हमने जीतना शुरू किया तो तुम रोने लगे… भारतीय कोच का आलोचकों पर फूटा गुस्सा

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भारतीय टीम के बैटिंग कोच सितांशु कोटक ने आलोचकों को मुंहतोड़ जवाब दिया है. कोटक का कहना है कि जब आप अच्छा नहीं खेल सकते हैं तो आपको शिकायत करने का हक नहीं है. हम जब लगातार जीत रहे हैं तब आप रोना शुरू कर रहे है…और पढ़ें

सितांशु कोटक ने आलोचकों को दिया करारा जवाब.
नई दिल्ली. भारत और न्यूजीलैंड के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल रविवार (9 मार्च) को दुबई में खेला जाएगा. आलोचकों को कहना है कि भारतीय टीम लंबे समय से दुबई में है इसलिए यहां उसे फायदा मिल रहा है. टीम इंडिया के बैटिंग कोच सितांशु कोटक ने इस पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि जब हम यहां जीत दर्ज कर रहे हैं तब आपलोगों को मिर्ची लग रही है. और आप रोना शुरू कर रहे हो. अगर आप अच्छा नहीं खेल सकते हो तो फिर आपको शिकायत करने का हक नहीं है. कोटक ने भारतीय टीम की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा है हमारे पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो कहीं भी कभी भी अच्छा प्रदर्शन करने का दम रखते हैं.
सितांशु कोटक (Sitankshu Kotak) ने भारत के नेट सत्र के दौरान पत्रकारों से कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आता कि हमें इस (पिच) से क्या फायदा मिलता है. जब हमने मैच जीत लिए तो लोगों को लगा कि भारत को फायदा मिला. मुझे नहीं पता कि इसके बारे में क्या कहूं. हम सिर्फ ड्रॉ के अनुसार खेले.’ कोटक ने कहा कि पिच की प्रकृति चाहे जो भी हो, टीम को मैच जीतने के लिए अच्छा क्रिकेट खेलना होगा.
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बकौल कोटक, ‘मुझे लगता है कि एक मैच में, आपको हर दिन अच्छा क्रिकेट खेलना होता है. अगर आप अच्छा नहीं खेलते हैं तो आप शिकायत नहीं कर सकते. और अगर आप अच्छा खेलते हैं तो यह कहने का कोई मतलब नहीं है कि आपको फायदा हुआ या नहीं. मुझे नहीं लगता कि हमें सिर्फ इसलिए फायदा मिल रहा है क्योंकि हम यहां अभ्यास कर रहे हैं और हम यहां मैच खेल रहे हैं.’ कोटक ने मुख्य कोच गौतम गंभीर के विचार से सहमत होते ही दोहराया कि ट्रेनिंग की सुविधा और डीआईसीएस में पिचों की प्रकृति काफी अलग थी.
उन्होंने कहा, ‘हम निश्चित रूप से अलग-अलग विकेट पर अभ्यास करते हैं. हम थोड़ी अलग पिच पर मैच खेल रहे हैं. हम सभी यह जानते हैं. सिर्फ यही चीज है कि हम यहां खेला. लेकिन ड्रॉ ऐसा ही होता है। इसलिए इसमें और कुछ नहीं हो सकता.ऐसा नहीं है कि यहां आने के बाद उन्होंने कुछ बदल दिया और फायदा उठा लिया.’ कोटक ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि भारत ने कुछ दिन पहले ग्रुप मैच में न्यूजीलैंड को हराने के बाद फाइनल में मनोवैज्ञानिक बढ़त हासिल की है.
सौराष्ट्र के इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए. हमें बस कोशिश करनी चाहिए और अच्छा क्रिकेट खेलना चाहिए. पिछले मैच के बारे में सोचने का कोई मतलब नहीं है. हमें सोचना होगा कि नौ मार्च को क्या करना है.’
New Delhi,Delhi
March 08, 2025, 00:06 IST
