साक्षात कुबेर का खजाना है इस फल की खेती, किसान करते हैं छप्परफाड़ कमाई

अमेठी: खेती किसानी से भी तरक्की की नई इबादत गढी जा सकती है. कुछ खेती ऐसी होती है, जो एक सीजन में ही लाखों रुपए की कमाई का जरिया होती है. गेहूं-धान की अपेक्षा कई ऐसी फसलें हैं, जो अधिक फायदा देती हैं. वहीं, किसान धान गेहूं की अपेक्षा इससे 2 से 3 गुना मुनाफा भी कमा सकते हैं. आज हम बात कर रहे हैं अमेठी में ड्रैगन फ्रूट की खेती के बारे में. जी हां! ड्रैगन फ्रूट की खेती किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद मानी जाती है.
ड्रैगन फ्रूट से किसान कर रहे तगड़ी कमाई
अमेठी जिले के कई किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. किसानों का मानना है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती से काफी फायदा होता है. इससे किसान पारंपरिक खेती को छोड़कर इस खेती से अच्छी आमदनी कर रहे हैं. वहीं, सरकार की तरफ से ड्रैगन फ्रूट की खेती करने पर किसानों को अनुदान दिया जाता है. इससे किसानों को इस फसल की खेती में और तगड़ी कमाई हो जाती है.
1 एकड़ में इतना होता है मुनाफा
किसानों को एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने पर सरकार लागत का 40 प्रतिशत का अनुदान देती है. वहीं, एक एकड़ की बात करें तो इसमें कुल 6 लाख 75 हजार की धनराशि की लागत आती है. इसके बाद सरकार इस राशि का 40 प्रतिशत अनुदान दो किस्तों में देती है, जिससे किसानों को काफी सहूलियत मिलती है. वहीं, अगर ड्रैगन फ्रूट की खेती की बात करें, तो यह पौधा 4 से 5 फीट की दूरी पर लगाया जाता है.
1 साल बाद पेड़ों में लगते हैं फल
अमेठी के वरिष्ठ कृषि एक्सपर्ट मानते हैं कि ऐसा करने से इसकी खेती में ज्यादा पैदावार देती है. वहीं, बांस का खंबा खड़ा कर इस पर खेती शुरू की जाती है. बांस पर खेती धीरे-धीरे चढ़ना शुरू होती है. खेती शुरू करने के लगभग 1 साल बाद ड्रैगन फ्रूट फल देना शुरू करता है. इससे किसानों को अच्छा खासा मुनाफा होता है.
अनुदान लेने के लिए किसान यहां करें आवेदन
वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि अमेठी जिले के कई किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. जहां किसान एक सीजन में ढ़ाई से 3 लाख रुपए की कमाई भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा इसकी खेती पर सरकार की तरफ से किसानों को अनुदान का लाभ दिया जाता है. लाभ लेने के लिए किसानों को आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक, खतौनी, फोटो और मोबाइल नंबर के साथ उद्यान विभाग के कार्यालय में आवेदन करना होगा. जहां सत्यापन के बाद किसानों को लाभ दिया जाएगा.
