कभी न खरीदें इस कलर की बॉटल, स्वास्थ्य पर रहेगा बुरा असर, जानें वास्तु शास्त्र

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Vastu Tips: अगर आप अपने स्वास्थ्य और वास्तु शास्त्र के अनुसार सही निर्णय लेना चाहते हैं, तो यह जरूर जान लें कि आपको किस कलर के बॉटल से पानी पीना चाहिए. आइए जानते हैं यहां…

इस कलर की बॉटल से खराब होगा वास्तु.
हाइलाइट्स
- काली या गहरे रंग की बॉटल से बचें.
- नीली, हरी, सफेद बॉटल शुभ मानी जाती हैं.
- गहरे रंग की बॉटल से स्वास्थ्य पर बुरा असर.
आजकल बाजार में कई तरह की रंग-बिरंगी बॉटल्स मिलती हैं, जिन्हें लोग अपनी पसंद और स्टाइल के अनुसार खरीदते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बॉटल का रंग आपके स्वास्थ्य और वास्तु शास्त्र दोनों पर प्रभाव डाल सकता है? अगर सही रंग की बोतल का इस्तेमाल किया जाए, तो यह आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा ला सकती है, जबकि गलत रंग की बोतल से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. आइए जानते हैं इसपर ज्योतिषाचार्य डॉ. गौरव दीक्षित से…
कौन सा रंग सही और कौन सा गलत?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर रंग की अपनी अलग ऊर्जा होती है. कुछ रंग जहां सकारात्मकता को बढ़ाते हैं, वहीं कुछ रंग नकारात्मकता को भी आकर्षित कर सकते हैं. खासतौर पर काली बॉटल या गहरे रंग की बोतल खरीदने से बचना चाहिए. काले रंग को आमतौर पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। यह रंग घर में अशांति और तनाव को बढ़ा सकता है. इसलिए, यदि आप पानी पीने के लिए काली बोतल का उपयोग करते हैं, तो यह आपके जीवन में नकारात्मकता ला सकता है.
साइंस के हिसाब से देखा जाए तो गहरे रंग की प्लास्टिक बॉटल्स सूरज की रोशनी को ज्यादा अवशोषित करती हैं, जिससे पानी में हानिकारक बैक्टीरिया और केमिकल्स पनप सकते हैं. यह आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है और पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है.
वास्तु दोष का कारण
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पानी को जीवन का आधार माना जाता है, और इसका संबंध चंद्रमा व सकारात्मक ऊर्जा से होता है. हल्के और पारदर्शी रंग की बॉटल्स (जैसे नीली, सफेद या हरी) शुभ मानी जाती हैं, जबकि काली या गहरे रंग की बॉटल नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं.
कौन-सी बॉटल का करें इस्तेमाल?
नीली बॉटल: ठंडक और शांति प्रदान करती है.
हरी बॉटल: सेहत के लिए लाभकारी मानी जाती है.
सफेद या ट्रांसपेरेंट बॉटल: शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है.
March 08, 2025, 20:17 IST
