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सड़क किनारे मिलने वाला ये है बहुमूल्य औषधीय पौधा, लिवर की गंदगी निकाले बाहर

Agency:IANS

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Bhringraj Benefits: भृंगराज, जिसे आयुर्वेद में ‘रत्न’ माना जाता है, बालों के लिए वरदान है. यह लिवर डिटॉक्स, ब्लड शुगर नियंत्रण और पाचन सुधार में भी सहायक है. चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में इसे सेहत के लिए काफ…और पढ़ें

सड़क किनारे मिलने वाला ये है बहुमूल्य औषधीय पौधा, लिवर की गंदगी निकाले बाहर

डायबिटीज के मरीजों के लिए भी भृंगराज रामबाण है.

हाइलाइट्स

  • भृंगराज बालों के लिए वरदान है.
  • यह लिवर डिटॉक्स और ब्लड शुगर नियंत्रण में सहायक है.
  • भृंगराज पाचन सुधार में भी मदद करता है.

Bhringraj Benefits: सड़क किनारे चलते-चलते आपको कई पेड़-पौधे दिखते हैं, इनमें मौजूद एक साधारण पौधा आयुर्वेद के लिए असाधारण रत्न से कम नहीं है. इसमें इतने औषधीय गुण मौजूद होते हैं कि बाल से लेकर लिवर, पाचन, डायबिटीज जैसी समस्याओं में बेहद कारगर साबित होता है. हम बात कर रहे हैं भृंगराज पौधे की. यह नमी वाले स्थान में अधिक उगता है.यह देखने में भले साधारण घास-फूस सा लगे, लेकिन प्राचीन ग्रंथ चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में इसे ‘केशराज’ और ‘भृंगराज’ जैसे नामों से जाना जाता है. ऐसा इसलिए,क्योंकि बालों के लिए रामबाण है. साथ ही लिवर को डिटॉक्स करता है. ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है. पाचन दुरुस्त रखता है. वर्षों से भृंगराज आयुर्वेदिक चिकित्सा का हिस्सा रहा है. चलिए जानते हैं भृंगराज के फायदों के बारे में विस्तार से…

भृंगराज के फायदे (Bhringraj ke fayde)

-भृंगराज को वनस्पति विज्ञान में एक्लिप्टा अल्बा कहा जाता है. भारत, ब्राजील, चीन जैसे देशों में यह बहुतायत में पाया जाता है. गांव के इलाकों में इसे ‘घमरा’ या ‘भांगड़ा’ जैसे नामों से जाना जाता है. इसकी गंध तीखी होती है. इसके स्वाद में छिपे होते हैं कई औषधीय गुण.चरक संहिता में इसे ‘पित्तशामक’ और ‘रक्तशोधक’ बताया है. यह लिवर की कार्यक्षमता बढ़ाता है. खून को साफ करता है. सुश्रुत संहिता में भृंगराज तेल को बालों के लिए बेस्ट औषधि माना है. इसे बालों की जड़ों में लगाने से बाल मजबूत होते हैं. असमय सफेद बालों की समस्या को रोकता है.बालों के लिए तो यह पौधा किसी वरदान से कम नहीं.

-भृंगराज के तेल को बालों में रेगुलर लगाने से जड़ें मजबूत होती हैं. ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. केराटिन का उत्पादन बढ़ता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-फंगल गुण सिर की त्वचा को संक्रमण से बचाते हैं. डैंड्रफ से छुटकारा दिलाते हैं.बुजुर्ग आज भी भृंगराज के पत्तों को पीसकर लेप बनाते हैं और बालों में लगाते हैं. शहरों में लोग इसके तेल को महंगे ब्रांड्स से खरीदते हैं.

– आप चाहें तो आसानी से घर पर भी भृंगराज का तेल तैयार कर सकते हैं. इसके लिए नारियल या सरसों तेल में भृंगराज की कुछ पत्तियों को उबालें. इससे इसका सार तेल में समा जाता है. बालों के अलावा, यह पौधा शरीर के आंतरिक स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही गुणकारी है.

-भृंगराज का रस या कैप्सूल लिवर को डिटॉक्सिफाई करने में कारगर है. यह पित्त के स्राव को संतुलित करता है. फैटी लिवर, पीलिया जैसे रोगों में राहत देता है. शोध के अनुसार, इसमें मौजूद ‘वेडेलोलैक्टोन’ नाम का कम्पाउंड लिवर सेल्स के पुनर्जनन में मदद करता है.

-भृंगराज का पौधा पाचन तंत्र को मजबूत बनाने वाली ‘जठराग्नि’ को प्रज्वलित करता है. इससे भोजन सही से पचता है. साथ ही पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर तरीके से होता है.पेट की गैस, अल्सर और मतली जैसी समस्याओं में भी यह कारगर है.

-डायबिटीज के मरीजों के लिए भृंगराज रामबाण है. इसके कसैले गुण और एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक प्रभाव ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करते में सहायक होते हैं. डायबिटीज के शुरुआती चरणों में आप इसे डाइट में रेगुलर शामिल कर सकते हैं. हालांकि, आप भृंगराज का सेवन किसी एक्सपर्ट की राय लेने के बाद ही करें.

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