सितंबर तक मेड इन इंडिया चिप तैयार, Rising Bharat Summit में बोले वैष्णव

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने Rising Bharat Summit में कहा कि भारत एआई रेस में सबसे आगे होगा और सितंबर तक पहला स्वदेश निर्मित चिप मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत एआई की क्षमता का पूर्ण इस्तेमाल करने वाले कु…और पढ़ें

अश्विनी वैष्णव बुधवार को राइजिंग भारत समिट में शामिल हुए.
हाइलाइट्स
- सितंबर तक पहला स्वदेश निर्मित चिप तैयार होगा.
- भारत एआई रेस में सबसे आगे होगा.
- केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने Rising Bharat Summit में कहा.
नई दिल्ली. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने Rising Bharat Summit में बुधवार को शिरकत की. वैष्णव ने यहां कहा कि भारत एआई रेस में पीछे नहीं है बल्कि सबसे आगे होगा. उन्होंने बताया कि सितंबर तक देश को पहला स्वदेश निर्मित चिप भी मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि भारत उन कुछ देशों में होगा जो एआई की क्षमता का पूर्ण इस्तेमाल कर पाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत न सिर्फ अपना खुद का AI मॉडल विकसित करने की दिशा में बढ़ रहा है, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में भी जबरदस्त गति पकड़ चुका है.
उन्होंने कहा, “हमारी दिशा और रफ्तार सही है. भारत इस तकनीकी क्रांति में पीछे नहीं है, बल्कि जल्द ही दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल होगा जो AI का पूरा लाभ उठाएंगे.”
‘हर देश ने ऐसे ही शुरू किया था’
उन्होंने बताया कि जैसे दक्षिण कोरिया और वियतनाम जैसे देशों ने शुरुआत की थी, भारत भी उसी रास्ते पर चल रहा है. “हर देश ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत जीरो से की. हम भी अब कंपोनेंट लेवल पर हैं, और यही सही दिशा है.” वैष्णव ने बताया कि पिछले 5 वर्षों में भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में 17% CAGR की दर से और निर्यात में 20% CAGR की दर से वृद्धि हुई है, वो भी कोविड जैसी वैश्विक चुनौती के बावजूद.
चीनी कंपनियों को भारत में काम करने की पूरी आज़ादी
जब उनसे पूछा गया कि क्या चीनी मोबाइल कंपनियां जैसे Vivo और Oppo भारत में PLI स्कीम के तहत मैन्युफैक्चरिंग के लिए साझेदारी कर सकती हैं, तो उन्होंने कहा – “भारत में कोई भी देश या कंपनी काम करना चाहती है तो उन्हें पूरी आज़ादी है. कंपनियां तेज़ी से बढ़ने के लिए जॉइंट वेंचर करना चाहती हैं, और इसमें कोई बाधा नहीं है.”
AI में पीछे नहीं भारत
AI पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि भारत में कंप्यूटिंग पावर और टैलेंट की वजह से डेवलपर्स और स्टार्टअप्स को दुनिया में बढ़त मिल रही है. जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत AI की दौड़ में पीछे है, तो उन्होंने साफ कहा – “AI का यह पहला अध्याय है. अभी यह सिर्फ B2C (बिज़नेस टू कंज़्यूमर) लेवल पर आया है. हम इस रेस में शामिल हैं और जल्द ही टॉप देशों में गिने जाएंगे.”
AI के लिए ज़रूरी है सतर्कता
वैष्णव ने यह भी कहा कि AI जैसी तकनीक को अपनाने में सावधानी बेहद जरूरी है. “हमें इसके उपयोग और नियंत्रण पर पूरा ध्यान देना होगा क्योंकि AI में biases (पूर्वाग्रह) खतरनाक हो सकते हैं और इनका समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.”
