'विश्व व्यापार युद्ध' शुरू! अमेरिका ने की हमले की शुरुआत, जानिए क्या होगा असर

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Global Trade War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ के जरिए दुनिया में ग्लोबल ट्रेड वॉर की शुरुआत कर दी है. चीन और कनाडा समेत कई देशों ने इसका विरोध किया है.

हाइलाइट्स
- अमेरिका ने टैरिफ लगाकर ग्लोबल ट्रेड वॉर की टेंशन बढ़ाई.
- कनाडा और चीन ने अमेरिकी टैरिफ का विरोध किया.
- भारत पर रेपरिकोल टैरिफ लगाने का प्रस्ताव है.
Global Trade War: पहला विश्वयुद्ध 1914 में हुआ था तो दूसरा वर्ल्ड वॉर 1945 में स्टार्ट हुआ था और अब ऐसा लग रहा है कि तीसरे विश्व व्यापार युद्ध की शुरुआत हो चुकी है. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ को लेकर दुनियाभर में हलचल मची हुई है. ऐसा लग रहा है कि ट्रंप के भारी-भरकम टैरिफ लगाने के फैसले से ग्लोबल ट्रेड वॉर की शुरुआत हो चुकी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस बात की पुष्टि की है कि मैक्सिको और कनाडा से आने वाले सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ आज से लागू हो गया है. ट्रंप के इस बयान के बाद ना सिर्फ दुनिया के शेयर बाजारों में बल्कि अमेरिकी स्टॉक मार्केट में भी भूचाल आ गया है. अमेरिकी शेयर बाजार कल रात भारी गिरावट के साथ बंद हुए.
उधर, अमेरिका को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए कनाडा सरकार ने भी अमेरिकी प्रोडक्ट्स के खिलाफ जवाबी टैरिफ को लेकर बड़ा ऐलान किया है. मशहूर निवेशक, वॉरेन बफेट ने कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सहयोगी देशों के खिलाफ नए टैरिफ लगाए जाने से महंगाई और आर्थिक व्यवस्था के चरमराने का खतरा बढ़ जाएगा. सीबीएस को दिए एक इंटरव्यू में वॉरेन बफेट ने ट्रंप के टैरिफ ऐलानों को लेकर ‘एक्ट ऑफ वॉर’ कहा है.
‘टैरिफ तुरंत हटाए अमेरिका’
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बयान में कहा, “कनाडा अमेरिकी टैरिफ के इस अनुचित निर्णय का बिल्कुल जवाब देगा.” यह जवाबी बयान ट्रम्प की ओर से टैरिफ के लिए एक्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करने के बाद आया है. ट्रूडो ने कहा कि पहले चरण में अमेरिकी निर्यातकों से लगभग 30 बिलियन कनाडाई डॉलर (20.6 बिलियन अमरीकी डॉलर) मूल्य के सामान पर 25% टैरिफ है, यह तब तक वापस नहीं लिया जाएगा जब तक कि अमेरिका अपने टैरिफ को नहीं हटाता. उसी रेट पर टैरिफ का दूसरा दौर तीन सप्ताह में 125 बिलियन कनाडाई डॉलर के उत्पादों पर लगाया जाएगा. इनमें कार, ट्रक, स्टील और एल्यूमीनियम जैसे प्रोडक्ट्स शामिल होंगे. कनाडा के पीएम ट्रूडो ने साफ कहा, “जब तक अमेरिका यह ट्रेड एक्शन वापस नहीं लेता है तब तक हमारे टैरिफ भी लागू रहेंगे.”
चीन ने भी साफ कर दिए इरादे
उधर चीन की कमॉर्स मिनिस्ट्री ने भी अमेरिका की ओर से लागू होने वाले नए आयात शुल्कों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की बात कही है. पिछले हफ़्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर अतिरिक्त 10% टैरिफ लगाने की बात कही थी, जिसके आज, 4 मार्च से लागू होने की उम्मीद है. यह टैक्स हज़ारों चीनी सामानों पर पहले से लागू शुल्क में अतिरिक्त बढ़ोतरी करेगा. जिससे कुल शुल्क 20 फीसदी हो जाएगा. हालांकि, अमेरिकी टैरिफ के जवाब में चीन ‘रेसिप्रोकल टैक्स’ लगाएगा. दरअसल, चीन ने अमेरिका के कृषि उत्पादों पर रेसिप्रोकल टैक्स लगाने के कदम उठाने की योजना बनाई है.
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हमने बार-बार कहा है कि अमेरिका का एकतरफा टैरिफ विश्व व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन करता है और मल्टीलेटरल ट्रेड सिस्टम को कमजोर करता है.” मंत्रालय ने कहा कि चीन, अमेरिका से आग्रह करता है कि वह अपने एकतरफा टैरिफ को तुरंत वापस ले. क्योंकि ये अनुचित हैं और दूसरों के लिए हानिकारक हैं.”
भारत पर ट्रंप के टैरिफ का कितना असर?
ट्रंप प्रशासन ने भारत से दवा के निर्यात पर भी टैरिफ लगाए जाने की बात कही है. इस पर भारतीय फार्मा इंडस्ट्री ने चिंता जताई है. वहीं, भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड पार्टनरशिप डील में अप्रैल की शुरुआत से ‘रेपरिकोल टैरिफ’ लगाने के ट्रम्प के प्रस्ताव से ऑटो से लेकर कृषि तक के क्षेत्रों के भारतीय निर्यातक चिंतित हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, सिटी रिसर्च के एनालिस्ट का अनुमान है कि इससे प्रति वर्ष लगभग 7 बिलियन डॉलर का संभावित नुकसान हो सकता है.
बता दें कि भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल यूएस के साथ ट्रेड वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका की यात्रा पर गए है. एक सरकारी सूत्र ने बताया कि यात्रा के दौरान गोयल भारत पर पड़ने वाले अमेरिकी पारस्परिक टैरिफ के प्रभाव का आकलन करने के लिए स्पष्टता की मांग करेंगे. इसके अलावा वे संभावित भारतीय रियायतों और टैरिफ को कम करने व द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए व्यापार समझौते पर भी चर्चा कर सकते हैं.
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 04, 2025, 10:48 IST
