होली-दीवाली की तारीख पर नहीं होगी उलझन, यूपी में काशी पांचांग तय करेगा छुट्टी

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Festival Holiday Calendar 2025: यह पहला मौका होगा जब पूरे उत्तर प्रदेश में त्योहारों की तारीखों पर कंफ्यूजन दूर होगा. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए बड़ा प्लान तैयार किया है, जोकि बस पूरा ही होने वाला है. च…और पढ़ें

यूपी में लागू होगा एक तिथि- एक त्योहार…
लखनऊ : दिपावली का त्योहार किस तारीख को है.. होली कब है, कब है होली? त्योहारों को लेकर ऐसे सवाल हम एक दूसरे से पूछते दिखते हैं. लंबे समय से हम सभी इसी पशोपेश में रहते हैं कि फलां त्योहार किस दिन/तारीख को है, क्योंकि इसको लेकर सही तस्वीर साफ नहीं होती. ऐसे में हर तीज-त्योहार दो-दो दिन भी मनाए जा रहे हैं… लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. सीएम योगी आदित्यनाथ इसको लेकर एक बड़े प्लान पर काम कर रहे हैं. यह जल्द साकार भी होने वाला है. इसके तहत यूपी में एक तिथि-एक त्योहार का नियम लागू होगा. 2026 में पूरे प्रदेश के लिए एक तिथि-एक त्योहार वाला पंचांग सामने आएगा. इससे प्रदेश के व्रत, पर्व, तिथि और त्योहारों के बीच होने वाला भेद भी दूर होगा. मुख्यमंत्री के निर्देश पर काशी विद्वत परिषद ने इसका खाका तैयार कर लिया है और इसे सात अप्रैल को मुख्यमंत्री को भी भेजा जाएगा.
एक तिथि-एक त्योहार का नियम अब पूरे प्रदेश में लागू होगा. काशी से प्रकाशित पंचांग के आधार पर ही प्रदेश के व्रत-पर्व और अवकाश का निर्धारण होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर काशी विद्वत परिषद ने इसका खाका तैयार कर लिया है. प्रदेश के सभी पंचांगकारों की सहमति के बाद इस दिशा में कार्य भी शुरू हो चुका है.
तीन साल पहले इस पर कार्य शुरू हो चुका था. काशी के पंचांगों में एकरूपता के बाद अब प्रदेश के पंचांग की तिथियों को एक करने की तैयारी शुरू हो गई है. 2026 में पूरे प्रदेश के लिए एक तिथि-एक त्योहार वाला पंचांग सामने आएगा. नव संवत्सर पर इसे आम जनता के लिए लोकार्पित किया जाएगा. इससे प्रदेश के व्रत, पर्व, तिथि और त्योहारों के बीच होने वाला भेद भी दूर होगा.
काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश का पंचांग तैयार करने के लिए काशी के विद्वानों के साथ ही प्रदेश के प्रमुख पंचांगकारों की टीम बनाई गई है. अगले वर्ष की कालगणना, तिथि, पर्व का सटीक निर्धारण करके एक तिथि-एक त्योहार और एक पंचांग के सूत्र पर इसे तैयार किया जाएगा.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पिछले दिनों आयोजित ज्योतिष सम्मेलन में पंचांगकारों में इस पर सहमति बन चुकी है. 2026 में आने वाले नव संवत्सर में इसका प्रकाशन किया जाएगा. इसके प्रकाशन की जिम्मेदारी अन्नपूर्णा मठ मंदिर उठाएगा. यह पहला मौका होगा जब पूरे प्रदेश में त्योहारों पर होने वाला मतभेद दूर हो जाएगा. इसका प्रकाशन संवत 2083 यानी 2026-27 के लिए किया जाएगा.
