गेहूं, मैदा, बाजरा या फिर चावल का आटा, कौन सबसे हेल्दी और पौष्टिक?

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आमतौर पर लोग सबसे ज्यादा गेहूं के आटे की बनी रोटी खाते हैं, लेकिन जब किसी और आटे से बनी रोटियां या दूसरी चीजें खाने का मन हो तो अक्सर वे कंफ्यूज हो जाते हैं कि कौन सा हेल्दी आटा है. कई अनाजों से तैयार आटे का से…और पढ़ें

मैदा सेहत के लिए सबसे हानिकारक होता है.
हाइलाइट्स
- गेहूं का आटा फाइबर, बी विटामिन, आयरन से भरपूर होता है.
- कुट्टू का आटा ग्लूटेन फ्री और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है.
- बादाम का आटा मैग्नीशियम, ओमेगा-3 और विटामिन ई से भरपूर है.
How to choose healthiest flour: रोटी घर-घर में हर दिन बनाई जाती है. चावल की जगह अधिकतर लोग रोटी ही खाना पसंद करते हैं. ज्यादातर लोग गेहूं के आटे की बनी रोटी खाते हैं और ये हेल्दी भी होती है. लेकिन, आजकल मल्टीग्रेन आटा भी मार्केट में मिलने लगा है. इसमें कई तरह के अनाजों को पीसकर और इन्हें मिक्स करके आटा तैयार किया जाता है. इस तरह ये ढेरों पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. खासकर, चक्की में पिसा आटा सेहत के लिए हेल्दी होता है, क्योंकि इसमें चेकर, भूसी सभी रिफाइंड नहीं होते हैं. इसमें हर तरह के न्यूट्रिएंट्स, फाइबर मौजूद होते हैं, जिससे पाचन तंत्र सही रहता है. हालांकि, काफी लोगों का ये सवाल रहता है कि इतने तरह के अनाज से बने आटे में सबसे पौष्टिक और फायदेमंद कौन सा होता है. आपको भी जाननी है ये बात तो हम बताते हैं 6 फायदेमंद-नुकसानदायक आटे के बारे में…
सबसे फायदेमंद आटा कौन सा?
गेहूं का आटा (Whole wheat flour)- हेल्थलाइन में छपी एक खबर के अनुसार, साबुत गेहूं और सफेद आटे (मैदा) में बहुत अंतर होता है. साबुत गेहूं का आटा गेहूं के दानों को पीसकर बनाया जाता है. सफेद आटे (White flour) में सबसे ज़्यादा पोषक तत्व वाले हिस्से निकाल दिए जाते हैं जैसे चोकर (Bran) और जर्म (Germ).इस प्रकार, साबुत गेहूं का आटा व्यापक रूप से स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है. सबसे ज्यादा आज भी गेहूं के आटे से बनी रोटियां ही लोग खाना पसंद करते हैं. साबुत गेहूं का आटे में हर तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जैसे फाइबर, बी विटामिन, आयरन, विटामिन बी6, नियासिन आदि. यह कैलोरी में भी कम होता है. ये सभी मेटाबॉलिज्म को कोशिकाओं को सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी होते हैं. साथ ही इसमें कैलोरी सहित कार्बोहाइड्रेट्स भी कम होता है और प्रोटीन से भरपूर है. वाइट फ्लोर से कई गुना ज्यादा गेहूं के आटे में फाइबर होता है. ऐसे में पाचन तंत्र के लिए ये बेस्ट आटा है. कब्ज की समस्या से को दूर करता है.
