Trending

8 की उम्र में सीखीं शतरंज की चालें; अब अंतरराष्ट्रीय ग्रैंडमास्टर्स को दी मात!

Agency:News18 Madhya Pradesh

Last Updated:

Chess Champion: खंडवा के आयुष शर्मा ने 8 साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू किया और कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत का परचम लहराया. कजाकिस्तान में हुए पाब्लो दर मास्टर टूर्नामेंट में उन्होंने छठा स्थान हासिल …और पढ़ें

X

घर

घर में चैस खेलते हुए आयुष

हाइलाइट्स

  • आयुष शर्मा ने 21 साल की उम्र में 10 देशों के खिलाड़ियों को हराया.
  • आयुष ने कजाकिस्तान में पाब्लो दर मास्टर टूर्नामेंट में तीसरा स्थान प्राप्त किया.
  • आयुष ने 8 साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू किया.

खंडवा. मध्य प्रदेश के शीर्ष शतरंज खिलाड़ियों में शामिल आयुष शर्मा की सफलता की कहानी प्रेरणादायक है. आयुष के बड़े भाई भी शतरंज के खिलाड़ी रह चुके हैं, जिनसे प्रेरित होकर उन्होंने 8 साल की उम्र से ही शतरंज खेलना शुरू किया. आयुष ने कई बड़े खिलाड़ियों को पराजित किया और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.

कुछ महीने पहले, खंडवा के आयुष शर्मा ने कजाकिस्तान में 13 से 21 अक्टूबर तक आयोजित पाब्लो दर मास्टर टूर्नामेंट में संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त किया था. टाईब्रेक के आधार पर उन्हें छठवां पुरस्कार मिला और 2 लाख 10 हजार रुपए का इनाम भी हासिल हुआ. इस टूर्नामेंट में आयुष ने कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की, बेलारूस, आर्मेनिया और यूक्रेन के ग्रैंडमास्टर्स को हराकर भारत का परचम लहराया.

आयुष शर्मा का सफर
आयुष शर्मा ने बताया, “मैंने 7 वर्ष की उम्र से ही शतरंज खेलना शुरू किया. मेरे बड़े भाई भी शतरंज खेलते थे, उनसे ही प्रेरणा मिली. 2013 में एकेडमी खुली, जहां जाकर मैंने शतरंज की बारीकियां सीखीं. इसके बाद राज्यस्तरीय (स्टेट) मुकाबलों में भाग लिया. 2014 में स्टेट चैंपियन बना, फिर नेशनल टूर्नामेंट खेला. अब तक मैंने करीब 25 राष्ट्रीय (नेशनल) और 10 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेले हैं. कजाकिस्तान, तुर्की, बेलारूस, आर्मेनिया, यूक्रेन सहित अन्य देशों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है.”

आयुष की मां संध्या शर्मा ने बताया
आयुष की मां संध्या शर्मा ने बताया, “आयुष जब 8 साल का था, तभी उसने शतरंज खेलना शुरू कर दिया था. वह हमेशा अपने बड़े भाई के साथ खेलता था. इसके बाद खंडवा की एक एकेडमी जॉइन की और वहां से प्रशिक्षण प्राप्त किया. बाद में जबलपुर में कोचिंग ली, जहां वह 5 दिन तक रहता था और प्रतिदिन 6 घंटे अभ्यास करता था. इसके बाद नागपुर में बड़े स्तर की कोचिंग ली. यहां तक कि यूक्रेन के एक ग्रैंडमास्टर से भी प्रशिक्षण लिया.”

उन्होंने आगे कहा, “उड़ीसा और तमिलनाडु में शतरंज खिलाड़ियों को सरकार का पूरा समर्थन मिलता है और उनका पूरा खर्चा उठाया जाता है, लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसा कोई सहयोग नहीं मिलता. यहां हमें खुद ही रहने और खाने का पूरा खर्चा उठाना पड़ता है.”

आयुष शर्मा की इस सफलता से मध्य प्रदेश और भारत को गर्व है. उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन उनके जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को और अधिक समर्थन प्रदान करेंगे ताकि वे विश्व स्तर पर और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकें.

homesports

8 की उम्र में सीखीं शतरंज की चालें; अब अंतरराष्ट्रीय ग्रैंडमास्टर्स को दी मात!

source

yashoraj infosys : best web design company in patna bihar
yashoraj infosys : best web design company in patna bihar

viral blogs

About Author

You may also like

Trending

नासिक में ट्रक और टेंपो में जोरदार टक्कर, 8 लोगों की मौत, कई घायल

Last Updated:January 12, 2025, 23:34 IST Road Accident: नासिक में एक भीषण रोड एक्सीडेंट में 8 लोगों की मौत हो
Trending

रोहिड़ी महोत्सव: राजस्थानी परंपरा, विरासत और पर्यटन को नई ऊंचाई देने का माध्यम

Last Updated:January 13, 2025, 00:09 IST Music Festival: ‘द रोहिड़ी’ महोत्सव का आयोजन सीमावर्ती रोहिड़ी में किया जाना था, लेकिन