₹2800 वाली जैकेट मिल रही ₹230 में, फिर भी नहीं खरीद रहे लोग

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चीन में आर्थिक मंदी और डिफ्लेशन के कारण बाजार में ग्राहकों की कमी है. भारी छूट के बावजूद सामान नहीं बिक रहा. वैंकलाई स्टोर में 2800 की जैकेट 230 में बिक रही है.

चीन में मंदी का असर इतना गहरा हो गया है कि ग्राहकों की जेब ढीली करवाने के लिए दुकानदारों को भारी छूट देनी पड़ रही है.
हाइलाइट्स
- चीन में आर्थिक मंदी से ग्राहकों की कमी है.
- वैंकलाई स्टोर में 2800 की जैकेट 230 में बिक रही है.
- बड़ी कंपनियां भी ग्राहकों को लुभाने के लिए डिस्काउंट दे रही हैं.
नई दिल्ली. चीन में फरवरी में उपभोक्ता महंगाई दर (CPI) शून्य से नीचे चली गई है. अर्थव्यवस्था में जारी मंदी और डिफ्लेशन यानी अपस्फीति का दबाव चीन की आर्थिक सेहत की कमर तोड़ रहा है. हालात यह है कि बाजार में ग्राहक ही नहीं हैं और भारी छूट देने के बावजूद सामान बिक नहीं रहा है. बीजिंग स्थिति वैंकलाई स्टोर में दिन में चार बार फ्लैश सेल लगती है, फिर भी ग्राहक खरीदारी से कतरा रहे हैं. स्टोर के मैनेजर लियो लियू का कहना है कि 239 युआन (₹2800) की जैकेट वे महज 20 युआन (₹230) में भी बड़ी मुश्किल से बेच पा रहे हैं. बाजार में ग्राहकों के अकाल से न केवल वैंकलाई जैसे छोटे स्टोर जूझ रहे हैं, बल्कि इलेक्ट्रिक कार निर्माता बीवाईडी और स्टारबक्स जैसी बड़ी कंपनियों के भी पसीने छूटे हुए हैं.
रविवार को जारी राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (NBS) के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) सालाना आधार पर 0.7% घटा, जबकि जनवरी में यह 0.5% की वृद्धि पर था. कंज्यूमर इन्फलेशन का शून्य से नीचे जाना किसी भी देश के लिए शुभ संकेत नहीं है. अपस्फीति अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. इससे उपभोक्ता खर्च में कमी, ऋण बोझ में वृद्धि और उच्च बेरोजगारी जैसी समस्याएं खड़ी हो जाती हैं. और यही समस्याएं अब चीन में उभर रही हैं.
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ग्राहक हैं ही नहीं
चीन में मंदी का असर इतना गहरा हो गया है कि ग्राहकों की जेब ढीली करवाने के लिए दुकानदारों को भारी छूट देनी पड़ रही है. बीजिंग के फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट के पास स्थित वैंकलाई स्टोर कपड़े, स्नैक्स और घरेलू सामान बेचता है. लेकिन ग्राहकों की घटती संख्या से मुनाफे पर सीधा असर पड़ रहा है. लियो लियू का कहना है, “हमारा बिजनेस मॉडल तेजी से सामान बेचकर छोटे मुनाफे पर चलता है, लेकिन अब तो नुकसान उठाकर भी बिक्री करनी पड़ रही है.” उनका कहना है कि उन्हें 39 युआन (₹450) की महिला अंडरशर्ट भी मुफ्त में ही देनी पड़ी क्योंकि उसे कोई खरीदने को तैयार नहीं था.
बड़ी कंपनियों पर भी संकट
ऐसा नहीं है कि छोटे दुकानदार ही ग्राहकों की कमी से जूझ रहे हैं. चीन की इलेक्ट्रिक कार कंपनी बीवाईडी को भी ग्राहकों को लुभाने के लिए डिस्काउंट देना पड़ा रहा है. कंपनी ने कुछ कारों की कीमत को 10,000 डॉलर से कम कर दी है. बाजार में सामान बेचने के लिए छिड़े डिसकाउंट वार की मार कॉफी ब्रांड स्टारबक्स पर भी पड़ी है. कीमतों में कमी कर लोकल ब्रांड Luckin Coffee ने बाजार में स्टारबक्स को पीछे छोड़ दिया है. चीनी रेस्तरां के मेन्यू के रेट भी कम हो गए हैं. अब वे 3 युआन (₹35) में ब्रेकफास्ट दे रहे हैं.
रोजगार की चिंता और घटती खरीदारी
चीन में युवा बेरोजगारी दर 15.7% तक पहुंच गई है, जिससे लोग खर्च करने से हिचक रहे हैं. मंदी के चलते लोग बचत पर जोर दे रहे हैं और खर्च से बच रहे हैं. 34 वर्षीय वित्तीय लेखा परीक्षक लिली लियू का कहना है, “मेरी सैलरी पहले से कम हो गई है. मुझे हर समय नौकरी जाने का डर लगा रहता है, इसलिए अब मैं सिर्फ डिस्काउंट स्टोर्स से ही खरीदारी करती हूं.” विवियन लियू, जो एक बायोलॉजी ग्रेजुएट हैं और अब भी नौकरी नहीं मिलने के कारण पार्ट-टाइम जॉब कर रही हैं. वे कहती हैं, “मैं खरीदारी करने के बजाय सिर्फ स्टोर्स में घूमती हूं. खर्च करने के लिए पैसे ही नहीं हैं.”
क्या चीन की अर्थव्यवस्था को लगेगा झटका?
विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते डिस्काउंट और ग्राहकों की खर्च करने में हिचकिचाहट से चीन की अर्थव्यवस्था और कमजोर हो सकती है. कंपनियां मुनाफे से ज्यादा बाजार में बने रहने पर ध्यान दे रही हैं, जिससे पूरी इंडस्ट्री में लागत और कीमतों की होड़ बढ़ रही है. क्या चीन इस मंदी के दौर से निकल पाएगा, या फिर आने वाले समय में इसका असर और गहराएगा? यह सवाल अभी अनसुलझा है, लेकिन फिलहाल, 239 युआन की जैकेट 20 युआन में बिकना चीनी अर्थव्यवस्था की सच्चाई बयान कर रहा है.
New Delhi,New Delhi,Delhi
March 11, 2025, 08:55 IST
