Info Tech

3 अरब साल पहले महासागर से घिरा था मंगल! मिले 'समुद्री बीच' के निशान

मंगल हमारी पृथ्वी के उन नजदीकी ग्रहों में से एक है जिस पर जीवन होने की सबसे ज्यादा संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। जीवन के लिए पानी की मौजूदगी को सबसे ऊपर रखा जाता है। जहां पानी है, वहां जीवन की संभावनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। लेकिन क्या मंगल पर पानी है? या कभी रहा होगा? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए आज तक कई खोजें हुई हैं। 

नासा ने 1970 में अपने मरीन 9 ऑर्बिटर के द्वारा ली गई तस्वीरों में पाया था कि मंगल पर पानी के निशान बने हैं। इन तस्वीरों ने एक बड़ी बहस छेड़ दी कि क्या कभी मंगल पर पानी बह रहा था? उसके बाद इसे लेकर कई और प्रमाण सामने आया जिनमें पाया गया कि मंगल पर पानी की मौजूदगी ने कभी बहुत बड़ी भूमिका निभाई होगी। उदाहरण के लिए मंगल के उल्कापिंडों में इस बात के सबूत मिले कि 4.5 अरब साल पहले इनमें पानी था। वहीं, समय के इस छोर पर आकर देखें तो पिछले कुछ सालों में यहां कई सबूत पाए गए हैं जो दावा करते हैं कि लाल ग्रह की सतह के नीचे बर्फ मौजूद हो सकती है। 

वर्तमान में सबसे ज्यादा जोर इसी बात पर दिया जा रहा है कि मंगल पर पानी आखिर कब मौजूद था, यह कितनी मात्रा में था, और यह कितने समय तक ग्रह पर रहा? मंगल के बारे में अब एक और नई खोज सामने आई है जिसमें दावा किया गया है कि मंगल पर सिर्फ पानी नहीं बल्कि पूरा सागर मौजूद रहा होगा। PNAS में प्रकाशित एक स्टडी में दावा किया गया है कि यहां पर चट्टानों के नीचे समुद्री बीच (beach) मौजूद है।

स्टडी को चीनी और अमेरिकी वैज्ञानिकों ने मिलकर कंडक्ट किया है। चीन में गुआंगझोऊ यूनिवर्सिटी से चीनी साइंटिस्ट जियांहुई ली इस स्टडी के प्रमुख हैं। स्टडी चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के रोवर झुरॉन्ग के मंगल से जुटाए डेटा पर आधारित है। रोवर झुरॉन्ग ने मंगल की चट्टानों के नीचे झांका है जहां पर अरबों साल पुराना सागर का किनारा मौजूद है। यह मंगल के सागर का किनारा होने का दावा किया जा रहा है। वैज्ञानिकों ने 3.6 अरब साल पहले के मंगल का एक चित्रण भी जारी किया है। 

मंगल ग्रह की खोज करने वाले रोवर ग्रह के कई पहलुओं का अध्ययन करते हैं। इसमें भूविज्ञान, वहां की मिट्टी और ग्रह का वायुमंडल शामिल हैं। रोवर अक्सर पानी के किसी भी सबूत की तलाश में रहते हैं। क्योंकि पानी मंगल पर जीवन की मौजूदगी को निर्धारित करने में एक महत्वपूर्ण कारक है। इसमें सबसे ज्यादा ध्यान अवसादी चट्टानों पर दिया जाता है। क्योंकि इनमें पानी की मौजूदगी के सबूत हो सकते हैं, और जहां पानी हो सकता है वहां जीवन भी हो सकता है। झुरॉन्ग की नजर पानी के एक बहुत ही अलग स्रोत पर गई। यह मंगल ग्रह के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है जो कि एक प्राचीन महासागर का अवशेष बताया गया है। झुरॉन्ग को चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन ने 2020 में लॉन्च किया था। यह 2021 से 2022 तक मंगल पर भ्रमण कर रहा था। 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

source

yashoraj infosys : best web design company in patna bihar
yashoraj infosys : best web design company in patna bihar

viral blogs

About Author

You may also like

Apple Watch
Info Tech

Apple Watch Series 10: The Future of Wearable Technology

Apple Watch Series 10 represents a significant leap forward in wearable technology. Combining cutting-edge hardware with innovative software, it offers