45 दिन में डबल मुनाफा! आप भी जानिए इस खेती का राज और हो जाइए मालामाल…

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माया चौहान, मऊ जिले की महिला, मशरूम की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रही हैं. 2020 में झोपड़ी से शुरू कर अब 4 एसी प्लांट्स में खेती कर रही हैं. उद्यान विभाग से सब्सिडी और प्रेरणा मिली.

मशरुम की खेती.
हाइलाइट्स
- माया चौहान मशरूम की खेती से लाखों कमा रही हैं.
- 45 दिन में लागत का डबल मुनाफा होता है.
- उद्यान विभाग से सब्सिडी और प्रेरणा मिली.
मऊ: अगर हौसले बुलंद हों, तो किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के दोहरीघाट की रहने वाली माया चौहान इसकी जीती-जागती मिसाल हैं. उन्होंने एक साधारण झोपड़ी से मशरूम की खेती शुरू की और आज चार एसी प्लांट की मालिक हैं, जहां से हर महीने लाखों की कमाई हो रही है. उनकी इस मेहनत ने न सिर्फ उन्हें आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि कई लोगों को रोजगार भी दिया.
झोपड़ी से शुरू किया सफर
माया चौहान ने साल 2020 में मशरूम की खेती शुरू की थी. शुरुआत में उन्होंने एक झोपड़ी में छोटे स्तर पर खेती शुरू की, लेकिन जैसे-जैसे मुनाफा बढ़ता गया, उन्होंने इसे व्यवसायिक रूप दे दिया. उनकी कड़ी मेहनत और लगन रंग लाई, और आज उनके पास चार एसी प्लांट हैं, जहां बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती हो रही है.
लोकल 18 से बात करते हुए माया चौहान ने बताया कि उनकी इस सफलता में उद्यान विभाग की बड़ी भूमिका रही. जिला उद्यान अधिकारी ने उन्हें प्रेरित किया और सरकार से सब्सिडी दिलाने में मदद की. इस सरकारी सहायता से उन्हें मशरूम प्लांट लगाने में काफी सहूलियत मिली.
कैसे होती है मशरूम की खेती, कितना आता है खर्च
मशरूम की खेती में कंपोस्ट, भूसा और टनल का उपयोग किया जाता है. इसे तैयार करने के लिए मुर्गी का बीट, भूसा, चोकर और हल्की मात्रा में यूरिया और डीएपी मिलाया जाता है. हालांकि, मशरूम की फसल तैयार करने में बड़ी सावधानी बरतनी पड़ती है, क्योंकि थोड़ी सी चूक से पूरी मेहनत बेकार जा सकती है.
माया चौहान बताती हैं कि एक मशरूम प्लांट लगाने में करीब 5 लाख रुपए का खर्च आता है. लेकिन 45 दिनों के भीतर फसल तैयार होने लगती है और इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है. यही वजह है कि एक बार इन्वेस्टमेंट करने के बाद 12 महीने तक लगातार कमाई की जा सकती है। उन्होंने बताया कि लागत के मुकाबले दोगुना मुनाफा हो जाता है.
माया चौहान ने यह भी बताया कि मशरूम प्लांट में हवा, पानी और तापमान का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. अगर इन चीजों में थोड़ी भी लापरवाही हुई, तो 40 दिनों की मेहनत बेकार जा सकती है. इसलिए, खेती के दौरान हर कदम पर सतर्कता बरतनी जरूरी है.
मऊ से गोरखपुर तक मशरूम की जबरदस्त मांग
आज माया चौहान के मशरूम की मऊ, गोरखपुर, देवरिया और गाजीपुर तक भारी मांग है. उन्होंने बताया कि उद्यान विभाग से उन्हें 35% सब्सिडी भी मिली, जिससे उन्होंने अपने प्लांट को और विस्तार दिया.
अगर आप भी कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमाने का सपना देख रहे हैं, तो मशरूम की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. सही तकनीक और सरकार की मदद से आप भी इस खेती में हाथ आजमा सकते हैं और अच्छी कमाई कर सकते हैं.
Mau,Uttar Pradesh
March 09, 2025, 16:55 IST
