सिर्फ रमजान में मिलती है ये लाजवाब मिठाई, बाजार में मचा देती है धूम

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Ramadan Special Food: रमजान आते ही बाजार में खाने पीने की कई चीजें मिलने लगती हैं, और बाजार में रौनक आ जाती है. लेकिन सिर्फ रमजान में मिलने वाली इस मिठाई की बात ही अलग है. रमजान आते ही इस मिठाई मांग बहुत बढ़ जा…और पढ़ें

रजिया बानू
हाइलाइट्स
- रजिया बानो की सेवइयां रमजान पर देश-विदेश में मशहूर हैं.
- पारंपरिक विधि से बनी सेवइयां विदेशों तक भेजी जाती हैं.
- रजिया की सेवइयां पाकिस्तान और अरब देशों में भी लोकप्रिय हैं.
उदयपुर. रमजान का पाक महीना मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद खास होता है. इस दौरान इबादत के साथ-साथ खास पकवानों की भी तैयारी की जाती है. सेवई इस महीने की सबसे पसंदीदा मिठाइयों में से एक है, जिनकी मांग रमजान और ईद के दौरान काफी बढ़ जाती है. लेकिन उदयपुर की रहने वाली रजिया बानो के द्वारा बनी सेवइयां न केवल भारत में, बल्कि पाकिस्तान और अरब देशों तक मशहूर है. पारंपरिक तरीके से बनी सेवइयां विदेशों तक भेजी जाती हैं, जिससे उनकी कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल रही है.
उदयपुर के खेरादीवाड़ा इलाके में रहने वाली रजिया बानो कई सालों से अपने हाथों से सेवइयां बना रही हैं. उनका कहना है कि यह कला उन्हें अपनी मां और दादी से विरासत में मिली है. आज भी वह मशीनों की बजाय पारंपरिक विधि से सेवइयां तैयार करती हैं. हाथों से गूंथ कर बनाई गई सेवइयों को खास कांटों पर सुखाया जाता है, जिससे उनकी गुणवत्ता और स्वाद बरकरार रहता है.
रमजान के महीने में चरम पर होती है मांग
रजिया बताती हैं कि रमजान के महीने में उनके पास देश-विदेश से ऑर्डर आने लगते हैं. खासतौर पर विदेशों में बसे भारतीय और पाकिस्तानी परिवार उनके हाथों से बनी सेवइयों को प्राथमिकता देते हैं. वह बताती हैं कि रमजान शुरू होने से एक महीने पहले ही उन्हें ऑर्डर मिलने लगते हैं और ईद तक उनकी डिमांड अपने चरम पर होती है.
विदेशों तक पहुंच रही है उदयपुर की सेवइयां
रजिया बानो के द्वारा बनी सेवइयों की लोकप्रियता इतनी अधिक है कि भारत के अलावा पाकिस्तान, सऊदी अरब, दुबई और अन्य अरब देशों में भी इनकी काफी मांग है. विदेशों में रहने वाले कई ग्राहक खासतौर पर उनके हाथों की बनी सेवइयां मंगवाते हैं. वह बताती हैं कि लगभग ₹300 प्रति किलो की दर से वे सेवइयां भेजती हैं. हालांकि, हाथ से बनाने की प्रक्रिया समय-साध्य होती है, लेकिन उनके ग्राहक इसी पारंपरिक स्वाद की वजह से उनसे जुड़े रहते है.
मशीनी युग में भी बनी हुई है पारंपरिक सेवइयों की मांग
आज के आधुनिक युग में जहां मशीन से बनी सेवइयां बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं, वहीं रजिया की हाथ से बनी सेवइयां अपनी अनूठी बनावट और स्वाद के कारण ज्यादा पसंद की जाती हैं. उनकी इस कला को अब उनकी अगली पीढ़ी भी सीख रही है, जिससे यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी.
Udaipur,Udaipur,Rajasthan
March 05, 2025, 12:48 IST
