बतौर इंजीनियर बताई. युवक ने कहा कि साहब मैं इंजीनियर हूं. उसने जैसा ही नोटों की गड्डी दिखाई, तो तुरंत थाने से पूरी पुलिस फोर्स मौके पर आ गई. विस्तार से जानें मामला…
बरेली पुलिस ने जाली करेंसी के साथ दो बेहद ही शातिर प्रिंट टेक्नोलॉजिस्ट इंजीनियर को गिरफ्तार किया है. जो होली के त्योहार पर नकली करेंसी को बदलने का काम कर रहे थे. यह दोनों प्रिंट टेक्नोलॉजिस्ट 20 हजार की असली नोट लेकर 1 लाख की नकली करेंसी बदलने का काम कर रहे थे. पुलिस ने खुद ग्राहक बनकर दोनों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. जिसमें पुलिस ने गिरफ्तार दोनों प्रिंट टेक्नोलॉजिस्ट इंजीनियर के पास से बड़ी तादाद में जाली करेंसी को बरामद किया है. पुलिस गिरफ्तार दोनों इंजीनियर से पूछताछ में जुटी है कि वह यह नोट कहां और कैसे तैयार करते थे और उत्तर प्रदेश के अलावा और किन-किन राज्यों में जारी करेंसी को बदलने के लिए इनका नेटवर्क फैला हुआ है.
थाना फतेहगंज पश्चिमी पुलिस की गिरफ्त में खड़े यह दोनों बेहद ही शातिर प्रिंट टेक्नोलॉजिस्ट इंजीनियर मोहम्मद यामीन और अनमोल गुप्ता हैं. मोहम्मद यामीन बरेली जिले के थाना शाही इलाके के खरसैनी गांव का रहने वाला है. जबकि अनमोल गुप्ता थाना भोजीपुरा इलाके के दोहरा टांडा का रहने वाला है. दोनों ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद जब किसी जॉब में सफल नहीं हुए, तो प्रिंटिंग प्रेस का काम शुरू कर दिया. फिर नकली करेंसी छापने और फिर उसको बाजार में चलाने का अवैध कारोबार शुरू कर दिया.
बरेली पुलिस को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि जिले में जाली करेंसी का चलन जोरों पर है. इसके बाद बरेली पुलिस ने सर्विलांस और मुखबिर की मदद से रैकी की और फिर खुद ही ग्राहक बनकर दोनों के गले तक पहुंच गई. दोनों इंजीनियर भी अपने बड़े-बड़े सपने पूरे करने के लिए जाली करंसी के अवैध धंधे में जुट थे. जो 20 हजार की असली करेंसी लेकर 1 लाख की जाली करंसी को देकर बदल देते थे. लेने वाले भी लालच में आकर अपना गाढ़ी कमाई का 20000 रुपए दे देते थे और जाली करेंसी का ₹100000 ले लेते थे.
डिप्टी एसपी पुलिस नीलेश मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार दोनों इंजीनियर के पास से जाली करेंसी के बड़ी तादाद में ₹100 के नोट बरामद किए हैं. पुलिस ने गिरफ्तार दोनों प्रिंट टेक्नोलॉजिस्ट इंजीनियर मोहम्मद यामीन और अनमोल गुप्ता से पूछताछ में जुटी है कि वह जाली करेंसी को कैसे और कहां तैयार करते थे और उनके जाली करेंसी के इस अवैध कारोबार में और कौन-कौन लोग जुड़े हुए हैं. साथ ही ये दोनों उत्तर प्रदेश के अलावा और किन-किन राज्यों में ले जाकर इस जाली करेंसी को बदलने का काम करते थे.
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March 10, 2025, 16:25 IST
