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हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा एनकाउंटर का 'जिन्न' फिर आया बोतल से बाहर

Agency:News18 Rajasthan

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Lovely Kandara Encounter Case News: जोधपुर का बहुचर्चित लवली कंडारा एनकाउंटर केस की सीबीआई जांच शुरू हो गई है. जांच के दायरे में रातानाड़ा के तत्कालीन थानाप्रभारी लीला राम और चार अन्य पुलिसकर्मी हैं. जानें क्या…और पढ़ें

हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा एनकाउंटर का 'जिन्न' फिर आया बोतल से बाहर

लवली कटारा का एनकाउंटर 13 अक्टूबर 2021 को हुआ था.

हाइलाइट्स

  • लवली कंडारा एनकाउंटर केस की सीबीआई जांच शुरू।
  • तत्कालीन थानाप्रभारी लीलाराम समेत 5 पुलिसकर्मी आरोपी।
  • गहलोत सरकार ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की।

जोधपुर. जोधपुर का हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा एनकाउंटर का जिन्न फिर से बोतल से बाहर आ गया है. एनकाउंटर केस की सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है. इस केस में सीबीआई ने बीते 9 जनवरी को एफआईआर दर्ज की थी. इस एफआईआर में जोधपुर के रातानाडा थाने के तत्कालीन थानाप्रभारी लीलाराम समेत कांस्टेबल जितेंद्र सिंह, किशन सिंह, अंकित और विशाल को नामजद बतौर आरोपी नामजद किया गया है. यह एनकाउंटर साल 2021 के 13 अक्टूबर को हुआ था.

जांच की कड़ी में सीबीआई की टीम ने जोधपुर कमिश्नर राजेन्द्र सिंह से उनके कार्यलय में मुलाकात की. उसके बाद लवली के परिजनों से भी सीबीआई की टीम मिली. फिलहाल सीबीआई की टीम एक दिन का स्टे करके वापस निकल गई है. लेकिन केस की सीबीआई जांच शुरू होते ही यह मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है. इस केस को लेकर पुलिस महकमे में खासा हलचल मची हुई है. सीबीआई अब एनकाउंटर की कड़ी से कड़ी जोड़ेगी.

गहलोत के गृहनगर में हुआ था एनकाउंटर
दरअसल हिस्ट्रीशीटर नवीन उर्फ लवली कंडारा और पुलिस के बीच साल 2021 में 13 अक्टूबर को मुठभेड़ हुई थी. इस मुठभेड़ में लवली कंडारा मारा गया था. यह एनकाउंटर तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत के गृह नगर में हुआ था. लिहाजा यह जल्द ही तूल पकड़ गया. इस एनकाउंटर के बाद वाल्मीकि समाज के लोगों और लवली के परिजनों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया था. उन्होंने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए शहर में कई प्रदर्शन किए गए.

गहलोत सरकार ने की थी सीबीआई जांच की अनुशंसा
उसके बाद गहलोत सरकार की ओर से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की अनुशंसा की गई. इस मामले में सीबीआई की दिल्ली ब्रांच ने अब रातानाड़ा थाने के तत्कालीन थानाधिकारी लीलाराम सहित पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है. केस की जांच स्पेशल सेल द्वितीय के डीएसपी मोहिंदर राम को सौपी गई है. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल भी इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे थे. कुछ समय पूर्व ही लवली के परिजनों ने एक बार फिर बेनीवाल से मुलाकात की थी.

परिजनों का आरोप एनकाउंटर की घटना रोकी जा सकती थी
लवली के परिजनों का आरोप है कि 13 अक्टूबर 2021 को इस एनकाउंटर से पहले रातानाडा के सेनापति भवन चौराहे के पास लवली अपनी कार में था. इस दौरान लीलाराम मेघवाल सादी वर्दी में हाथ में सरकारी पिस्टल लिए उसकी गाड़ी के पास आए. उन्होंने गाड़ी का कांच तोड़ने की कोशिश की. इस पर लवली ने अपनी गाड़ी मौके से भगा दी. परिजनों का आरोप है कि सीसीटीवी में साफ दिखाई दे रहा है कि घटना के दौरान लीलाराम के हाथ में पिस्टल थी. ऐसे में वह टायर पर गोली मार लवली को रोक कर सकते थे. लेकिन लीलाराम ने ऐसा नहीं करके अपनी खुद की गाड़ी से पीछा कर उसका एनकाउंटर कर दिया.

तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था और एक भाग गया था
लीलाराम की ओर से पीछा करने का भी सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था. उसमें बनाड़ रोड पर पुलिस ने अपनी गाड़ी तेजी से आगे लेकर लवली की गाड़ी के आगे लगा दी. उसके बाद लीलाराम बाहर निकले और फायर किया. इससे लवली की गोली लगी. घटना के वक्त लवली की गाड़ी में कुल छह लोग सवार थे. उनमें से दो लोग मौके से भागने में कामयाब हुए थे. घटना के बाद पुलिस लवली कंडारा को घायल हालात में एमडीएम अस्पताल लेकर गई. वहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। उस घटना में लवली के साथ गाड़ी में सवार तीन लोगों को गिरफ्तार किया था.

एनकाउंटर का हुआ था भारी विरोध
एनकाउंटर के बाद हुए भारी विरोध पर पुलिसकर्मियों को किया निलम्बित कर दिया गया था. इस घटना के बाद एक के बाद एक कई वीडियो वायरल हुए थे. उन वीडियो के आधार पर लवली के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि लीला राम ने पूरी प्लानिंग करके लवली को गोली मारी है. इस घटना के बाद लवली के परिजनों ने थानाधिकारी लीलाराम मेघवाल सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर उसकी हत्या का आरोप लगाया था.

सरकार ने पांचों आरोपियों को बहाल कर दिया था
इसके बाद गहलोत सरकार ने तत्कालीन एडीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा ने वाल्मीकि समाज और लवली के परिजनों से वार्ता करने भेजा. वार्ता के बाद 17 अक्टूबर को जोधपुर के तत्कालीन कमिश्नर जोश मोहन ने लीला राम सहित पांचों आरोपियों को निलंबित करने का आदेश जारी किया. इसके बाद वाल्मीकि समाज और परिजनों ने लवली का शव उठाया तथा अंतिम संस्कार किया. घटना की सीबीआई जांच की मांग की गई. 26 अक्टूबर 2021 को तत्कालीन डीसीपी ईस्ट भुवन भूषण ने एक आदेश जारी कर निलम्बित थानाधिकारी लीलाराम मेघवाल सहित 5 पुलिस कर्मियों को बहाल कर दिया. इस आदेश में यह हवाला दिया गया कि पुलिस ने अपने स्तर पर पूरी जांच की. उसमें सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप प्रमाणित नहीं पाए गए.

गहलोत सरकार ने नवंबर 2023 में फिर पत्र लिखा था
इसके बाद वाल्मीकि समाज में आक्रोश व्याप्त हो गया और कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने कई दिनों तक धरना प्रदर्शन जारी रहा. आक्रोश को देखते हुए गहलोत सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी. नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस मुद्दे को संसद में उठाया था. वर्ष 2023 के नवंबर के महीने में सरकार ने फिर सीबीआई को पत्र लिख कर मामले की जांच करने की अनुशंसा की. अब सीबीआई ने इस मामले में गत 9 जनवरी को पांच आरोपियों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है.

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