लिस्टेड कंपनियों में इंडिविजुअल विदेशी निवेश की लिमिट होगी डबल

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लिस्टेड कंपनियों में इंडिविजुअल विदेशी निवेशकों के निवेश की सीमा को दोगुना करके 10 फीसदी करने वाला है. सितंबर 2024 के बाद से एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार से 28 अरब डॉलर से ज्यादा की निक…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- RBI विदेशी निवेश सीमा 10 फीसदी करेगा.
- सितंबर 2024 से 28 अरब डॉलर निकासी.
- फिलहाल दवाब में हैं विदेशी निवेशक
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कैपिटल इनफ्लो को बढ़ावा देने के लिए तैयारी कर रहा है. दरअसल, आरबीआई जल्द ही इंडिविजुअल फॉरेन इन्वेस्टर्स के लिए निवेश सीमा दोगुना करके 10 फीसदी करने वाला है. दो सीनियर सरकारी अधिकारियों और रायटर्स की ओर से रिन्यू किए गए डॉक्यूमेंट्स के आधार पर यह जानकारी सामने आई है.
फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPIs) कमजोर अर्निंग्स, हाई वैल्यूएशन और अमेरिकी टैरिफ के संभावित असर से दबाव में हैं. उन्होंने बेंचमार्क एनएसई निफ्टी 50 (NSE Nifty 50) में सितंबर के रिकॉर्ड हाई के बाद से भारतीय शेयरों से 28 अरब डॉलर से ज्यादा की निकासी की है.
अब तक केवल प्रवासी भारतीयों तक ही सीमित
अधिकारियों ने कहा कि विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के लिए भारत उन सभी विदेशी निवेशकों के लिए लाभों का विस्तार कर रहा है जो अब तक केवल ओवरसीज (प्रवासी) भारतीयों तक ही सीमित थे. साथ ही लागू निवेश सीमाओं को भी बढ़ा रहा है. आरबीआई ने बीते हफ्ते सरकार को एक पत्र में कहा, “ऐसा महसूस होता है कि इन प्रस्तावों को जल्द से जल्द लागू किया जा सकता है.” लेटर में एक्सटर्नल सेक्टर के हाल के घटनाक्रमों के बीच कैपिटल इनफ्लो में रुकावट की ओर इशारा किया गया है.
फिलहाल NRIs और OCI कार्ड होल्डर्स के लिए लागू
डॉक्यूमेंट्स से पता चला है कि सभी फॉरेन इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स को लिस्टेड कंपनी में मैक्सिमम 10 फीसदी निवेश करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है. यह फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत विशेष नियमों के तहत प्रवासी भारतीय नागरिकों को भारतीय कंपनी में 5 फीसदी हिस्सेदारी रखने की अनुमति से ज्यादा है. दूसरे सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, ”फिलहाल फॉरेन एक्सचेंज मैनजमेंट नियमों में केवल गैर-निवासी भारतीयों (NRIs) और भारत के प्रवासी नागरिकों (OICs) का उल्लेख शेड्यूल III के तहत किया गया है.”
