10 साल कर ली है प्राइवेट नौकरी, घर बैठने का कर गया मन तो कितनी मिलेगी पेंशन?
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कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नियमित आय प्रदान करती है. 10 साल की नौकरी और 58 वर्ष की आयु पूरी करने पर पेंशन मिलती है, जो सेवाकाल और वेतन पर निर्भर करती है. EPS सेवानिवृत्ति, विकलांगता और पारिवारिक पेंशन जैसे लाभ…और पढ़ें
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प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए ईपीएफओ पेंशन की व्यवस्था करती है.
हाइलाइट्स
- ईपीएफओ सदस्यों को मिलती है पेंशन.
- न्यूनतम 10 साल नौकरी जरूरी.
- 58 साल की उम्र में पेंशन शुरू.
नई दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने सदस्यों के लिए कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) का संचालन करता है. इस योजना के तहत, सदस्य अपनी सेवा अवधि और वेतन के आधार पर एक निश्चित अवधि के बाद मासिक पेंशन प्राप्त करते हैं. EPS की शुरुआत 16 नवंबर 1995 को कर्मचारी परिवार पेंशन योजना 1971 के स्थान पर की गई थी.
इस योजना का उद्देश्य संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय सुनिश्चित करना है. पहले की पेंशन योजना में, पेंशन केवल सदस्य की मृत्यु के बाद उनके परिवार को मिलती थी, लेकिन EPS के तहत, न केवल सदस्य बल्कि उनके परिवार को भी पेंशन का लाभ मिलता है.
कर्मचारी पेंशन योजना के लिए पात्रता
EPS के तहत पेंशन प्राप्त करने के लिए EPFO सदस्य को कुछ शर्तें पूरी करनी होती हैं:
कम से कम 10 साल की सेवा.
58 साल की न्यूनतम आयु.
EPFO में सदस्यता और नियमित योगदान.
जब कोई कर्मचारी संगठित क्षेत्र में काम शुरू करता है, तो वह स्वतः EPFO का सदस्य बन जाता है. इसके तहत, उनके वेतन से मासिक कटौती होती है, जो EPF और EPS खातों में जमा होती है. नियोक्ता का योगदान भी इसमें शामिल होता है, जिसमें से 8.33% EPS में और 3.67% EPF में जमा किया जाता है.
पेंशन पात्रता और शर्तें
सदस्य 10 साल की सेवा पूरी करने और 58 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद पेंशन के लिए पात्र होते हैं. अगर कोई सदस्य 50 साल की उम्र के बाद नौकरी छोड़ता है और 10 साल की सेवा पूरी कर चुका है, तो उसे कम पेंशन मिल सकती है.
EPS की मुख्य विशेषताएं
न्यूनतम सेवा अवधि: 10 साल.
पेंशन शुरू होने की उम्र: 58 साल.
न्यूनतम मासिक पेंशन: ₹1,000.
अधिकतम मासिक पेंशन: ₹7,500.
2014 में केंद्र सरकार ने न्यूनतम पेंशन ₹1,000 प्रति माह तय की थी. हालांकि, इसे बढ़ाकर ₹7,500 करने की मांग उठ रही है.
पेंशन की गणना
पेंशन की राशि का निर्धारण पेंशन योग्य सेवा और पिछले 60 महीनों के औसत वेतन के आधार पर होता है. इसका फॉर्मूला है:
मासिक पेंशन = (पेंशन योग्य वेतन × पेंशन योग्य सेवा) ÷ 70
उदाहरण
अगर किसी सदस्य का वेतन ₹15,000 और सेवा अवधि 10 साल है, तो मासिक पेंशन होगी:
(15,000 × 10) ÷ 70 = ₹2,143.
EPS के तहत पेंशन के प्रकार
EPS योजना विभिन्न प्रकार की पेंशन प्रदान करती है:
सेवानिवृत्ति पेंशन: 58 साल की उम्र और 10 साल की सेवा पूरी करने वाले सदस्य इसके पात्र हैं.
अर्ली पेंशन: 50 साल की उम्र के बाद सेवा छोड़ने वाले सदस्य कम पेंशन के पात्र हैं.
विकलांगता पेंशन: विकलांगता की स्थिति में न्यूनतम योगदान की आवश्यकता नहीं होती.
विधवा और बाल पेंशन: सदस्य की मृत्यु होने पर उनके जीवनसाथी और बच्चों को पेंशन दी जाती है.
अनाथ पेंशन: अगर सदस्य के बच्चे ही बचते हैं, तो उन्हें 25 साल की उम्र तक पेंशन मिलती है.
नामांकित पेंशन: नामांकित व्यक्ति को पेंशन दी जाती है, जब सदस्य का परिवार मौजूद नहीं हो.
निर्भर माता-पिता पेंशन: अविवाहित सदस्य की मृत्यु पर उनके माता-पिता को पेंशन मिलती है.
पेंशन का दावा और लाभ
पेंशन का दावा करने के लिए फॉर्म 10D भरना होता है. जो सदस्य 58 साल की उम्र के बाद पेंशन लेना टालते हैं, उन्हें हर साल 4-8% अतिरिक्त पेंशन का लाभ मिलता है.
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EPS योजना से सदस्यों को आजीवन आय, परिवार की सुरक्षा, विकलांगता कवर और आयकर में छूट जैसे फायदे मिलते हैं. यह योजना संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए एक स्थायी वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है.
New Delhi,Delhi
January 19, 2025, 06:31 IST
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