शुक्रवार रहा भारतीय वायुसेना के लिए भारी, एक दिन में दो क्रैश

Last Updated:
INDIAN AIRFORCE CRASH: रक्षा मंत्रालय ने संसद में यह बताया कि 2017 से 2022 तक कुल 34 जांचें की गईं. इन जांचों के आधार पर कई सुधारात्मक उपाय किए गए हैं. मंत्रालय ने यह भी बताया कि क्रैश के मामलों में सुधार हुआ…और पढ़ें

भारतीय वायुसेना में हादसों का सिलसिला कब थमेगा
हाइलाइट्स
- भारतीय वायुसेना के दो विमान शुक्रवार को क्रैश हुए.
- जैगुआर विमान पंचकुला के पास दुर्घटनाग्रस्त हुआ, पायलट सुरक्षित.
- An-32 विमान बागडोगरा में क्रैश लैंड, पायलट और क्रू सुरक्षित.
INDIAN AIRFORCE CRASH: भारतीय वायुसेना में हादसे रुक ही नहीं रहे है. शुक्रवार को ही भारतीय वायुसेना के दो विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गए. दिन का पहला क्रैश भारतीय वायुसेना के डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक एयरक्राफ्ट जगुआर साथ हुआ. यह एयरक्राफ्ट ने अंबाला एयर बेस से अपनी रुटीन उड़ान के तहत टेकऑफ लिया था. दोपहर 3 बचकर 45 मिनट के करीब पंचकुला के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया. पायलट ने अपनी सूझबूझ से एक बड़े हादसे को होने से बचा लिया. जिस वक्त जगुआर में तकनीकी खराबी आई थी उस वक्त वह पंचकुला शहर के उपर उडान भर रहा था. एयरक्राफ्ट शहर में ना गिरे जिसके लिए पायलन उसे शहर से बाहर कि तरफ ले गया और उसके बाद एयरक्राफ्ट से इजेक्ट किया. इस हादसे में पायलट सुरक्षित है. वायुसेना ने जांच के आदेश दिए है. भारतीय वायुसेना के पास जगुआर डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक फाइटर के 6 स्क्वाड्रन है. इस एयरक्राफ्ट के अपग्रेडेशन का काम जारी है.
बागडोगरा में An-32 का हुआ क्रैश लैंड
जगुआर क्रैश के कुछ घंटे बाद इस्टर्न सेक्टर में एक और हुर्घटना घटी. यह छोटा मालवाक विमान An-32 के साथ हुआ. एयर बेस में ही यह दुर्घटान का शिकार हो गया. गनीमत है कि एयरक्राफ्ट में मौजूद पायलट और क्रू सुरक्षित है इस घटना की पुष्टी एयरफोर्स की तरफ से की गई है. एयरक्राफ्ट को दिर्घटना स्थल से रिकवर कर लिया गया है. लेकिन दुर्घटना के कारोणों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी साझा नहीं की है. वायुसेना ने इस दुर्घटना के भी जांच के आदेश दिए हैं. फिलहाल एयरफोर्स के पास AN-32 एयरक्राफ्ट की संख्या 100 से ज्यादा है. यह वायुसेना का मुख्य ट्रांसपोर्ट विमान है. यूक्रेन के साथ 2009 में 100 से ज्यादा AN-32 ट्रांसपोर्ट विमानों का अपग्रेडेशन का समझौता हुआ था. 45 AN-32 विमानों का अपग्रेडेशन 2015 में यूक्रेन में पूरा हुआ था, जबकि बाकी विमान IAF के बेस रिपेयर डिपो कानपुर में किया जाना तय किया था. इन विमानों को रूस और यूक्रेन की जंग से पहले ही अपग्रेड कर लिया गया था.
भारतीय वायुसेना में हादसों की वजह
भारतीय सेना की ट्रेनिंग सबसे अव्वल दर्जे की होती है. इसमें कोई शक नहीं कि दुनिया के सबसे बेहतरीन पायलटों में भारत वायुसेना के पायलट आते हैं. एयरक्राफ्ट उड़ता है तो अलग अलग कारणों के चलते दुर्घटनाग्रस्त भी होता है. वायुसेना में इन कारणों को इस तरह से बांटा गया है. HE(A) यानी ह्यूमन एरर एयरक्रू , TD यानी टेक्निकल डिफेक्ट, BS बर्ड स्ट्राइक, FOD फॉरन ऑब्जेक्ट डिफेक्ट , HE(S) ह्यूमन एरर सर्विसेज.
वायुसेना के ट्रासपोर्ट बेडे की हालत
वायुसेना के ट्रांसपोर्ट बेड़े में मौजूदा स्थिति में सबसे ज्यादा An-32 विमान है. फिलहाल 100 से ज्यादा AN-32 मौजूद है. इसके बाद नंबर आता है एवरो का जो कि कुल 56 है. इन पुराने हो चले AVRO नए C-295 से बदले जा रहे हैं. इसके अलवा हैवि ट्रांसपोर्ट एयर क्राफ्ट में रूस में निर्मित IL-76 और IL-78 मिड-एयर रिफ्यूलिंग टैंकर्स है. अमेरिका से लिए गए 12 C-130J सुपर हरक्यूलिस और 11 C-17 ग्लोबमास्टर वायुसेना ऑपरेट कर रही है.
March 08, 2025, 00:12 IST
