हर साल 30 बच्चों को निःशुल्क जेईई की तैयारी कराती है ये संस्था, इस बार 27 स्टूडेंट्स का चयन

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प्रोजेक्ट मैनेजर गोविंद सिंह ने बताया उनकी यह संस्था देशभर में बच्चों को प्रोत्साहित करने का काम करती है. उत्तराखंड में साल 2015 से यह संस्था रेलटेल आकांशा सुपर 30 के नाम से एक प्रोजेक्ट चला रही है जिसके तहत हर…और पढ़ें

हर साल 30 बच्चों को निःशुल्क जेईई की तैयारी कराती है ये संस्था
हाइलाइट्स
- रेलटेल आकांशा सुपर 30 ने 27 छात्रों को जेईई में सफलता दिलाई.
- संस्था 2015 से हर साल 30 छात्रों को निःशुल्क जेईई की तैयारी कराती है.
- 99% से अधिक स्कोर करने वाले दो छात्रों ने सफलता पाई.
देहरादून: बीते शुक्रवार को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए ने जेईई मेन रिजल्ट 2025 जारी कर दिया. इसी के साथ टॉपर लिस्ट भी सामने आ गई. इस साल भारत के 24 स्टूडेंट्स ने जेईई मेन सत्र 2 परीक्षा में 100 परसेंटाइल स्कोर किया है. उत्तराखंड के कई स्टूडेंट्स ने भी इस परीक्षा में हिस्सा लिया था. जहां एक तरफ जेईई परीक्षा की तैयारी के लिए स्टूडेंट्स को लाखों रुपए खर्च करना पड़ता है. वहीं सीएसआरआल ने अपने प्रोजेक्ट रेलटेल आकांशा सुपर 30 के तहत देहरादून में प्रदेश के 30 होनहार स्टूडेंट्स को तैयार कर उनसे जेईई और मैन्स की परीक्षा दिलवाई, जिनमें 27 स्टूडेंट्स ने इसमें अच्छा स्कोर किया. वहीं इस संस्था के दो बच्चों ने 99 प्रतिशत से ज्यादा स्कोर किया है.
सीएसआरएल संस्था के देहरादून में संचालित किए जाने वाले प्रोजेक्ट रेलटेल आकांशा सुपर 30 के प्रोजेक्ट मैनेजर गोविंद सिंह ने बताया उनकी यह संस्था देशभर में बच्चों को प्रोत्साहित करने का काम करती है. उत्तराखंड में साल 2015 से यह संस्था रेलटेल आकांशा सुपर 30 के नाम से एक प्रोजेक्ट चला रही है जिसके तहत हर साल 30 मेधावी छात्र-छात्राओं को जेईई की तैयारी करवाई जाती है.
जेईई मेन 2025 में रेलटेल आकांशा सुपर 30 बच्चों ने लहराया परचम
उन्होंने बताया कि इस साल जेईई मेन 2025 में रेलटेल आकांशा सुपर 30 में से 27 स्टूडेंट्स ने पास हो गए हैं, जो अब एडवांस के लिए तैयारी करेंगे. उन्होंने बताया कि साल 2015 से अब तक लगभग 300 स्टूडेंट्स को संस्था सहायता दे चुकी है, जिनमें वर्तमान बैच के स्टूडेंट्स भी शामिल हैं. इसमें राज्य के दुर्गम क्षेत्र के सरकारी स्कूलों के बच्चों को चयनित करते हुए उन्हें निःशुल्क कोचिंग, आवास, भोजन और मार्गदर्शन देकर आर्थिक रूप से कमजोर और प्रतिभाशाली छात्रों के लिए शिक्षा की नई राह खोल रहा है.
हाल ही में जेईई मेन में 99.47 % के साथ सफलता हासिल करने वाले आयुष राणा ने बताया कि वह रुद्रप्रयाग के कालीमठ गांव के रहने वाले हैं, जहां उनके पिता की पूजा सामग्री की एक छोटी सी दुकान है. उन्होंने बताया कि उनका स्कूल बहुत दूर हुआ करता था उन्होंने जैसे तैसे करके स्कूलिंग की. उन्हें पता चला कि कोई संस्था एग्जाम और इंटरव्यू के बाद के करने जेईई की निःशुल्क तैयारी करवाती है. आयुष के पास यह अच्छा मौका था इसलिए उन्होंने मेहनत की और उन्हें यहां देहरादून में तैयारी करने का मौका मिला. वही हरिद्वार के अभिनव सैनी ने बताया कि उन्हें स्कूल के दौरान इंजीनियरिंग और आईटी सेक्टर के बारे में पता चला था जिसके बाद उन्हें यह मौका मिला और उन्होंने भी इस बार 99% के साथ जेईई मेन्स में सफलता हासिल की.
बारहवीं पास स्टूडेंट कर सकते हैं आवेदन
गोविंद सिंह बताते हैं कि जिन बच्चों में इस साल 12 वीं की कक्षा पास की है उनके लिए नए सेशन के लिए चयन प्रक्रिया शुरू होने वाली है. इसमें बच्चों को ऑनलाइन ऑनलाइन आवेदन करना होता है या हम स्कूलों में जाकर बच्चों का टेस्ट लेकर उनमें से मेधावी स्टूडेंट्स का चयन करते हैं. उन्होंने बताया कि नए सेशन के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं जिनका एग्जाम 6 जून 2025 को होगा. 31 मई तक बच्चे आवेदन कर सकते हैं, इसके लिए आप https://csrl.in/selectionprocess पर विजिट कर सकते हैं.