कुट्टू का आटा ( Buckwheat flour)- वैसे तो कुट्टू का आटा अधिकतर व्रत-त्योहार के समय इस्तेमाल होता है, लेकिन ये भी फायदों से भरपूर होता है. कुट्टू के आटे की पूड़िया बना सकते हैं. रोटी, हलवा, पैनकेक बनाने के लिए भी इस आटे को ट्राई कर सकते हैं. यह आटा ग्लूटेन फ्री होता है, जिससे क्विक ब्रेड, पैनकेक, कुछ तरह के नूडल्स को बनाने के लिए एक अच्छा विकल्प बन जाता है. कुट्टू का आटा भी प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पॉलिफेनोलिक कम्पाउंड, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज से भरपूर होता है. यह ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखता है. आप सप्ताह में कुट्टू के आटे का सेवन भी कर सकते हैं.
मैदा (White flour)- मैदा भी गेहूं से ही बनता है, लेकिन इसमें चोकर नहीं होता है. रिफाइंड आटा होता है, जो बारीक पिसा और प्रॉसेस्ड होता है, इसलिए इसे सेहत के लिए उतना हेल्दी नहीं माना जाता है. इससे ज्यादातर केक, ब्रेड, कुकीज, पास्ता, नूडल्स आदि बनाए जाते हैं. छोले भटूरे का आटा भी मैदे का ही होता है. कई बार इसे अधिक चिकना बनाने के लिए केमिकल्स भी यूज होता है. यह आसानी से नहीं पचता और इसमें कोई भी पोषक तत्व नहीं मौजूद होते. कई रोगों को जन्म दे सकता है ये आटा. पाचन के लिए सही नहीं है, मैदा खाने से कब्ज की समस्या बढ़ जाती है. फास्टफूड, ब्रेड, पेस्ट्री, केक, बेकरी आइटम बनाने के लिए ये अधिक यूज होता है.
चावल का आटा- ये आटा भी ग्लूटेन फ्री होता है, जो सफेद या ब्राउन राइस को पीसकर बनता है. इसे पचाना भी आसान होता है. जिन लोगों का पाचन तंत्र सेंसेटिव है, उनके लिए चावल का आटा बेस्ट ऑप्शन हो सकता है. इसमें कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, मैंगनीज आदि होते हैं. इस आटे के सेवन से इम्यूनिटी बूस्ट होती है. हड्डियां मजबूत होती हैं और महिला-पुरुष रिप्रोडक्शन सिस्टम में सुधार करता है.
बाजरे का आटा (millet flour)- इस आटे में भी ढेरों पोषक तत्व होते हैं, जैसे मैग्नीशियम, एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, आयरन, प्रोटीन, पोटैशियम,लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स, साथ ही ग्लूटेन फ्री भी होता है. मैग्नीशियम, पोटैशियम हार्ट को हेल्दी रखता है. ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखता है. फाइबर पाचन तंत्र को बूस्ट करता है. लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स डायबिटीज पेशेंट के लिए हेल्दी है. एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स से शरीर को डैमेज होने से बचाता है. ऐसे में आप सप्ताह में बाजरे की बनी रोटियां भी जरूर खाएं.
बादाम का आटा (Almond flour)- इस आटे को बादाम को बारीक पीसकर तैयार किया जाता है. चूंकि इसमें अनाज नहीं है, इसलिए यह स्वाभाविक रूप से ग्लूटेन-फ्री होता है.बादाम का आटा मैग्नीशियम, ओमेगा-3 अनसैचुरेटेड फैट्स, प्लांट प्रोटीन, विटामिन ई एक तरह का शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेस, फाइबर, पोटैशियम, कार्ब्स आदि से भरपूर होता है. ये सभी पोषक तत्व बैड कोलेस्ट्रॉल घटाते हैं, इंसुलिन रेसिस्टेंस होते हैं. ब्लड प्रेशर कंट्रोल करते हैं. ब्रेन हेल्थ बूस्ट कर अल्जाइमर्स से बचाते हैं. इसका नटी फ्लेवर होता है. गेहूं या मैदे के आटे की जगह बादाम का आटा कई रेसिपी में यूज कर सकते हैं. पैनकेक, कुकीज, बिस्किट, होममेड पास्ता आदि में इस्तेमाल कर सकते हैं.
March 05, 2025, 11:06 IST
