शाबाश बेटा! दोस्तों को देख जगी सिवल सर्विस की आग; अब किसान का लाल बना अफसर

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MPPSC Result 2022: शरद तिवारी ने सपनों को साकार कर एमपीपीएससी 2022 की परीक्षा में सफलता हासिल की है, उनका शिक्षा विभाग में सहायक संचालक के पद पर सलेक्शन हुआ है.

शरद तिवारी
MPPSC Result: आपने वो मशहूर कहावत तो जरूर सुनी होगी, जिसमें नन्ही चींटी दाना लेकर पहाड़ चढ़ने की जिद करती है, और अंत में उसके संघर्ष को सफलता मिलती है. कुछ ऐसी ही त्याग संघर्ष और जिद की कहानी सागर के शरद तिवारी की है, जिन्होंने माता-पिता के संघर्ष और अपने सपनों को साकार कर एमपीपीएससी 2022 की परीक्षा में सफलता हासिल की है, उनका शिक्षा विभाग में सहायक संचालक के पद पर सलेक्शन हुआ है. इसके बाद परिवार रिश्तेदार और अन्य परिचितों को उन पर गर्व महसूस हो रहा है.
27 साल के शरद तिवारी ने इंदौर में रहकर सेल्फ स्टडी की. निम्न मध्यम वर्गीय परिवार के होने की वजह से आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. ऐसे में अपना खर्च चलाने के लिए कोचिंग की कॉपियां चेक करते थे, चौथे अटेम्प्ट में उन्होंने यह परीक्षा पास की है. इसके पहले 2019 में जो परीक्षा दी थी, इसका रिजल्ट पेंडिंग है. 2020 में मेन्स क्लियर हो गया था, लेकिन इंटरव्यू में रह गए थे. 2021 में इंटरव्यू भी हो गया था, लेकिन फाइनल सिलेक्शन नहीं हो पाया था. 2022 के परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद उन्हें यह खुशी मिली है.
पिता हैं किसान
शरद उर्फ वासु के पिता मनोज तिवारी और मां अनीता तिवारी बंडा के रहने वाले हैं. वर्तमान समय में भी यही निवास करते हैं. मनोज तिवारी की छोटी सी भूमि है जिस पर खेती किसानी का काम करते हैं जिससे परिवार का पालन पोषण चलता है. वासु की इस उपलब्धि पर आज न सिर्फ बंडा, बल्कि पूरे सागर जिला गर्व महसूस कर रहा है.
माता-पिता के संघर्ष और रिश्तेदारों का सहयोग
शरद ने कहा एमपीएससी परीक्षा में चयनित होकर बहुत अच्छा लग रहा है, जो सपने देखे थे, वह साकार होते लग रहे हैं. माता-पिता परिवार के लोग बहुत खुश हैं. वह गर्व महसूस कर रहे हैं, तो इससे बड़ी खुशी और मेरे लिए कुछ नहीं हो सकती है. शरद तिवारी ने अपनी सफलता का श्रेय आराध्य देव भगवान गणेश को दिया. साथ ही अपने माता-पिता के संघर्ष और त्याग को भी याद किया. इसके अलावा बुआ और उनके परिवारजनों का भी उन्हें काफी अच्छा सहयोग मिला.
दोस्तों को देखकर सिविल सर्विस में जाने की रुचि जागी
शरद को कॉलेज के समय प्रशासन में जाने में रुचि आई थी, जब उसके दो दोस्त एमपीपीएससी की तैयारी करने इंदौर आए थे, तो वह भी उनके साथ एमपीपीएससी की तैयारी करने इंदौर आए. फिर इसको करीब से समझा तो बहुत अधिक रुचि आई.
ये है सफलता का राज
कंपटीशन की तैयारी कर रहे बच्चों से शरद का यही कहना है कि सफलता का मुख्य आधार जो मुझे समझ में आया है वह एकाग्रता है. एकाग्रता होनी चाहिए, कुछ चीज बीच में आती हैं उन्हें दूर रखकर आपका जो समय है, उसमें पढ़ाई नियमित करनी चाहिए, बाकी चीजों को अलग करना होगा. इसके अलावा मुझे लगता है कि सेल्फ स्टडी का बहुत ज्यादा महत्व है. कोचिंग करें तो कोचिंग एक बार सिलेबस पूरा करा देती है, इसके अलावा आप सेल्फ स्टडी पर ध्यान दीजिए. आपके जो गुरु हैं मेंटोर हैं उनका मार्गदर्शन लेते रहिए. राइटिंग प्रैक्टिस का एमपीपीएससी की परीक्षा में बहुत ज्यादा महत्व है. एमपीपीएससी का जो पैटर्न है. उसमें विषय की समझ अच्छी रखिए आपका सिलेक्शन अपने आप हो जाएगा.
Sagar,Madhya Pradesh
January 20, 2025, 11:21 IST
