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55 साल बाद खुला 250 साल पुराने मंदिर का परिक्रमा द्वार, भक्तों में खुशी की लहर

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Kangra 250 Years Old Mandir: धर्मशाला का गीता भवन मंदिर न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर है, बल्कि लोगों की आस्था और विश्वास का केंद्र भी है. 55 सालों बाद द्वार खुलने से श्रद्धालुओं को एक नई ऊर्जा और खुशी मिली है.

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ओल्ड चड़ी में स्थित मंदिर गीता भवन 

Kangra Geeta Bhawan Mandir: धर्मशाला के ओल्ड चड़ी रोड स्थित 250 साल पुराने गीता भवन मंदिर के परिक्रमा द्वार को 55 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद भक्तों के लिए खोल दिया गया. इस ऐतिहासिक मंदिर के द्वार का खुलना श्रद्धालुओं के लिए किसी उत्सव से कम नहीं है. वर्षों से बंद पड़े इस द्वार के चलते भक्त मंदिर की परिक्रमा नहीं कर पाते थे, जिससे उनकी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचती थी. अब द्वार खुलने के बाद भक्तों के चेहरों पर खुशी की चमक साफ देखी जा सकती है.

द्वार बंद होने की वजह
गीता भवन मंदिर के पंडित सुरेंद्र रतन भारद्वाज ने बताया कि जब वह 8 साल के थे, उस समय मंदिर के परिक्रमा द्वार को बंद कर दिया गया था. इसका मुख्य कारण जंगली जानवरों का मंदिर में प्रवेश करना था, जिससे मंदिर की देखरेख में काफी परेशानियां होती थीं. इसके चलते मंदिर प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से इस द्वार को बंद करने का निर्णय लिया.

हालांकि, इतने वर्षों में श्रद्धालुओं ने कई बार मंदिर प्रशासन से द्वार खोलने का अनुरोध किया. भक्तों की धार्मिक आस्था और श्रद्धा को सम्मान देते हुए आखिरकार यह निर्णय लिया गया कि द्वार को पुनः खोला जाएगा.

द्वार का शुभारंभ और भक्तों का उत्साह
मंदिर प्रशासन द्वारा द्वार खोलने का शुभारंभ कन्या के सिर पर कलश रखकर किया गया. यह धार्मिक परंपरा मंदिर की पवित्रता और शुभता का प्रतीक है.
पंडित सुरेंद्र रतन भारद्वाज ने बताया कि द्वार खुलने के बाद, पहले ही दिन लगभग 75 श्रद्धालुओं ने परिक्रमा की. भक्तों ने कहा कि यह कदम उनके विश्वास और धार्मिकता को और मजबूती देगा.

एक भक्त ने कहा कि परिक्रमा करने से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह हमारे भगवान के प्रति समर्पण का प्रतीक है. इतने सालों बाद द्वार खुलने से हम सभी बहुत खुश हैं.

मंदिर का ऐतिहासिक महत्व
गीता भवन मंदिर न केवल अपनी पुरानी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह क्षेत्र के सबसे प्राचीन और पवित्र मंदिरों में से एक है. यह मंदिर स्थानीय निवासियों के साथ-साथ दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी धार्मिक आस्था का केंद्र है.

पंडित भारद्वाज ने बताया कि धर्मशाला जैसे क्षेत्र में इतने वर्षों पुराना मंदिर बहुत दुर्लभ है. यह केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर का भी प्रतीक है.

राधा-कृष्ण मंदिर में रामकथा का आयोजन
गीता भवन मंदिर के परिक्रमा द्वार के शुभारंभ के साथ-साथ, कोतवाली बाजार के राधा-कृष्ण मंदिर में 14 से 22 जनवरी तक रामकथा का आयोजन किया जा रहा है. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के उपलक्ष्य में शुरू हुई रामकथा के शुभारंभ पर एक भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया.

श्रद्धालुओं के लिए नई शुरुआत
गीता भवन मंदिर का द्वार खोलने का यह निर्णय न केवल मंदिर प्रशासन का ऐतिहासिक कदम है, बल्कि यह भक्तों के विश्वास और समर्पण का सम्मान भी है. द्वार खुलने के बाद श्रद्धालु अपनी परंपरा और धार्मिक क्रियाकलापों को अधिक पूर्णता से निभा पाएंगे.

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55 साल बाद खुला 250 साल पुराने मंदिर का परिक्रमा द्वार, भक्तों में खुशी की लहर

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