स्पेस में ISRO की सेंचुरी! 100वें मिशन का सफल लॉन्च, अंतरिक्ष में भेजा GSLV-F15 रॉकेट

मिशन के दौरान इसरो ने सफलतापूर्क सैटेलाइट को GTO ऑर्बिट में स्थापित कर दिया। चेयरमैन वी नारायणन ने सफल लॉन्च के मौके पर कहा कि मिशन इसरो का 100वां लॉन्च था जो कि कंपनी के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गया। मिशन का डेटा भी इसरो ने प्राप्त होने की जानकारी दी है। यानी रॉकेट सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया और मिशन के सभी सिस्टम सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।
श्रीहरिकोटा से इसरो ने पहला लॉन्च 10 अगस्त 1979 को किया था जब कंपनी ने पहला सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV) लॉन्च किया था। अब उसके लगभग 46 साल के बाद डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस ने सेंचुरी लगा दी है। कंपनी ने 100 सैटेलाइट लॉन्च कर दिए हैं। अभी तक श्रीहरिकोटा से जितने भी बड़े रॉकेट लॉन्च हुए हैं वे सभी भारत सरकार द्वारा किए गए हैं।
तिरुअनंतपुरम स्थित भारत के मुख्य रॉकेट लैब विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक एस. उन्नीकृष्णन नायर ने कहा, “यह पिछले लॉन्च की तरह ही मजबूत है। जैसा कि अन्य लॉन्च होते हैं। हम अपनी पूरी क्षमता के साथ हर प्रक्षेपण को मजबूत बनाते हैं। यह भी सफल होगा।”
इस रॉकेट को इसरो कभी ‘नॉटी बॉय’ भी कहा करती थी क्योंकि इस रॉकेट ने स्पेस एजेंसी को काफी बुरा समय दिखाया था। इसके 16 लॉन्च में से 6 फेल हो चुके हैं। इसकी असफलता की दर 37% है। वहीं, भारत का लेटेस्ट बाहुबली रॉकेट लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (Launch Vehicle Mark -3) की सफलता की दर 100% बताई जाती है। यह उसी फैमिली का रॉकेट है जिसमें भारत ने क्रायोजेनिक इंजन बनाने में महारत हासिल कर अपना कौशल दिखाया था। इस तकनीक में महारत के लिए भारत को दो दशक का समय लग गया था।
100वें लॉन्च पर इसरो को उम्मीद है कि नेविगेशन सैटेलाइट्स और रॉकेट द्वारा पैदा की जाने वाली प्रारंभिक चुनौतियां अतीत की बात हो गई हैं। इसरो को उम्मीद है कि वह शानदार तरीके से 100वां लक्ष्य हासिल कर लेगी।
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